खुद से कैसे करें कैंसर की जांच? डॉक्टर से जानें शरीर में दिखने वाले संकेत जिनसे चल सकता है कैंसर का पता

घर बैठे कैंसर की जांच कैसे करें? जानें क्या-क्या एहतियात बरतें। कैंसर के लक्षण दिखने पर क्या करें व क्या नहीं, जानने के लिए पढ़ें।
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खुद से कैसे करें कैंसर की जांच? डॉक्टर से जानें शरीर में दिखने वाले संकेत जिनसे चल सकता है कैंसर का पता

भारत में अधिकतर लोगों को कैंसर की बीमारी का तब पता चलता है जब वो आखिरी स्टेज में होते हैं। इसलिए जरूरी है बीमारी का सही समय पर पता लगाया जाए ताकि कैंसर का इलाज कर इससे निजात पा सकें। एक्सपर्ट बताते हैं कि कैंसर जैसी बीमारी का यदि शुरुआती स्टेज में ही पता चले तो इसका इलाज संभव है, यदि न चले तो यह जानलेवा है। आज के आर्टिकल में हम कैंसर की जांच की बात करेंगे, जिसमें आप खुद कैंसर का समय पर पता कर सकते हैं, ताकि डॉक्टरी सलाह लेकर इस समस्या से निजात पा सकें। पेशाब में खून आए, मल में खून आए, पेट में सूजन, दर्द या बेचैनी के साथ शरीर में कहीं पर गांठ हो तो लोगों को सतर्क रहना चाहिए। जमशेदपुर के सरिता डेंटल क्लीनिक भालूबासा व सीएमसी वेल्लोर में प्रैक्टिस कर आए डेंटल सर्जन डॉ. सिकंदर प्रसाद और टाटा मेन हॉस्पिटल की जनरल फिजिशियन डॉ. सरिता से बात कर जानते हैं कि घर पर कैंसर की जांच खुद से कैसे करें।

Oral cancer test while brushing

मुंह के जुड़े कैंसर का ऐसे करें पहचान

डेंटल सर्जन डॉ. सिकंदर प्रसाद बताते हैं कि मुंह में यदि सफेद रंग का छाला-घाव दिखे और कुछ दिनों तक ठीक न हो तो लोगों को सतर्क हो जाना चाहिए। यह सफेद दाग आगे चलकर प्री कैंसर लीजन में तब्दील हो जाते हैं। इससे मुंह में सफेद दाग दिखते हैं, मुंह से बदबू आती है, शुरुआत में यह दर्द करता है, लेकिन बीमारी का उपचार न कराएं तो यह दर्द नहीं करता है। उस स्थिति में बीमारी और भी ज्यादा खतरनाक हो जाती है। यह बीमारी ज्यादातर उन लोगों को होती है जो तंबाकू युक्त पदार्थ का सेवन करते हैं, जैसे सिगरेट, खैनी, पान मसाला आदि। यदि आप भी तंबाकू का सेवन करते हैं तो उसका परहेज करना चाहिए। आपके मुंह में सफेद दाग दिखे तो इसे नजरअंदाज करने की बजाय डॉक्टरी सलाह लेनी चाहिए।

मुंह में ही एक जगह पर बार-बार जख्म

डेंटल सर्जन बताते हैं कि कई लोगों के दांत नुकीले होते है। इस वजह से लोगों के मुंह गाल के अंदर में जख्म बन जाते हैं। यदि इसका शुरुआत में इलाज न कराया जाए तो आगे चलकर कैंसर की बीमारी का खतरा रहता है। यदि आपको या फिर आपके बच्चों के नुकीले दांत है तो उसका समय रहते इलाज करवाना चाहिए। ताकि बीमारी से निजात पा सकें। डॉ. सिकंदर बताते हैं कि बीमारी का सही समय पर पता चल जाए तो मरीज को आसानी से बचाया जा सकता है। शुरुआती अवस्था में ही दांत को घिस दिया जाता है। ऐसे में दांत की वजह से गाल में जख्म नहीं होते हैं।

महिलाओं को खुद करनी चाहिए ब्रेस्ट कैंसर की जांच

टाटा मेन हॉस्पिटल की डॉ. सरिता कुमारी बताती हैं कि वैसे तो हर किसी को अपने शरीर को लेकर जागरूक होना चाहिए। लेकिन ऐसी महिलाएं जो 40 साल से अधिक उम्र की हो गई हो। वैसी महिलाओं को हर महीने घर में शीशे के सामने आकर अपरे ब्रेस्ट को देखना चाहिए। ब्रेस्ट में किसी प्रकार का गांठ होने पर डॉक्टरी सलाह लेनी चाहिए। ताकि बीमारी से निजात पाया जा सके। इसके अलावा शरीर में कहीं भी गांठ या फिर स्किन का रंग बदले तो उस वक्त भी लोगों को सतर्क होना चाहिए। इस समय लोगों को एक्सपर्ट की राय लेनी चाहिए और इलाज करवाना चाहिए।

