
गर्भवती महिला को अपने खानपान में ऐसे आहार सम्मीलित करने चाहिए जो उसके और उसके शिशु दोनों के लिए लाभकारी है। यही नहीं आहार विशेष का चयन करते हुए महिला को यह भी जहन में रखना चाहिए कि उसके खानपान से उसके शिशु की हड्डियां और शरीर मजबूत बनेंगे। अतः स्वस्थ आहार लेने की आदत को कभी न छोड़ें। अपितु आवश्यक हो तो डाक्टर की सलाह लें और सही डाइट चार्ट बनवाएं।
ज्यादा से ज्यादा सोएं
हालांकि सामान्य दिनों में ज्यादा सोना कामचोरी की निशानी कहलाता है। लेकिन गर्भावस्था के दौरान ऐसा नहीं है। यदि आपको बहुत ज्यादा नींद आती है तो बेहतर है कि इन दिनों सोएं। सोने से आपका बच्चा स्वस्थ होता है। असल में गर्भावस्था के दौरान महिला हमेशा थकान से भरी रहती है। वास्तव में इन दिनों गर्भ में पल रहा शिशु अपनी मां से काफी कुछ की चाह रखता है। वह खुद ही मां से उन तमाम चीजों का पूर्ति करता है। ऐसे में मां का थकना लाजिमी है। सो, जितना संभव है, नींद लें।
धागे से दांत साफ करें
गर्भावस्था के दिनों जितना आवश्यक ब्रश करना है, उतना ही जरूरी धागे से दांत की सफाई है। दरअसल गर्भावस्था के दिनों में महिला को सबसे ज्याद प्लेक होने का खतरा बना रहता है। यही नहीं बैक्टीरिया, मसूड़ों से खून बहना आदि समस्याएं भी इन दिनों आम जैसी होने लगती हैं। इसलिए धागे से दांत की सफाई जरूर करें। अतः इसे आदत बनाएं और इसे कतई न छोड़ें।
स्वस्थ पेय लें
इन दिनों जितना जरूरी स्वस्थ आहार चुनना है, उतना ही आवश्यक स्वस्थ पेय का चयन भी है। ध्यान रखें कि इन दिनों कोक आदि न लें। कोक आदि आपके बच्चे को हानि पहुंचा सकती है। कोशिश करें कि इन दिनों सिर्फ और सिर्फ प्राकृतिक पेय ही लें। यदि यही आपको पसंद है और यह आपकी आदत है तो अचछी बात है। इसे न बदलें। बाजार में मौजूद फ्लेवर्ड जूस आपके बच्चे को खास लाभ नहीं पहुंचाते और न ही इससे आपको कोई खास फायदे मिलता है।
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मेडिटेशन करें
मेडिटेशन छोड़ना किसी भी समय सही नहीं है। गर्भवती महिलाएं वैसे भी ज्यादा थकान महसूस करती हैं। इसके इतर यदि महिला कामकाजी है तो उसके जीवन में थकान ज्यादा और आराम कम हो जाता है। ऐसे में जरूरी है कि आप मेडिटेशन करें। मेडिटेशन करने से आप अपने बच्चे को बेहतरीन स्वास्थ्य तो प्रदान करेंगी ही साथ ही आप अपने लिए भी कुछ वक्त निकाल पाएंगी। एक बात और, मेडिटेशन करने से आपको और आपके होने वाले शिशु को कुछ पल साथ गुजारने का मौका मिलता है। इसमें आप उसे महसूस करें और वह आपको महसूस करेगा।
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कुछ कछ समयंतराल में खाना
तमाम लोगों की यह आदत होती है। बहरहाल गर्भवती महिला को जितना स्वस्थ आहार लेना जरूरी है, उतना ही जरूरी कुछ कुछ समयंतराल में खाना भी है। असल में गर्भावस्था में कमजोरी का एहसास होता है। लेकिन शरीर को उतनी ही ऊर्जा की आवश्यकता होती है। ऐसे में जरूरी है कि कुछ कुछ समयंतराल में खाते रहें ताकि शरीर में फूर्ति बनी रहे। अतः यदि आपकी यह आदत में पहले से शुमार है तो इसे कतई न छोड़ें।
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