
जीवन में हमारा दिल कब किसके लिए धड़क जाए, पता ही नहीं चलता। एक ऐसा शख्स जो दुनिया में सबसे खास बन जाता है, उसके बारे में अपने माता पिता से मिलवाना अहम जिम्मेदारी बन जाती है। भारतीय पेरेंट्स की राय इस मामले में थोड़ी अलग होती है। वे अब भी अपने लाए रिश्ते पर ज्यादा भरोसा रखते हैं। इस सोच को बदलना इतना आसान नहीं होता लेकिन थोड़ी सी सूझबूझ से इस सोच में परिवर्तन लाया जा सकता है। अपने पेरेंट्स को अपने जीवनसाथी से मिलवाने से पहले या मिलवाते वक्त इन बातों का रखें ख्याल-
- अपने पेरेंट्स को अपने पार्टनर से मिलवाने से पहले उनका मूड ठीक करें।
- उन सवालों के लिए पहले से तैयार रहें, जिनके बारे में पेरेंट्स आपसे पूछ सकते हैं।
- अभिभावक से बात करते समय आवाज ऊंची न करें। गुस्से से बात बिगड़ सकती है।
- उनके मना करने पर भी अनुरोध करें। लेकिन इनसे बहस न करें।
- अपने पेरेंट्स को यकीन दिलाएं कि आप मच्योर हैं और न सिर्फ रिश्ते का महत्व समझते हैं बल्कि सही व्यक्ति की पहचान करने में भी सक्षम हैंं।
- किस बात को कब कहना है ये समझदारी के साथ तय करें। ऐसे विषयों की बात करते वक्त हंसना सही नहीं होता। उन्हें ऐसा महसूस न होने दें कि आपका प्यार बस एक टाइमपास है।
- पेरेंट्स को अपने पार्टनर के गुणों के बारे में बताएं। ऐसा करने पर वे आपकी बातों को गंभीरता से लेंगे।
पेरेंट्स भी दें सहयोग
- अपनी अपेक्षाओं को बच्चों पर न थोपें।
- उसके मन को टटोलें और उसकी भावनाओं की कद्र करें।
- उसके पार्टनर के बारे में कोई पूर्व धारणा न बनाएं।
- अगर आपका बच्चा आपको इन सब में इनवॉल्व कर रहा है तो उसकी बात को ध्यानपूर्वक सुनें।
- उसके पार्टनर के बारे में ज्यादा से ज्यादा जानने की कोशिश करें। हो सके तो बात टालने की बजाय उसके पार्टनर से मिलें। उसके बाद आंकलन करें कि आपका बच्चा खुश रहेगा या नहीं।
- अगर आपको वो पसंद नहीं आया तो उग्र तरीके को अपनाने की बजाय अपने बच्चे को प्यार से समझाएं।
- उसकी पसंद को नजरअंदाज न करें। कई युवा ऐसी बातों की वजह से डिप्रेशन के शिकार हो जाते हैं।
- अगर आपको लगता है कि वो आकर्षण को प्यार समझ बैठा है और आपके समझाने पर भी नहीं समझ रहा तो उसे किसी काउंसलर से मिलवाएं।
- ऐसे विषय पर मैरिज एंड रिलेशनशिप काउंसलर से भी सलाह ली जा सकती है।
पेरेंटस से मिलते वक्त पार्टनर ध्यान रखे ये बातें
- अत्यधिक उत्साहित न हों।
- कम बोलें और उनकी बात को समझें।
- अपनी सकारात्मक और नाकारात्मक दोनों आदतों के बारे में बताएं।
- अपने काम के बारे में और सोर्स ऑफ इनकम के बारे में बताएं।
- अपने परिवार के बारे में और उनके काम की जानकारी दें।
- बनावटी व्यवहार न दिखाएं।
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