बाहर के प्रदूषण से ज्‍यादा खतरनाक है 'इनडोर एयर पॉल्‍यूशन', इनसे होते हैं ये 5 जानलेवा रोग

हर साल, 40 लाख के करीब लोग खाना पकाने की पुरानी प्रथाओं से घरेलू वायु प्रदूषण के कारण बीमारी से समय से पहले मर जाते हैं। ज्‍यादातर लोग ठोस ईंधन और मिट्टी के तेल के साथ प्रदूषणकारी स्टोव का उपयोग करते हैं।
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बाहर के प्रदूषण से ज्‍यादा खतरनाक है 'इनडोर एयर पॉल्‍यूशन', इनसे होते हैं ये 5 जानलेवा रोग

आज के समय में भी खाना पकाने के लिए लोग स्‍वच्‍छ ईंधन का प्रयोग करने के बजाए घरेलू ईंधन (Household fuel) या ठोस ईंधन (लकड़ी, कोयला, गोबर और मिट्टी का तेल आदि ) का उपयोग करते हैं। जो इनडोर वायु प्रदूषण (Indoor air Pollution) को 100 गुना तक बढ़ावा देता है। विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन (WHO) के अनुसार, दुनिया भर में 3 अरब लोग ठोस ईंधन का प्रयोग करते हैं, इनमें से ज्‍यादातर वे लोग हैं, जो गरीब हैं और निम्‍न या मध्‍यम आय वाले देशों में रहते हैं। 

लोग ठोस ईंधन और प्रौद्योगिकियों का उपयोग करते हैं जो घरेलू वायु प्रदूषण के उच्च स्तर का उत्पादन करते हैं, जिसमें छोटे कालिख कण शामिल होते हैं जो फेफड़ों में गहराई से प्रवेश करते हैं। खराब हवा वाले घरों में होने वाले प्रदूषण 100 गुना तक हानिकारक हो सकते हैं। इसके संपर्क में विशेष रूप से महिलाओं और छोटे बच्चे होते हैं, जो घरेलू चूल्हे के पास सबसे अधिक समय बिताते हैं।

— UNHindi (@UNinHindi) November 11, 2019

इनडोर वायु प्रदूषण का स्‍वास्‍थ्‍य पर प्रभाव

विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन (WHO) के मुताबिक, हर साल 38 लाख लोग ठोस ईंधन पर खाना पकाने से होने वाली बीमारियों से मर जाते हैं। अगर बीमारियों के प्रतिशत की बात करें तो इनमें शामिल हैं: 

  • निमोनिया से 27% 
  • स्ट्रोक से 18%
  • इस्केमिक हृदय रोग से 27%
  • क्रोनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (COPD) से 20%
  • और फेफड़ों के कैंसर से 8%
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इनडोर एयर पॉल्‍यूशन के अन्‍य स्‍वास्‍थ्‍य प्रभाव

आमतौर पर, घर के अंदर मौजूद स्‍मॉल पार्टिकुलेट मैटर और अन्य प्रदूषक वायुमार्ग और फेफड़ों को नुकसान पहुंचाते हैं, प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया को बाधित करते हैं और रक्त की ऑक्सीजन-वहन क्षमता को कम करते हैं। घरेलू वायु प्रदूषण कम वजन के शिशु जन्म, टीबी, मोतियाबिंद, नासॉफिरिन्जियल और लैरींगियल कैंसर के बीच घनिष्‍ठ संबंध पाए जाते हैं। 

उच्च रक्तचाप, अस्वास्थ्यकर आहार, शारीरिक गतिविधि की कमी और धूम्रपान जैसे जोखिम कारक इस्केमिक हृदय रोग और स्ट्रोक मृत्‍यू का कारण बनते हैं। बचपन में होने वाले  निमोनिया के लिए कुछ अन्य जोखिमों में स्तनपान की कमी, कम वजन और सेकेंड हैंड स्‍मोकिंग शामिल है। फेफड़े के कैंसर और क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज के लिए, एक्टिव स्मोकिंग और सेकंड हैंड टोबैको स्मोक भी मुख्य रिस्क फैक्टर हैं।

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इनडोर एयर क्‍वालिटी को बेहतर बनाने के दिशानिर्देश

सबसे पहले यह सुनिश्चित करें कि आपके घर के आसपास की हवा शुद्ध हो। इनडोर एयर क्‍वालिटी सुधारने के लिए विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन की गाइडलाइन कहती है कि, घर में प्रयोग किया जाने वाला ईंधन ठोस होने के बजाए स्‍वच्‍छ ईंधन जैसे एलपीजी या सीएनजी आदि का उपयोग किया जाना चाहिए, जिससे प्रदूषकों को कम किया जा सके। इसके अलावा घर में वेंटीलेशन सुविधा होनी चाहिए।

Source: WHO

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