बच्चा जब कमजोर होता है तो मां-बाप अपने बच्चे के पतलेपन को लेकर अक्सर शिकायत करते दिखाई पड़ते है कि उनका बच्चा बहुत कमजोर है। ऐसे में वे गोल-मटोल बच्चे से अपने बच्चे की तुलना किए बिना नहीं रह पाते। लेकिन वे ये भूल जाते है कि गोल-मटोल बच्चा जो उन्हें इस समय प्यारा लग रहा है वही बाद में कई गंभीर रोगों का शिकार हो सकता है। बच्चों में बढ़ता मोटापा कई रोगों के लिए जिम्मेदार होता है।
शारीरिक गतिविधियां
बच्चों में मोटापे से लड़ने का सबसे अच्छा तरीका शारीरिक गतिविधियों में हिस्सा लेना है। इसमें मैदानी खेल या शारीरिक गतिविधियां भी आपके बच्चे के लिए बहुत उपयोगी हो सकती हैं। इसके लिए जरूरी है कि अपने बच्चे के दिनचर्या में इस तरह की सरल शारीरिक गतिविधियों को शामिल करें। अपने बच्चे में किसी आउटडोर गेम का शौक पैदा करें। उन पर दबाव न डालें, बस उनकी पसंद को पहचानते हुए उसे उस खेल की ओर प्रेरित करें। इसके साथ ही खेल के अलावा उसे डांस अथवा नृत्य के जरिये भी मोटापे से दूर रखा जा सकता है।
भूख और जंक फूड से बचें
अपने बच्चे को भूख से बचाने के लिए नियमित अंतराल पर कई छोटे और स्वस्थ भोजन या नाश्ता देते रहें। भूख आपके बच्चे को जंक फूड या हाई कैलोरी पेय की ओर उकसाती है। इसके लिए जरूरी है कि बच्चे का आहार तय करते समय उसकी पसंद का तो ध्यान रखें ही, लेकिन इसके लिए उसके स्वास्थ्य से समझौता न करें। इसके अलावा इस बात का भी ध्यान रखें कि बच्चे नियमित रूप से लेने वाला अपना भोजन छोड़े नहीं। शुगर ड्रिंक और फ्रूट ड्रिंक पीने से बच्चों को चीनी और कैलोरी के अलावा कुछ नहीं मिलता। इसलिए इस बात का ध्यान रखें कि इन पेय का उपयोग सीमित मात्रा में ही करें। इस तरह के ड्रिंक्स आपके बच्चे को बहुत कम पोषण प्रदान करते हैं, जबकि अवांछित कैलोरी को बहुत ज्यादा जोड़ देते हैं।
नाश्ता है जरूरी
नाश्ता दिन का सबसे महत्वपूर्ण आहार होता है। सारी रात भूखा रहने के बाद यह दिन का आपका पहला भोजन होता है। शोध भी इस बात की पुष्टि करते हैं कि नाश्ता करने से बच्चों में एकाग्रता बढ़ती है और वे स्कूल में बेहतर ध्यान लगा पाते हैं। अपने बच्चे को फाइबर युक्त आहार दें। फाइबर पाचन क्रिया को दुरुस्त रखता है। इसके साथ ही अधिक कैलोरी सेवन के बिना लंबे समय तक पेट भरा रखता है। राजमा, ब्रोकली, मटर, नाशपति, साबुत अनाज का पास्ता, ओटमील आदि फाइबर के उच्च स्रोत हैं। आपके बच्चे को रोजाना पांच प्रकार के फल और सब्जियों का सेवन करना चाहिए। शोध में यह बात साबित हो चुकी है कि अलग-अलग प्रकार के फल और सब्जियां खाने से बच्चों में मोटापे के साथ-साथ अन्य बीमारियों का खतरा भी कम होता है।
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टीवी कम देखना
टीवी के सामने सारा दिन बैठे रहने वाला बच्चा कम सक्रिय हो जाता है। यह मोटापे की एक बड़ी वजह है। इसके लिए जरूरी हैं कि उसका टीवी देखने का समय निश्चित कर दें और ऐसा करें कि वह कुछ शारीरिक गतिविधियों में रुचि लेना शुरू कर दें। साथ ही बच्चे के पसंद के सबसे अच्छे विकल्प की पहचान करें और कोशिश करें कि वह उसके साथ कुछ समय बिताएं।
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नींद हो पूरी
आपके बच्चे के मोटापे को कम करने और बेहतर स्वास्थ्य के लिए भरपूर नींद बहुत अच्छा तरीका है। इसलिये यह सुनिश्चित करें कि आपका बच्चा भरपूर नींद ले। लंबे समय तक या बहुत कम समय तक सोना आपके बच्चे को मोटा बना सकता है।
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