Hypoventilation in Hindi: नींद और सांस लेने से जुड़ी समस्याएं बहुत गंभीर होती हैं, इन्हें सामान्य समझकर नजरअंदाज करना बहुत खतरनाक माना जाता है। सही समय पर सांस और नींद से जुड़ी परेशानियों के लक्षणों को समझकर उचित इलाज लेना चाहिए, ऐसा न करने से मरीज की जान भी जा सकती है। सांस से जुड़ी एक ऐसी ही गंभीर बीमारी है हाइपोवेंटिलेशन। हाइपोवेंटिलेशन की समस्या में आपको सांस लेने में परेशानी होती है, जिसकी वजह से मरीज को कई गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। मरीज को यह समस्या ज्यादातर सोते समय होती है और इसकी वजह से नींद में ही मरीज की जान भी जा सकती है। आइये इस लेख में विस्तार से जानते हैं हाइपोवेंटिलेशन क्या है और इससे बचने के उपाय।
हाइपोवेंटिलेशन क्या है?- What is Hypoventilation in Hindi
हाइपोवेंटिलेशन को रेस्पिरेटरी डिप्रेशन या हाइपोवेंटिलेटरी सिंड्रोम भी कहते हैं। यह बीमारी आपके ब्रेन और सेंट्रल नर्वस सिस्टम को प्रभावित करती है। पहले से स्ट्रोक और स्लीप एपनिया जैसी गंभीर बीमारियों से पीड़ित लोगों को हाइपोवेंटिलेशन का खतरा ज्यादा रहता है। सांस लेते समय अगर कोई व्यक्ति हाइपोवेंटिलेशन करता है, तो इसकी वजह से शरीर में ऑक्सीजन की कमी हो जाती है और कार्बनडाइऑक्साइड का स्तर बढ़ जाता है। हाइपोवेंटिलेशन का गंभीर रूप से शिकार मरीज नींद में ही मौत का शिकार भी हो सकता है।
बाबू ईश्वर शरण हॉस्पिटल के सीनियर फिजिशियन डॉ. समीर कहते हैं कि, "सांस लेने से आपके शरीर में ऑक्सीजन की सप्लाई होती है और इसके बाद खून से पूरे शरीर में ऑक्सीजन पहुंचता है। हाइपोवेंटिलेशन की समस्या में शरीर कार्बनडाइऑक्साइड को शरीर और फेफड़ों से पूरी तरह बाहर नहीं कर पाता है, इसकी वजह से शरीर में ऑक्सीजन की कमी हो सकती है।" हाइपोवेंटिलेशन में आपकी सांस गंभीर रूप से प्रभावित होती है या आसान भाषा में कहें तो आप सांस कम लेते हैं। नींद के दौरान यह समस्या ज्यादा होती है।
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हाइपोवेंटिलेशन के कारण- What Causes Hypoventilation in Hindi
हाइपोवेंटिलेशन की समस्या अलग-अलग व्यक्तियों में अलग-अलग कारणों से हो सकती है। यह समस्या ब्रीदिंग रेट को गंभीर रूप से प्रभावित करती है। इसके अलावा हाई ब्लड प्रेशर और न्यूरोमस्कुलर डिसऑर्डर की परेशानी भी हाइपोवेंटिलेशन की वजह से होती है। हाइपोवेंटिलेशन के मुख्य कारण इस तरह से हैं-
- मोटापे की वजह से
- न्यूरोमस्कुलर डिसऑर्डर
- ब्रेन इंजरी और स्ट्रोक के कारण
- स्लीप एपनिया की वजह से
- नींद से जुड़ी गंभीर बीमारी के कारण
- रेस्पिरेटरी मसल्स में कमजोरी के कारण
- फेफड़ों से जुड़ी पुरानी बीमारी
- शरीर में अमोनिया का स्तर बढ़ने के कारण
हाइपोवेंटिलेशन के लक्षण- Hypoventilation Symptoms in Hindi
हाइपोवेंटिलेशन की समस्या ज्यादातर नींद के समय होती है, इस दौरान मरीज में ज्यादा लक्षण दिखाई नहीं देते हैं। लेकिन कुछ मरीजों में ऑक्सीजन की कमी और कार्बनडाइऑक्साइड बढ़ने पर कई गंभीर समस्याएं होती हैं। हाइपोवेंटिलेशन की समस्या में दिखने वाले प्रमुख लक्षण इस तरह से हैं-
- बहुत ज्यादा थकान होना
- दिन में नींद आना
- डिप्रेशन और मानसिक समस्याएं
- बेचैनी और चक्कर आना
- जी मिचलाना और सिरदर्द
- हाथ-पैर की उंगलियों का नीला पड़ना
- दिखने में समस्या होना
- शरीर एक्टिविटी के दौरान दिक्कत
- कंपकंपी और हार्ट रेट बढ़ना
- उल्टी और मतली की समस्या
- ब्लड प्रेशर घटना और बढ़ना
हाइपोवेंटिलेशन से बचाव और इलाज- Hypoventilation Prevention and Treatment in Hindi
हाइपोवेंटिलेशन की समस्या में डॉक्टर मरीजों के लक्षण और परेशानी के आधार पर इलाज करते हैं। कुछ दवाओं और खाद्य पदार्थों की वजह से भी हाइपोवेंटिलेशन का खतरा रहता है। इस स्थिति में डॉक्टर मरीज को दवाओं का सेवन करने की सलाह देते हैं। इसके अलावा हाइपोवेंटिलेशन से बचने के लिए हवादार जगह पर सोने और बंद कमरे में सोने से बचने की सलाह दी जाती है। इसके अलावा खानपान में हेल्दी फूड्स को शामिल करने और शराब का सेवन न करने से आप हाइपोवेंटिलेशन की समस्या से बच सकते हैं।
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