रोने से व्यक्ति तनाव मुक्त होता है। साथ ही यह चिंता को भी कम करता है। साथ ही रोने से आप काफी हल्का महसूस करते हैं। लेकिन जब बात बच्चों की आती है, तो बच्चे कई विभिन्न कारणों से रोते हैं, जो शायद आपको कभी-कभी काफी ज्यादा परेशान करता है। कुछ बच्चे ऐसे होते हैं, तो हर छोटी से छोटी बातों पर रोने लगते हैं। अधिकतर बच्चे गुस्सा, उदासी और डर से रोते हैं। लेकिन कुछ ऐसे भी बच्चे होते हैं, जो अपनी डिमांड को पूरा करने के लिए रोते हैं। कभी-कभी आप देखते हैं कि बच्चा बिना किसी कारण के रोने लगता है, इस स्थिति में न सिर्फ आप परेशान होते हैं बल्कि इससे आपके बच्चे के स्वास्थ्य पर भी विपरीत असर पड़ता है। ऐसे में बच्चे को शांत करना बहुत ही जरूरी होता है। अगर आपका बच्चा बिना वजह रोता है, तो आइए जानते हैं उन्हें शांत कराने के लिए क्या किया जाए?
बिना वजह बच्चा रोए, तो क्या करें?
अगर आपको ऐसा महसूस हो रहा है कि आपका बच्चा बिना किसी कारण के रो रहा है, तो शायद यह गलत भी हो। दरअसल, कभी-कभी माता-पिता के रोने के कारणों का पता नहीं चल पाता है। इस स्थिति में बच्चों के रोने के कारणों का पता होना जरूरी है। बच्चा दब रोए, तो सबसे पहले उसके रोने का कारण प्यार से जानने की कोशिश करें। आइए जानते हैं रोते हुए बच्चे को कैसे चुप कराएं?
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ठंडे दिमाग से बच्चे को कराएं शांत
कई माता-पिता अपने बच्चों को चिल्लाकर शांत कराने लगते हैं। ऐसा करने से बच्चे के मानसिक स्वास्थ्य पर असर पड़ता है। इससे बच्चा चुप होने के बजाय और अधिक रोने लग सकता है। इस स्थिति से निपटने के लिए सबसे पहले खुद को शांत और ठंडा करें। इसके बाद बच्चे के पास जाकर उन्हें ठंडे दिमाग से शांत कराएं।
वहीं, अगर आपके बच्चे की ग्रोइंग एज है, तो उन्हें शांत कराने जाएं। अगर वह कंबल या फिर किसी सहारे को लेकर रो रहा है, तो इस स्थिति में उन्हें कुछ समय के लिए रोने दें। लेकिन ध्यान रखें कि इस दौरान आपके उन पर ध्यान देने की जरूरत है कि वह कब शांत हो रहा है।
अपने शब्दों पर रखें कंट्रोल
बिना वजह रोते बच्चे को देखकर माता-पिता आग-बबूला हो जाते हैं। इस दौरान वे उन्हें शांत कराने के बजाय अपशब्दों का इस्तेमाल कर देते हैं। इसका असर आपके बच्चे पर पड़ सकता है। इसलिए कभी भी रोते हुए बच्चे के सामने गलत शब्दों का इस्तेमाल न करें। उन्हें चुप कराते समय सही शब्दों का इस्तेमाल करें।
सीखने में करें मदद
कुछ बच्चे सीखने के दौरान कुछ गलती होने पर रोने लगते हैं। ऐसे में माता-पिता का फर्ज है कि उन्हें डांटने के बजाय उनके सीखने में उनकी मदद करें। साथ ही उन्हें समझाएं कि सीखने के दौरान छोटी-मोटी गलती होना सामान्य है। इससे रोने के बजाय आगे बढ़ना सबसे सही ऑप्शन हो सकता है।
कुछ अन्य उपाय
- थोड़ी देर के लिए बच्चे को रोने दें। इसके बाद उनके पास जाएं।
- उन्हें शुरु में गले लगाकर चुप कराएं। अगर वह मान नहीं रहे हैं, तो थोड़े समय के लिए छोड़ दें। हालांकि, बाद में जरूर देखें कि वह चुप हुआ है या नहीं।
- बच्चों की हर डिमांड को पूरा न करें। इससे बच्चा हर छोटी से छोटी बातों पर रोने लगता है।
- चुप कराने के लिए आप उन्हें किसी चीज की लालच दे सकते हैं। हालांकि, ध्यान रखें कि इससे आपका बच्चा बिगड़े न।
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रोते हुए बच्चों को चुप कराने के लिए माता-पिता को शांत दिमाग से उनके पास जाना चाहिए। साथ ही बच्चों को एक अच्छी परवरिश दें। ताकि वह सीख सकें कि रोने से हर चीज का सॉल्यूशन नहीं मिलता है।
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