एक्सपर्ट ब्रेस्ट कैंसर की बीमारी का क्लीनिकल एग्जामिनेशन कर, जिसमें डॉक्टर खुद मरीज के शरीर की जांच कर बीमारी का पता लगाते हैं, 3डी टोमोसिंथेसिस कर, ब्रेस्ट एमआरआई कर, ब्रेस्ट अल्ट्रासाउंड कर और ब्रेस्ट का एक्स रे कर बीमारी का पता लगाते हैं।

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लिम्फोमा कैंसर का ऐसे करें पता

शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता की कोशिकाओं को ही लिम्फ नोड्स कहा जाता है। इसी में आगे चलकर कैंसर की बीमारी होती है। जनरल फिजिशियन डॉ. सरिता बताती हैं कि लिंफ नोड्स आगे चलकर लिंफोमा में तब्दील हो जाए तो इसे लिम्फ कैंसर कहा जाता है। इस बीमारी के होने से गले में सूजन, खाने-पीने की चीजों को निगलने में दिक्कत होने के साथ, गले का खराब होना, कान या फिर नाक में दर्द होना और मुंह क साथ होंठ सुन्न पड़ जाते हैं। यदि आपके शरीर में इसी प्रकार के लक्षण दिखे तो यह कैंसर के लक्षण हो सकते हैं। इस बीमारी को नजरअंदाज करने की बजाय डॉक्टरी सलाह लेनी चाहिए।

पेट में दर्द, सूजन को भी न करें इग्नोर

एक्सपर्ट डॉ. सरिता बताती हैं कि कई लोगों को बिना किसी कारण या बवासीर की बीमारी के ही मल से खून निकलता है, पेट में दर्द (एब्डोमिनल पेन), पेट में सूजन के साथ बेचैनी होती है। यह तमाम लक्षण बॉवेल कैंसर की ओर इशारा करते हैं। शरीर में यदि इस प्रकार के लक्षण दिखे तो लोगों तो डॉक्टरी सलाह लेना चाहिए। वहीं जितना जल्दी संभव हो लोगों को डॉक्टरी सलाह लेनी चाहिए।

एकाएक वजन का कम होना, भूख कम लगे तब लें डॉक्टरी सलाह

कैंसर की बीमारी आम बीमारी के ही समान होती है। जरूरी है कि लोग बीमारी के लक्षणों को आम समझने की बजाय एक्सपर्ट से सलाह लें ताकि बीमारी को सही समय पर पकड़ इलाज किया जा सके। एक्सपर्ट बताती हैं कि स्टमक कैंसर की बीमारी होने पर वजन एकाएक कम होने लगता है, भूख कम लगने के साथ मल से खून आता है, सीने में जलन होने के साथ पाचन में दिक्कत आती है। गैस बनने के कारण ब्लोटिंग की समस्या, पेट में सूजन और पेट का दर्द होना इस बीमारी की आम दिक्कत है। यदि आपके शरीर में भी इसी प्रकार के लक्षण दिखे तो आपको डॉक्टरी सलाह लेनी चाहिए। यदि इन लक्षणों को समय पर इलाज न किया जाए तो यह बीमारी आगे चलकर स्टमक कैंसर का कारण बनती है।

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ओवेरियन कैंसर को ऐसे पहचानें

एक्सपर्ट बताती हैं कि महिलाओं को पेट में पेल्विक में बेचैनी होने के साथ प्राइवेट पार्ट में वेजाइनल ब्लीडिंग, संभोग (शारिरिक संबंध) करने के दौरान दर्द, बैक पेन की समस्या होने के साथ उल्टी का आना, भूख का न लगना, वजन का एकाएक घटना, हर समय वजन घटना, बार बार पेशाब का आना, प्राइवेट पार्ट में सूजन के साथ भूख न लगने जैसी समस्या आती है। यदि आपको इस प्रकार की दिक्कत या शरीर में इस प्रकार के लक्षण दिखते हैं तो आपको डॉक्टरी सलाह लेनी चाहिए।

समय-समय पर कराएं क्लीनिकल एग्जामिनेशन

जैसे-जैसे आपकी उम्र बढ़ती है उसके साथ ही बीमारी होने की संभावनाएं काफी ज्यादा बढ़ जाती है। ऐसे में लोगों को 40 साल के बाद नियमित तौर पर क्लीनिकल एग्जामिनेशन की जरूरत पड़ सकती है। ताकि बीमारी का सही समय पर पता कर इलाज करा सकें। आज के समय में लोगों को खुद अपने शरीर को लेकर जागरूक होना पड़ेगा। पुरुष हो या महिलाएं अपने शरीर की खुद से जांच कर सकती हैं।

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