
अगर आप डायबिटीज के शिकार हैं और आपके पैरों में भी जलन और दर्द रहता है तो इसे नजरअंदाज न करें, जानें इसका क्या है कारण और बचाव के तरीके।
डायबिटीज के मरीज को अपनी जीवनशैली और अपने खानपान पर खास नजर रखनी पड़ती है। ये तब ज्यादा जरूरी हो जाता है जब ब्लड शुगर लेवल बढ़ने लगे। बढ़ते ब्लड शुगर लेवल से शरीर की की चीजों का ध्यान रखना जरूरी हो जाता है। ऐसे में पैरों में कई जगह समस्या पैदा होने लगती है जैसे तलवे की त्वचा में रंग में बदलाव और लालपन। डायबिटीज एक ऐसी बीमारी है जिसमें कई तरह के शरीर में बदलाव देखने को मिलते हैं। कई बार ब्लड शुगर का लेवल कोशिशों के बाद भी कंट्रोल नहीं होता जिसकी वजह से हमे काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
डायबिटीज के मरीज जिन लोगों का ब्लड शुगर लेवल बढ़ने की ओर रहता है उनके तलवों में अलग-अलग तरह के लक्षण दिखाई देने लगते हैं। इसके लिए लोग अक्सर परेशान रहते हैं कि तलवों और पंजों के आसपास ऐसा क्यों हो रहा है। लेकिन अब आपको परेशान होने की जरूरत नहीं है, हम आपको यहां बताते हैं कि आप कैसे अपने पैरों का ध्यान रख सकते हैं।
डायबिटीक न्यूरोपैथी( Diabetic neuropathy)
ब्लड शुगर के सामान्य न रहने पर हमारे शरीर के नसों को खराब करने का काम करता है जिसकी वजह से पैर सुन्न रहने लगते हैं। इसके लिए जल्द से जल्द इलाज की जरूर होती है। अगर आपको अपने पैरों में बार-बार सुन होना महसूस हो तो आप इसके लिए डॉक्टर से संपर्क कर सकते हैं या फिर आप रोजाना इस पर तेल से मालिश कर सकते हैं। इसके साथ ही आपको डॉक्टर की बताई डाइट पर ध्यान देना होगा।
डायबिटीज पेरिफैरल न्यूरोपैथी (Diabetic Peripheral neuropathy)
डायबिटीज के दौरान बढ़ते ब्लड शुगर के कारण शरीर में मौजूद नसें खराब होने लगती है। ये पैर, पंजों और तलवों पर सीधा प्रभाव करती है। लेकिन ये पूरे शरीर की नसों को भी नुकसान पहुंचाने का काम करता है। न्यूरोपैथी 4 प्रकार के होते हैं। आपको बता दें कि मरीज को एक बार में एक ही न्यूरोपैथी होती है। पैरिफैरल न्यूरोपैथी काफी ज्यादा लोगों में पाई जाती है। ये सबसे पहले पैरों, पंजों और तलवों को प्रभावित करने का काम करती है। इसके बाद ये हाथ और कंधों में समस्या पैदा करने लगती है।
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पेरिफैरल के लक्षण क्या है?
डायबिटीज के मरीजों को वैसे तो काफी मुश्किल हो जाता है कि वो शरीर में किसी चीज को जल्दी पता कर सके। लेकिन इसके कुछ शुरुआती लक्षण हैं जो आपको इसकी भनक पहले ही दे देती है, जिसकी मदद से आप इसका आसानी से पता लगा सकते हैं। इसमें सबसे पहले पैरों या पंजे सुन्न पड़ने लगते हैं। इसके बाद धीरे-धीरे पाचन तंत्र में परेशानी होने लगती है, दर्द महसूस करने की क्षमता कम होना, ऐंठन और जलन, लगातार वजन कम होना। इन सब लक्षणों से आप इसकी पहचान कर सकते हैं।
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बचाव
- डायबिटीज के मरीज में इस तरह की परेशानियां आना काफी आम होता है, लेकिन इसका कारण एक ही है यानी आपका ब्लड शुगर लेवल बढ़ना जिसकी वजह से आपके शरीर में कई तरह की समस्या पैदा हो सकती है। इसके लिए आपको सबसे पहले अपने ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल करने की कोशिश करनी है।
- आपको समय-समय पर एचबीए1सी जांच करवानी चाहिए जिससे आपके ब्लड शुगर की जानकारी मिल सकेगी। कोशिश करें कि आप हमेशा पैदल चलें जिससे आपके शरीर में खून का संचार लगातार बना रहे। अगर आपके पैर लगातार सुन्न रहने लगे हैं तो आप इसके लिए अल्ट्रासाउंड डॉप्लर परीक्षण करवा सकते हैं।
- कई लोगों को अचानक से पैरों में जलन शुरू हो जाती है और दर्द होने लगता है। अगर ऐसे में आपको तुरंत इलाज नहीं मिल पा रहा है तो आप घर पर कुछ घंटों के लिए राहत पा सकते हैं। इसके लिए आपको गुनगुने पानी में नमक डालकर पैरों को सेंकना चाहिए। इससे आपको पैरों में हो रही जलन और दर्द से काफी राहत मिलेगी।
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