
सोयाबीन, फलियों की एक प्रजाति है, जिसका प्रयोग दुनियाभर में व्यापकर रूप से किया जाता है। ये मानव स्वास्थ्य के लिए बेहद उपयोगी हैं और इसकी खेती करना भी आसान हैं। ये फलियां संयुक्त राज्य अमेरिका और दक्षिण अमेरिका में सबसे बड़ी संख्या में उत्पादित की जाती हैं। हालांकि, इसका नेटिव प्लेस पूर्वी एशिया है। सोयाबीन का वैज्ञानिक नाम ग्लाइसिन मैक्सिमम है।
सोयाबीन सेहत का खजाना होता है, जिसमें मेटाबॉलिज्म में सुधार करने, स्वस्थ वजन बढ़ाने में मदद करना, हृदय स्वास्थ्य की रक्षा करना, कोलोरेक्टल कैंसर से बचाव और रजोनिवृत्ति के प्रभावों को कम करना शामिल है। ये पाचन में सुधार करते हैं, हड्डी के स्वास्थ्य को बढ़ावा देते हैं, जन्म दोषों से रक्षा करते हैं, परिसंचरण में वृद्धि करते हैं, मधुमेह के खतरे को कम करते हैं, और आमतौर पर शरीर को टोन करते हैं।
सोयाबीन से बने आहार- What are the soya products in hindi
सोया को आमतौर एक ऐसे तत्व के रूप में जाना जाता है जिसका प्रयोग कई तरह से किया जा सकता है। जैसे ड्राई रोस्टेड सोयाबीन का स्नैक्स के रूप में, जो फाइबर यानी रेशे का एक अच्छा स्त्रोत होता है। उसी तरह सोया के लिक्विड प्रोडक्ट जैसे सोया मिल्क के रूप में, जिसका इस्तेमाल अधिकतर गाय के दूध की जगह पर किया जाता है। कभी-कभी प्रोसेसिंग के दौरान सोया ऑयल हाइड्रोजेनेटेड हो जाता है जिस कारण उसमें सैचुरेटेड फैटी एसिड बढ़ जाते हैं बनिस्पत अनप्रॉसेस्ड ऑयल के।
उबले हुए सोयाबीन और टोफू कैल्शियम के अच्छे स्त्रोत हैं, लेकिन सोया मिल्क से प्राप्त होने वाली कैल्शियम की मात्रा उस ब्रांड पर निर्भर करती है जो आप खरीदती हैं। जैसा कि आप जानती ही हैं कि सोया एक सर्वोत्तम उपयोगी आहार है, लेकिन हम सभी इसके इस्तेमाल के बेहतर तरीकों से भी पर्याप्त लाभ प्राप्त कर सकते हैं। सोयाबीन में 52 प्रतिशत प्रोटीन तथा 19.5 प्रतिशत वसा होता है। इसके अलावा इसमें आयरन और फॉस्फोरस आदि खनिज तत्व भी पाये जाते हैं। सोयाबीन से दूध, दही, मक्खन, पनीर, तेल और घी आदि सभी तैयार किये जा सकते हैं।
फाइबर से युक्त होता है सोयाबीन- Soybeans is fiber rich food in hindi
जब आपकी दादी मां आपसे कहती थीं कि मोटा अनाज या चोकरयुक्त आटा खूब खाओ तो वह फाइबर के बारे में बात करती थीं। और जब आप उनकी बात सुनकर अपने आहार में फाइबर की मात्रा बढ़ाते हैं तो आपको अत्यधिक लाभ मिलते हैं। फाइबर बहुत रूप में पाया जाता है। यही कारण है कि पौधों से उपजी हुई चीजें खाएं क्योंकि उसमें रेशा बना रहता है साथ ही कोई खास परिवर्तन नहीं होता है।
कुछ फाइबर बहुत सी सब्जियों में पाया जाता है तो कुछ गेहूं और जौ में पाया जाता है। इस कारण विभिन्न प्रकार के फाइबर में अलग-अलग बायोलॉजिकल प्रभाव होता है। लेकिन यह कोई सख्त नियम नहीं है कि हम अपने दैनिक आहार में कितना फाइबर सम्मिलित करें या हमें रोजाना कितना फाइबर लेना चाहिए। लेकिन बहुत से हेल्थ-केयर प्रोफेशनल्स इस बात से सहमत हैं कि हमें एक दिन में लगभग 20-25 ग्राम फाइबर लेना जरूरी है।
सोया से बना टेम्पेह उत्पाद आमतौर पर मांस के विकल्प के रूप में इस्तेमाल में लाया जाता है। अगर आप उसका औसत रूप में इस्तेमाल करती हैं तो आपको उससे लगभग 10 ग्राम रेशा प्राप्त होता है। यह प्रोडक्ट हमारे पाचन तंत्र को प्रभावित करने वाले तत्व में प्रमुख है।
सोयाबीन में मौजूद पोषक तत्व- Nutrients of soybeans in hindi
सोयाबीन महत्वपूर्ण पोषक तत्वों से युक्त है। इसमें कैल्शियम, मैग्नीशियम और बहुत सारे विटामिन बी कॉम्पलेक्स पाये जाते हैं। आधा कप उबले सोयाबीन खाने से आप तकरीबन 44 प्रतिशत आयरन प्राप्त करते हैं (यानी आपकी दैनिक जरूरत पूरी हो जाती है)। साथ ही आपको कैल्शियम, मैग्नीशियम और जिंक, थाइमाइन, निआकिन, राइबोफ्लेविन और विटामिन बी6 की सही मात्रा प्राप्त होगी।
इसे भी पढ़ें: ब्लड शुगर और कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित रखने के लिए रोजाना खाएं हरा धनिया, जानें इसके अन्य लाभ
सोयाबीन के स्वास्थ्य लाभ- Benefits of soybeans in hindi
सोया में एंटीऑक्सीडेंट के साथ-साथ कैंसर प्रतिरोधक तत्व पर्याप्त मात्रा में पाये जाते हैं। आइए एक नजर डालें सोया के अन्य गुणों पर:
1. दिन में एक बार सोयाबीन के आटे से बनी चपाती खाने से पेट साफ रहता है और एसिडिटी दूर हो जाती है।
2. सोयाबीन परिवार के लिए एक उत्तम आहार है। खासतौर पर बढ़ते हुए बच्चों के लिए, बूढ़े व्यक्तियों, मधुमेह तथा दिल के रोगियों और मोटापा घटाने के इच्छुक व्यक्तियों के लिए बहुत ही उपयोगी है।
3. कमजोरी होने पर अंकुरित सोयाबीन चबाने और उसके साथ सोयाबीन से बना आहार खाने से कमजोरी दूर हो जाती है।
4. सोयाबीन शरीर का विकास करने वाले प्रोटीनों एवं कुदरती खनिज पदार्थो से भरपूर है।
5. डायबिटीज के रोगियों के लिए सोयाबीन के आटे का उपयोग फायदेमंद होता है।
6. जो माताएं बच्चे को अपना दूध पिलाती हैं उन्हें सोयाबीन का सेवन खूब करना चाहिए।
7. सोयाबीन का सेवन करते रहने से एक्जिमा रोग नहीं होता। साथ ही चेहरे पर कील-मुंहासे, दाग-धब्बे नहीं होते।
8. सोयाबीन के आटे से बना हलुवा प्रतिदिन खाने से दिमागी शक्ति बढ़ती है।
Read More Articles on Diet and Nutrition in Hindi