
बच्चों की सही ग्रोथ के लिए फिजिकल हेल्थ के साथ मेंटल हेल्थ भी मायने रखती हैं। पेरेंट्स की कोशिश रहती है कि बच्चों को शुरूआत से ही अच्छी आदतें सिखाई जाए। यह आदते न सिर्फ बच्चों का व्यक्तित्व बनाने में मदद करती हैं, बल्कि समाज में आगे बढ़ने में भी उनकी मदद करती हैं। जिस तरह का माहौल और वातावरण हम बच्चों को देते हैं, उसी तरह की आदते और भावनाएं बच्चे अपने अंदर लाते हैं। बच्चों में जितनी जल्दी पॉजिटिव थिंकिग आती है, उतनी ही जल्दी निगेटिव थिंकिंग भी आती है। निगेटिव थिंकिंग के कारण बच्चों के मन में अपनों के लिए नफरत आ सकती है। इसके साथ ही बच्चो का खुद पर कॉन्फिडेंस भी कम हो सकता है। इसलिए जरूरी है समय रहते इस पर कंट्रोल किया जाए। आज इसी समस्या पर बात करते हुए हम जानेंगे कि बच्चो को निगेटिव थिंकिंग से कैसे बाहर निकाला जाए।
बच्चों को निगेटिव थिंकिंग से कैसे बाहर लाएं (How To Change Negative Thinking In Child)
परेशानी का कारण समझने की कोशिश करे
आपको बच्चो को दोष देने के बजाय उसकी परेशानी समझने की कोशिश करनी चाहिए। कई बार बच्चे अपनी परेशानी खुलकर बता नहीं पाते हैं, जिसके कारण वो अंदर ही अंदर घुटकर परेशान होते रहते हैं। अगर आपको लग रहा है कि आपके बच्चे का व्यवहार अचानक से बदल रहा है, तो आपको बच्चे से खुलकर बात करने की कोशिश करनी चाहिए। उससे सही और गलत में फर्क समझाने से पहले उसकी भावनाएं जानने की कोशिश करनी चाहिए।
बच्चों को ज्यादा से ज्यादा समय दें
बच्चे के मन में नकारात्मक विचार आने से उसके व्यवहार में सबसे पहले बदलाव दिखने लगता है। ऐसे में बच्चा सभी से दूर जाने की कोशिश करने लगता है। इसके साथ ही हर किसी की बात को नकारात्मक रूप से समझने की कोशिश करने लगता है। ऐसे में आपको ज्यादा से ज्यादा समय बच्चे के साथ बिताना चाहिए। इसके लिए आप बच्चे को पिकनिक पर लेकर जा सकते हैं। बच्चों के साथ घूमने जाने और खेलने जैसी गतिविधियों में शामिल हो सकते हैं।
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सही और गलत में अंतर बताए
बच्चे के मन से नकारात्मक विचारो को निकालने के लिए आपको उन्हें सही और गलत में फर्क करना सिखाना होगा। आपको बच्चो को खेल-खेल में सही चीजों में फर्क समझना बताना होगा। इससे बच्चो को निगेटिव थिंकिंग से बाहर आकर पॉजिटिव रहने में मदद मिलेगी।
नई स्किल्स सिखाना शुरू करे
नई स्किल्स सिखाने से बच्चों का ध्यान नकारात्मक विचारो से निकलकर सकारात्मक विचारो की ओर आने लगेगा। नई चीजों में फोकस करने से बच्चे का ध्यान निगेटिव थिंकिंग की ओर नहीं जाएगा। इसलिए बच्चों को कुछ नया सिखाना शुरू करें।
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खुद को पॉजिटिव बनाए रखे
बच्चे को निगेटिव थिंकिंग से बाहर लाने के लिए आपका खुद भी पॉजिटिव रहना बेहद जरूरी है। अगर आप खुद ही पॉजिटिव नहीं रहेगे, तो इसका बच्चो पर बुरा असर पड़ेगा। आपका तनाव और चिंता में होना बच्चो के मस्तिष्क पर भी बुरा असर डाल सकता है।