
Sehat Ko Kaise Thik Rakhe: हर मौसम में बीमार पड़ते हैं, तो अपनी आदतों में बदलाव करके देखें। ठंडक बढ़ने के साथ लोग जल्दी-जल्दी बीमार पड़ने लगते हैं। इसका कारण साफ-सफाई की कमी भी हो सकती है। शरीर को साफ नहीं रखेंगे, तो संक्रमण और रोग शरीर को अपनी चपेट में लेंगे। शरीर को स्वस्थ्य रखने के लिए अच्छी आदतों को रूटीन में जरूर शामिल करें। ऊपरी तौर पर हमें बचपन से कई हाइजीन की आदतें सिखाई जाती हैं जैसे रोजाना ब्रश करना, खाने से पहले हाथों को साफ करना आदि लेकिन इन आदतों को गलत ढंग से करने के कारण ये बेअसर हो गई हैं। इस लेख में हम आपको बताएंगे 5 ऐसी आदतें जिन्हें आजमाने से शरीर फिट रह सकता है और आप बीमार नहीं पड़ेंगे।
1. हाथों को 30 सेकेंड तक धोना काफी नहीं है, बदलें आदत
अगर आप भी हाथों को 30 सेकेंड या उससे कम समय के लिए धोते हैं, तो ये आदत बदल लें। आपको बता दें, कि जर्म्स से भरे हाथों को कुछ सेकेंड में साफ नहीं किया जा सकता। हाथों को साफ करने के लिए कम से कम 40 से 60 सेकेंड्स का समय दें।विश्व स्वास्थ्य संगठन यानी WHO की रिपोर्ट के मुताबिक, साबुन से हाथ धोने के लिए कम से कम 40 से 60 सेकंड तक हाथ में साबुन मलना जरूरी है। इसी तरह सैनिटाइजर का इस्तेमाल भी कम से कम 20 से 30 सेकंड तक करना चाहिए।
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2. नाखूनों को साफ रखने की आदत डालें
नाखूनों में हमेशा मैल जमा रहता है, तो आपकी सेहत खतरे में पड़ सकती है। हाथों से हम खाना खाते हैं। अगर नाखून साफ नहीं होंगे, तो नाखून में जमी गंदगी मुंह के जरिए शरीर में चली जाएगी। इस कारण से पेट में इंफेक्शन, डायरिया या अन्य बीमारियां हो सकती हैं। नाखूनों को साफ रखने के लिए, कुछ भी खाने के बाद हाथों को अच्छी तरह से साफ करें। इसके अलावा नाखूनों को समय-समय पर काटते रहें। ज्यादा बड़े नाखूनों में ही गंदगी ज्यादा जमा होती है।
3. दांतों को ब्रश करना काफी नहीं, फ्लाॅस करना सीखें
अगर ओरल हाइजीन बरकरार रखने के लिए केवल ब्रश करते हैं, तो ये काफी नहीं है। मुंह में खाना फंस जाता है जिसके निकालने के लिए फ्लॉसिंग की जरूरत पड़ती है। फ्लाॅसिंग करने से मुंह में दांतों में सड़न या मुंह से बदबू आने की समस्या से छुटकारा मिलता है। फ्लॉसिंग करने से मसूड़े भी स्वस्थ्य रहते हैं। इस आदत को अपने रूटीन में जरूर शामिल करें। फ्लॉस करने के लिए ये स्टेप्स फॉलो करें-
- अपने अंगूठे और उंगली के बीच डेंटल फ्लॉस को पकड़ें।
- फ्लॉस को दो दांतों के बीच रखें और धी रे से आगे-पीछे मूव करें।
- जैसे ही फ्लाॅस मसूड़ों की लाइनिंग तक पहुंचें, तो उसे दांत के अंगेस्ट सी का आकार देकर मोड़ें।
- फ्लॉस के बाद उसे फेंक दें।
4. टॉयलेट जाने के बाद पानी का उपयोग सीखें
टॉयलेट पेपर बनाम धुलाई। ये हमेशा से चर्चा का विषय रहा है। न्यूयॉर्क शहर के एक रेक्टल सर्जन डॉ. इवान गोल्डस्टीन की मानें, तो मल त्याग करने के बाद टॉयलेट पेपर का इस्तेमाल करने से कई बीमारियां हो सकती हैं। 'द यूरोलॉजी ग्रुप' के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ फिलिप बफिंगटन कहते हैं, टॉयलेट पेपर का उपयोग करते समय बैक्टीरिया को मल के बाद रहने की अनुमति देने का एक निमंत्रण हो सकता है, इसके लिए आपको ध्यान रखना है कि टॉयलेट जाने के बाद हमेशा पानी से अपने अंगो का धोएं। इस काम को करने में अगर आप गर्म पानी का स्प्रे करें या गुनगुने पानी से धोना चाहिए। पानी के इस्तेमाल के बाद टॉयलेट पेपर से पानी को पोंछ लें। ऐसा न करने से बैक्टीरियल इंफेक्शन या यूटीआई का खतरा बढ़ सकता है।
5. रोजाना इस्तेमाल की जाने वाली चीजों को बदलते रहें
कुछ लोग महीनों तक एक ही ब्रश, तौलिया, कंघी या लूफा का इस्तेमाल करते हैं। ये गलत आदत है। हर 2 से 3 महीनों में पर्सनल चीजों को बदलते रहना चाहिए। इसके अलावा इन चीजों को धूप में सुखाना चाहिए। हफ्ते में एक बार पर्सनल हाइजीन की चीजों को गुनगुने पानी के साथ धोकर सुखाएं। इसी तरह अपनी बेडशीट और तकिए के कवर को भी समय-समय पर बदलते रहना चाहिए। जो लोग ड्राइव करते हैं, उन्हें गंदे हेल्मेट से संक्रमण हो जाता है। अपने इस्तेमाल की सभी जरूरी चीजों को समय-समय पर साफ करने की आदत डालें।
ऊपर बताई इन 5 आदतों को रूटीन में शामिल करने से आप नए साल में सेहतमंद रह सकते हैं। इन आदतों की मदद से किसी भी मौसम में आप बीमार नहीं पड़ेंगे। सेहत से जुड़ी अन्य जानकारी के लिए पढ़ते रहें ओनलीमायहेल्थ।