
वजन घटाने के लिए लोग कई तरीके अपनाते हैं, लेकिन उसके बाद भी मोटापे से निजात नहीं मिलती है। इसका कारण आतों के बैक्टीरिया हो सकते हैं।
आजकल मोटापा आम समस्या बन गई है, और लोग इससे निपटने के लिए कई नुस्खे अपनाते हैं। रोज जिम जाकर व्यायाम करने और पौष्टिक आहार लेने के बावजूद, कई लोगों के लिए वजन कम करना मुश्किल होता जा रहा है। इसका मतलब है, कि हम जो कोशिशें कर रहे हैं, वह नाकाम हो रही हैं। आपका माइक्रोबायोम, वजन कम न होने का कारण हो सकता है। डाइटिंग और परहेज करने के बाद भी अगर वजन नहीं घटता है, तो ये माइक्रोबायम के कारण है। इसे संतुलित करने के लिए, कुछ फाइबर, प्रीबायोटिक्स और प्रोबायोटिक्स पर ध्यान देना बेहद जरूरी है जैसे- दही, केला, ओट्स और फ्लेक्ससीड्स आदि।
माइक्रोबायोम क्या है?
माइक्रोबायोम आपके शरीर में मौजूद, बैक्टीरिया और वायरस को मिलाकर बनता है। आपकी आंत में लाखों बैक्टीरिया पाए जाते हैं, जिन्हें सामूहिक रूप से माइक्रोबायोम कहा जाता है। माक्रोबायोम कभी भी स्थिर नहीं रहता है, बल्की ये बदलता रहता है। बैक्टीरिया का बदलाव इसपर निर्भर करता है, कि आपने क्या खाया है। माइक्रोबायोम आपके स्वास्थ्य के अच्छे और बुरे दोनों के लिए बदल सकता है। बढ़ता हुआ बदलाव कई तरह की बीमारियों को आपके शरीर में पैदा कर सकता है, जैसे- मधुमेह, मोटापा, सूजन और आंत्र रोग आदि। अच्छे स्वास्थ्य और पाचन तंत्र के लिए, स्वस्थ प्रोबायोटिक्स का एक मजबूत परिवर्तन जरूरी है। अधिक वजन वाले या मोटे लोगों में, माइक्रोबायोम के बदलाव की कम होती है।
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आंतों और नींद के बीच संबंध
आपके पेट में बैक्टीरिया स्वस्थ होना चाहिए, क्योंकि ये सोते समय आपकी आंतो को प्रभावित करता है। हमारे सोने का गलत तरीका, पेट में रहने वाले जरूरी बैक्टीरिया को स्वस्थ्य रखने से रोकता है। ये बैक्टीरिया तनाव, चिंता और अवसाद के असंतुलन के बीच एक मजबूत संबंध दिखाते हैं, इसके कारण आपको नींद न आने की समस्या बढ़ती है।
आंतों को स्वस्थ्य रखने के लिए क्या करें?
- आंत के स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए, चीनी और कार्ब्स वाले खाद्य पदार्थों का सेवन कम करें और ज्यादा फाइबर वाले खाने का सेवन करें।
- अपनी प्लेट का 75 प्रतिशत हिस्सा सब्जियों का रखें, जो आपके लिए हेल्दी है। वास्तव में, आपके आंतों के बैक्टीरिया फाइबर खाद्य पदार्थों से बिल्कुल ठीक हो जाते हैं।
- कम फैट वाला खाना खाएं, और तले-भुने खाने से परहेज करें। जैतून का तेल पेट की सूजन को कम करने में मदद करेता है और आंतो को स्वस्थ रखता है।
- फाइबर युक्त प्रीबायोटिक्स खाद्य पदार्थों का सेवन करें जैसे- मेवे, बीज, हरी सब्जि आदि, ये आपके आंतों के बैक्टीरिया को सही रखने में मदद करते हैं।
एंटीबायोटिक्स और दवाओं से बचें
एंटीबायोटिक्स अच्छे और बुरे बैक्टीरिया को नष्ट कर देते हैं, और इसे ठीक होने में कई सप्ताह लग सकते हैं, इसलिए जब तक आपको उनकी आवश्यकता न हो, उन्हें न लें। उनका उपयोग से आप मोटापे और एलर्जी के शिकार भी हो सकते हैं। यहां तक कि पेरासिटामोल और एंटासिड जैसी सामान्य दवाएं, बैक्टीरिया को खत्म कर सकती हैं। किसी तरह के सप्लिमेंट और विटामिन की गोलियों से भी परहेज करें, ये पेट फूलने जैसी समस्याओं का कारण बन सकती हैं।
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