How UTI Affect The Baby During Pregnancy In Hindi: यूटीआई यानी यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन। जब यूरिनरी सिस्टम में किसी तरह का इंफेक्शन होता है, तो उसे यूटीआई के नाम से जानते हैं। यूरिनरी सिस्टम में किडनी, ब्लैडर, यूरेथ्रा जैसे अंग आते हैं। पुरुषों की तुलना में महिलाओं को यूटीआई का रिस्क अधिक रहता है। इसलिए, महिलाओं को इस संबंध में अधिक सावधानी बरतने की जरूरत होती है। विशेषज्ञों का कहना है कि महिला गर्भवती हो या न हो, दोनों ही कंडीशन में महला को यूटीआई होने का रिस्क बराबर रहता है। यूटीआई होने पर पेशाब के दौरान जलन होना, दर्द होना और खुजली होना जैसी कुछ समस्याएं हो सकती है। गर्भवती महिलाओं को इस ओर ज्यादा ध्यान देने की जरूरत है। ऐसा इसलिए क्योंकि प्रेग्नेंसी के दौरान यूटीआई होने पर इसका गर्भ में पल रहे शिशु के स्वास्थ्य बुरा असर पड़ सकता है। इस लेख में जानेंगे कि यूटीआई होने पर प्रेग्नेंट महिला के बच्चे पर क्या असर पड़ सकता है? इस बारे में हमने वृंदावन और नई दिल्ली स्थित मदर्स लैप आईवीएफ सेंटर की चिकित्सा निदेशक, स्त्री रोग और आईवीएफ विशेषज्ञ डॉ. शोभा गुप्ता से बात की।
प्रेग्नेंसी में यूटीआई होने पर शिशु के स्वास्थ्य पर असर- How UTI Affect The Baby During Pregnancy In Hindi
प्रेग्नेंसी के दौरान महिलाओं को कई तरह की शारीरिक समस्याएं हो सकती हैं। यही कारण है कि अक्सर गर्भवती महिलाओं से यूटीआई के लक्षणों की अनदेखी हो जाती है। जबकि, ऐसा किया जाना बिल्कुल सही नहीं है। वैसे तो सही ट्रीटमेंट और हाईजीन का ध्यान रखकर यूटीआई जैसी समस्याओं से बचा जा सकता है। लेकिन, अगर लंबे समय तक प्रेग्नेंट महिला ने इसकी अनदेखी की तो यह उनके स्वास्थ्य के लिए ही नहीं, बल्कि गर्भ में पल रहे शिशु के लिए भी हानिकारक हो सकता है। असल में, प्रेग्नेंसी के दौरान महिलाओं का शरीर काफी कमजोर होता है और इम्यूनिटी भी वीक होती है। ऐसे में अगर यूटीआई का इलाज न किया गया, तो इंफेक्शन अंदर तक फैल सकता है। नतीजतन, बच्चे का स्वास्थ्य भी प्रभावित हो सकता है। यूटीआई के कारण महिला को प्रीटर्म लेबर, प्रीमैच्योर डिलीवरी और यहां तक कि भ्रूण की मृत्यु तक हो सकती है। इसलिए, प्रेग्नेंसी के दौरान अगर महिला को पेशाब करते हुए जरा भी जलन हो या खुजली का अहसास हो, तो इसकी अनदेखी नहीं करनी चाहिए। इसके बजाय, उन्हें तुरंत डॉक्टर से संपर्क कर अपना ट्रीटमेंट करवाना चाहिए।
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प्रेग्नेंसी में यूटीआई का जोखिम कम करने के उपाय- How To Reduce Risk Of UTI During Pregnancy In Hindi
प्रेग्नेंसी के दौरान महिलाओं को चाहिए कि अपनी सेहत का विशेष ध्यान रखें। साथ ही इंटीमेट हाइजीन पर भी गौर करें ताकि यूटीआई जैसे इंफेक्शन हों। यहां हम आपको बता रहे हैं कि यूटीआई के जोखिम (Pregnancy Me UTI Hone Par Kya Kare) कैसे कम किया जा सकता है-
- हर बार पेशाब करने के बाद वजाइना को सादे पानी से धोएं।
- गंदी जगह या पब्लिक टॉयलेट का यूज करने से बचें।
- अगर इमर्जेंसी में पब्लिक टॉयलेट यूज करना है, तो अपने साथ डिसइंफेक्टेंट स्प्रे रखें। सीट को पहले डिसइंफेक्ट करें। इसे बाद टिश्यू से क्लीन करने के बाद टॉयलेट का यूज करें।
- हमेशा साफ अंडरगार्मेंट से ही पहनें। प्रेग्नेंसी में कॉटन के अंडरवियर ज्यादा सेफ रहते हैं।
- बहुत ज्यादा टाइम अंतःवस्त्र पहनने से बचें। इससे वजाना और पेल्विक एरिया के आसपास पसीना हो सकता है, जिससे इचिंग और खारिश की समस्या हो सकती है।
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