डायबिटीज में फायदेमंद हैं ये इनडोर एक्सरसाइज, बढ़ेगी इंसुलिन की मात्रा

कई लोग सोचते हैं कि एक्सरसाइज करने के लिए पार्क या जिम में जाना जरूरी है। अगर आप भी डायबिटीज के मरीज हैं और समय कम होने का बहाना बनाकर एक्सरसाइज से बचते हैं, तो ऐसा न करें।
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डायबिटीज में फायदेमंद हैं ये इनडोर एक्सरसाइज, बढ़ेगी इंसुलिन की मात्रा

डायबिटीज खतरनाक बीमारी है, जिसके शिकार उम्रदराज लोगों के साथ-साथ आजकल बच्चे, महिलाएं और युवा तेजी से हो रहे हैं। डायबिटीज का कारण शरीर में एक विशेष हार्मोन की कमी है, जिसे इंसुलिन कहते हैं। व्यायाम के द्वारा शरीर में इंसुलिन की मात्रा बढ़ाई जा सकती है मगर कई लोग सोचते हैं कि एक्सरसाइज करने के लिए पार्क या जिम में जाना जरूरी है। अगर आप भी डायबिटीज के मरीज हैं और समय कम होने का बहाना बनाकर एक्सरसाइज से बचते हैं, तो ऐसा न करें। हम आपको बता रहे हैं कुछ ऐसे इनडोर एक्सरसाइज जिन्हें घर पर ही करके आप अपने ब्लड शुगर को कंट्रोल कर सकते हैं और जी सकते हैं सामान्य जिंदगी।

एरोबिक एक्सरसाइज

हफ्ते में चार से पांच बार एरोबिक एक्सरसाइज करना मधुमेह में काफी फायदेमंद होता है। इसके लिये बस ट्रेडमिल खरीदें और इस पर वॉकिंग या रनिंग करना शुरू करें। ट्रेडमिल में गति को आप अपने हिसाब से सेट कर सकते हैं। मधुमेह के लिए यह सर्वश्रेष्ठ एक्सरसाइज में से एक मानी जाती है। इके अला वा भी कई अन्य एरोबिक एक्सरसाइज हैं जिनमें से कोई भी आप अपनी सहूलियत के हिलाब से चुन सकते हैं।

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योगासन

मधुमेह के सबसे बड़े कारणों में से एक तनाव की वजह से शरीर में ग्लुकागोन (ऐसा हारमोन जो ब्लड ग्लूकोज़ लेवल को बढ़ाता है) का स्राव बढ़ जाता है।  योगासन व प्राणायाम तथा कुछ मिनटों के नियमित ध्यान से तनाव को कम करने में काफी मदद मिलती है और शरीर पर इसके कई अन्य सकारात्मक प्रभाव भी होते हैं। योगाभ्यास से वज़न कम करने में मदद मिलती है और वसा का सही अवशोषण भी हो जाता है। सूर्य नमस्कार और कपाल भाति प्राणायाम कुछ बेहद असरदार योगासनों में से एक हैं। इसके अलावा बलासन, वज्रासन, सर्वांगासन, हलासन, धनुरासन, चक्रासन, पश्चिमोतासन तथा अर्ध मत्स्येन्द्रासन जैसे कुछ और आसन भी हैं, जिन्हें करने से डायबिटीज की समस्या में काफी फायदा होता है।

एब्डॉमिनल ब्रीदिंग टेकनीक

इसके लिए एक हाथ छाती पर और दूसरा पेट पर रखें। नाक से एक गहरी सांस अंदर लें। इससे आपको फेफड़ों में खिंचाव महसूस होगा। ऐसा 6 से 10 बार हर रोज करें। इससे आपको दिल की धड़कन और रक्तचाप नियंत्रित होता हुआ लगेगा। छह से आठ हफ्ते तक इस क्रिया का अभ्यास करने से हमेशा के लिए फायदा मिलता है। इसे तब करें जब तनाव महसूस हो रहा हो।

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प्रॉग्रेसिव रिलेक्सेशन

पूरे शरीर का तनाव दूर करने के लिए आंखें बंद करें और अपनी तनावग्रस्त मांसपेशियों पर दो से तीन मिनट ध्यान लगाएं। पहले अपने पैरों से शुरुआत करें फिर शरीर के हर अंग पर ध्यान लगाएं। इस दौरान नाक से सांस अंदर लें, पांच तक गिनें और फिर सांस बाहर छोड़ें। इसके बाद मुंह से सांस लें और छोड़ें। इस प्रक्रिया को आप घर या दफ्तर कहीं भी कर सकते हैं।

सावधानी है जरूरी

मधुमेह से ग्रस्त लोग कोई भी एक्सरसाइज या योग करने से पहले फिजिशियन से परामर्श जरूर लें। खासतौर से वे रोगी विशेष सतर्कता बरतें जो इंसुलिन लेते हैं। अर्थात इंसुलिन लेने वाले लोगों को एक्सरसाइज की योजना बनाने से पहले और बनाते वक्त विशेष सावधानी बरतनी होती है। साथ ही यह भी सुनिश्चित कर लें कि आप खाली पेट कोई भी एक्सरसाइज न करें। साथ ही अधिक पानी पीएं और अपने शरीर को डिहाइड्रेशन से बचाएं।

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