38 फीसदी बढ़ा भारतीय वयस्कों द्वारा शराब का सेवन, अध्ययन में हुआ खुलासा

भारत में एक वयस्क द्वारा प्रति वर्ष शराब के सेवन में 38 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है। 189 देशों में वयस्कों द्वारा शराब के सेवन पर किए गए एक अध्ययन में सामने आया है कि एक वयस्क द्वारा शराब का सेवन प्रति वर्ष 4.3 लीटर से बढ़कर 2017 में 5.9 लीटर हो गया है। द लांसेट में प्रकाशित निष्कर्षों में अनुमान लगाया गया है कि शराब की वैश्विक खपत 2030 तक बढ़कर प्रति वयस्क 7.6 लीटर तक हो जाएगी।
  • SHARE
  • FOLLOW
38 फीसदी बढ़ा भारतीय वयस्कों द्वारा शराब का सेवन, अध्ययन में हुआ खुलासा

भारत में एक वयस्क द्वारा प्रति वर्ष शराब के सेवन में 38 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है। 189 देशों में वयस्कों द्वारा शराब के सेवन पर किए गए एक अध्ययन में सामने आया है कि एक वयस्क द्वारा शराब का सेवन प्रति वर्ष 4.3 लीटर से बढ़कर 2017 में 5.9 लीटर हो गया है।

भारत, चीन और वियतनाम में शराब के सेवन में अधिक वृद्धि दर्ज की गई, जिसके कारण वैश्विक शराब की खपत, जो कि 1990 में प्रति वर्ष 5.9 लीटर थी, वह बढ़कर 2017 में 6.5 लीटर हो गई है।  द लांसेट में प्रकाशित निष्कर्षों में अनुमान लगाया गया है कि शराब की वैश्विक खपत 2030 तक बढ़कर प्रति वयस्क 7.6 लीटर तक हो जाएगी।

शराब की खपत और जनसंख्या वृद्धि के परिणामस्वरूप विश्व स्तर पर प्रति वर्ष शराब की कुल मात्रा में 70 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है। अध्ययन के मुताबिक, 1990 में जहां शराब की खपत 2099.9 करोड़ लीटर थी, वो बढ़कर 2017 में 3567.6 करोड़ लीटर हो गई।

इसे भी पढ़ेंः लड़कों की तुलना में लड़कियों को अधिक प्रभावित करता है सोशल मीडिया, स्टडी में हुआ खुलासा

अध्ययन में यह भी कहा गया कि कम और मध्यम आय वाले देशों में शराब का सेवन बढ़ रहा है जबकि अधिक आय वाले देशों में शराब की कुल मात्रा स्थिर बनी हुई है।

अध्ययन में अनुमान लगाया गया है कि 2030 तक सभी वयस्कों में से आधे लोग शराब का सेवन करेंगे और करीब 23 फीसदी महीने में कम से कम एक बार तो शराब का सेवन करेंगे ही।

जर्मनी स्थित ड्रेसडेन तकनीकी विश्वविद्यालय के प्रोफेसर व अध्ययन के लेखक जैकब मैंथे ने कहा, ''हमारा अध्ययन वैश्विक शराब खपत में बदलते परिदृश्य का एक व्यापक अवलोकन प्रदान करता है। 1990 से पहले अधिक आय वाले देशों में सबसे अधिक शराब का सेवन किया जाता था, जिसमें यूरोप का नंबर सबसे पहले आता था।''

उन्होंने कहा, ''हालांकि वक्त के साथ-साथ इस चलन में बदलाव आया और पूर्वी यूरोप में शराब के सेवन में भारी कमी दर्ज की गई। इसके साथ ही चीन, भारत, वियतनाम जैसे मध्य आय वाले देशों में शराब के सेवन में भारी वृद्धि दर्ज की गई।''

जैकब ने कहा, ''यह चलन 2030 तक ऐसे ही जारी रहता है तो यूरोप में शराब के प्रयोग का स्तर ज्यादा नहीं बढ़ेगा।''

शराब के सेवन की बढ़ती दर बताती है कि विश्व शराब के हानिकारक इस्तेमाल के खिलाफ लक्ष्यों को हासिल करने की सही दिशा में नहीं है।

इसे भी पढ़ेंः रेड वाइन, कॉफी, चॉकलेट आपकी लंबी उम्र के लिए फायदेमंद, जानें कैसे

अध्ययन के लेखक ने कहा, "हमारे आंकड़ों के आधार पर विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ ) का 2025 तक शराब के हानिकारक उपयोग को 10 प्रतिशत कम करने का लक्ष्य विश्व स्तर पर हासिल नहीं किया जा सकेगा।''

जैकब ने अध्ययन के लिए 1990-2017 के बीच डब्ल्यूएचओ और ग्लोबल बर्डन ऑफ डिजीज अध्ययन का अवलोकन किया। इस अध्ययन में 189 देशों के डेटा लिया गया था। इसमें प्रति व्यक्ति द्वारा शराब के सेवन का अध्ययन किया।

Read More Articles On Health News in Hindi

Read Next

लड़कों की तुलना में लड़कियों को अधिक प्रभावित करता है सोशल मीडिया, स्टडी में हुआ खुलासा

Disclaimer