एंडोमेट्रियोसिस महिलाओं के गर्भाशय से जुड़ी एक आम समस्या है। इस समस्या में एक विशेष तरह के टिशू जिनको एंंडोमेट्रियल कहा जाता है, वह गर्भाशय के बाहर फैलने लगते हैं। इस समस्या में महिलाओ को पेट दर्द और पेट में ऐंंठन की परेशानी होती है। इस दौरान महिलाओं का पेट दर्द इतना अधिक होता है कि उनको दैनिक कार्यों को करने में भी परेशानी होने लगती है। इस तरह की समस्या 40 से अधिक उम्र की महिलाओं में देखने को मिलती है। अशोक नगर स्थित साईं पॉलिक्लीनिक की स्री रोग विभाग की डॉक्टर विभा बंसल ने बताया कि इस समस्या में आप किस तरह से गर्भधारण कर सकती हैं।
एंडोमेट्रियोसिस की समस्या में गर्भधारण का तरीका - How To Get Pregnant With Endometriosis In Hindi
अपनी पीरियड्स की साइकिल को समझें
प्रेग्नेंसी के प्रयास के दौरान पीरियड्स साइकिल को समझना बेहद आवश्यक माना जाता है। अपनी पीरियड साइकिल के दिन और इसके लक्षणों पर भी नजर बनाए रखें। ओवुलेशन के समय प्रेग्नेंसी का प्रयास करने से गर्भधारण की संभावना बढ़ जाती है।
ओव्यूलेशन विंडो को समझें
ओव्यूलेशन का पता लगाने के लिए आप बेसल बॉडी टेम्परेचर, सर्वाइकल म्यूकस में बदलाव या ओव्यूलेशन प्रेडिक्टर किट का इस्तेमाल कर एंडोमेट्रियोसिस में गर्भधारण का प्रयास कर सकते हैं। इससे महिलाएं गर्भधारण करने के सबसे फर्टाइल दिनों में प्रयास कर सकती हैं।
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डॉक्टर की सलाह लेना आवश्यक
एंडोमेट्रियोसिस के दौरान प्रेगनेंसी का प्रयास करने से पहले महिलाओं को किसी स्री रोग विशेषज्ञ की सलाह अवश्य लेनी चाहिए। इस समय महिलाओं की जांच करके उनकी समस्या की स्थिति को पहचानने में मदद मिलती है। इसके अलावा, डॉक्टर एंडोमेट्रियोसिस के आधार पर आपको सही सलाह जैसे लाइफस्टाइल व डाइट में बदलाव करने के साथ ही, इलाज के तरीके का सुझाव दे सकते हैं।
लाइफस्टाइल में किन बदलावों को करें
एंडोमेट्रियोसिस वाली महिलाओं को प्रजनन क्षमता बेहतर करने के लिए लाइफस्टाइल में बदलाव करना बेहद आवश्यक होता है।
पौष्टिक आहार
एंडोमेट्रियोसिस वाली महिलाओं को अपने आहार में विभिन्न प्रकार के फल, सब्जियां, साबुत अनाज और हेल्दी फैट को शामिल करना चाहिए। डाइट में बदलाव कर महिलाओं की प्रजनन क्षमता को बेहतर किया जा सकता है। इससे पोषक तत्वों और एंटीऑक्सीडेंट प्राप्त होते हैं।
नियमित व्यायाम
नियमित रूप से व्यायाम को लाइफस्टाइल में शामिल करने से हेल्थ को बेहतर किया जा सकता है। इससे महिलाओं के शरीर में होने वाले हार्मोन को बैलेंस करने में मदद मिलती है और प्रजनन अंगों में ब्लड सर्कुलेशन बेहतर होता है।
तनाव को कम करें
तनाव व ज्यादा स्ट्रेस की वजह से प्रजनन क्षमता पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। ध्यान, योग, गहरी सांस वाले व्यायाम करने से स्ट्रेस और तनाव को दूर करने में मदद मिलती है।
सिगरेट और शराब से बनाएं दूरी
सिगरेट और शराब के उपयोग से महिलाओं की सेहत पर बुरा असर पड़ता है। इसके साथ ही, गर्भधारण में दिक्कत होने की संभावना बढ़ जाती है।
प्रजनन उपचार पर विचार करना जरूरी
यदि नैचुरली प्रेग्नेंसी में समस्या हो रही है तो ऐसे में महिलाएं आईयूआई (IUI) या इन विट्रो फर्टिलाइजेशन (IVF) जैसे प्रजनन उपचार को अपना सकते हैं। स्री रोग विशेषज्ञ से सलाह लेकर महिलाएं प्रेग्नेंसी के इन विकल्पोंं का चुनाव कर सकते हैं।
एंडोमेट्रियोसिस में प्रेग्नेंसी के चांस कम होते हैं। लेकिन, डॉक्टर की उचित सलाह और लाइफस्टाइल में बदलाव कर इस समस्या को काफी हद तक कम किया जा सकता है।
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