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प्रेगनेंसी प्लान कर रही हैं तो गर्भपात का खतरा कम करने के लिए अपनाएं डॉक्‍टर की ये 5 सलाह

मां बनने का एहसास खास होता है। इस नाजुक समय में छोटी सी गलती, म‍िसकैरेज का कारण बन सकती है। जानें गर्भपात से बचने के उपाय। 
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प्रेगनेंसी प्लान कर रही हैं तो गर्भपात का खतरा कम करने के लिए अपनाएं डॉक्‍टर की ये 5 सलाह

क‍िसी भी मह‍िला के ल‍िए म‍िसकैरेज या गर्भपात होना, शारीर‍िक और मानस‍िक रूप से कष्‍टदायक होता है। म‍िसकैरेज होने पर शारीर‍िक रूप से मह‍िला को उबरने में कम से कम 2 से 3 हफ्तों का समय लग सकता है। प्रेगनेंसी के दौरान की जाने वाली गलत‍ियां जैसे जांच न करवाना या हार्मोनल बदलावों का ध्‍यान न रखने के कारण गर्भपात होने की आशंका बढ़ जाती है। अच्‍छी और स्‍वस्‍थ जीवनशैली के कुुछ तरीकों के जरिए गर्भपात के खतरे को कम क‍िया जा सकता है। आगे जानते हैं इनके बारे में। इस व‍िषय पर बेहतर जानकारी के ल‍िए हमने लखनऊ के झलकारीबाई अस्‍पताल की गाइनोकॉलोज‍िस्‍ट डॉ दीपा शर्मा से बात की। 

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1. जरूरी जांच करवाएं 

गर्भपात से बचना संभव नहीं है लेक‍िन उसके खतरे को कम क‍िया जा सकता है। जरूरी जांचों की मदद से ये संभव हो सकता है। गर्भवती मह‍िला को प्रेगनेंसी की पुष्‍टी के बाद जरूरी जांच करवाने की सलाह दी जाती है। इसमें कई जांचें शाम‍िल होती हैं जैसे अल्‍ट्रासाउंड, ब्‍लड टेस्‍ट, आनुवंश‍िक जांच आद‍ि। डॉ दीपा शर्मा ने बताया क‍ि ज‍िन मह‍िलाओं में पहले गर्भपात हो चुका है उन्‍हें हम एफएसएच, प्रोजेस्‍टेरोन या एस्‍ट्रोजन जैसे हार्मोन की जांच करवाने की सलाह देते हैं। वहीं हाई रिस्‍क प्रेगनेंसी के मामलों में जेनेट‍िक टेस्‍ट और टोर्च टेस्‍ट करवाने की सलाह दी जाती है। हम मह‍िलाओं को प्रेगनेंसी के दौरान स्‍ट्रेस से बचने के ल‍िए तनावपूर्ण जीवनशैली फॉलो करने की सलाह देते हैं। इसके अलावा काउंसल‍िंग लेने का भी अहम रोल है।             

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2. प्रेगनेंसी में बीमार‍ियों से बचें 

प्रेगनेंसी के दौरान होने वाली डायब‍िटीज को जेस्‍टेशनल डायब‍िटीज कहा जाता है। जेस्‍टेशनल डायब‍िटीज के कारण गर्भपात का जोख‍िम बढ़ सकता है। इसके अलावा प्रेगनेंसी में थायराइड या अन्‍य हार्मोनल बीमार‍ियों से बचें। इसके अलावा ज‍िन मह‍िलाओं की उम्र 35 या उससे ज्‍यादा होती है उनमें गर्भपात का खतरा ज्‍यादा होता है। अगर पहले भी गर्भपात का श‍िकार हो चुकी हैं, तो अगली प्रेगनेंसी प्‍लान करने से पहले एग काउंट की जांच और अन्‍य जरूरी टेस्‍ट करवाएं।  

3. प्रेगनेंसी में हेल्‍दी डाइट लें 

प्रेगनेंसी में ताजी सब्‍ज‍ियां, फल, प्रोटीनयुक्‍त चीजें जैसे अंडे और डेयरी उत्‍पाद खाने की सलाह दी जाती है। स्‍वस्‍थ्‍य भ्रूण के व‍िकास में ये चीजें फायदेमंद मानी जाती हैं। प्रेगनेंसी में करीब 2200 कैलोरीज की जरूरत होती है। अपने डॉक्‍टर से सलाह लेकर डाइट चार्ट तय करें।    

4. प्रेगनेंसी में कसरत करें 

प्रेगनेंसी में व्‍यायाम करना हर तरीके से फायदेमंद होता है। हेल्‍दी भ्रूण के ल‍िए गर्भवती मह‍िला को योगा, वॉक, हल्‍की कसरत करने की सलाह दी जाती है। प्रेगनेंसी में भारी सामान उठाने से बचें। साथ ही डॉक्‍टर इंटेंस वर्कआउट करने की सलाह भी नहीं देते। गर्भपात की स्‍थि‍त‍ि से बचने के ल‍िए हर द‍िन कम से कम 30 से 40 मिनट कसरत करें। 

5. धूम्रपान से बचें 

गर्भपात की स्‍थ‍ित‍ि से बचने के ल‍िए धूम्रपान का सेवन न करें। इससे भ्रूण पर बुरा असर पड़ता है और गर्भपात हो सकता है। अगर प्रेगनेंसी के दौरान धूम्रपान करने से गर्भपात न भी हो, तो अन्‍य समस्‍याएं हो सकती हैं। जो मां प्रेगनेंसी के दौरान धूम्रपान करती है उसके बच्‍चे जन्‍म के बाद अंडरवेट या कुछ कार्यों में असक्षम हो सकते हैं। एल्‍कोहल का सेवन भी गर्भपात का कारण बन सकता है इसल‍िए नशीले पदार्थों से बचें।              

गर्भपात से बचने के ल‍िए जरूरी जांचें करवाएं। हेल्‍दी डाइट लें और असामान्‍य लक्षणों पर गौर करें। इन तरीकों के जर‍िए म‍िसकैरेज की संभावना से बच सकते हैं।     

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