कोरोनावायरस के कारण हर कोई इन दिनों इतना डरा हुआ है कि कोई भी उपाय करके कोरोना संक्रमण से बचा रहना चाहता है। वहीं इस महामारी के दौर में सबसे ज्यादा जो शब्द प्रचलन में है, वो ये इम्यूनिटी (Immunity) या इम्यून सिस्टम को कैसे करें मजबूत इत्यादि। इसी तरह लगातार बातचीत इम्यूनिटी बूस्टर फूड्स और घरेलू नुस्खों पर भी हो रही है। पर क्या हर किसी कि इम्यूनिटी इतनी वीक है कि हर किसी को इम्यूनिटी बूस्टर फूड्स और घरेलू नुस्खों को जरूरत होगी? तो जबाव है नहीं। इम्यूनिटी बढ़ाने की जरूरत उन लोगों को है जिनकी इम्यूनिटी कमजोर है। पर हम और आप इस बात का पता कैसे लगाएंगे कि हमारी इम्यूनिटी स्ट्रांग है वीक? तो आइए जानते हैं इसके बारे में विस्तार से।
कैसे पता करें कि आपकी इम्यूनिटी कमजोर है?
इम्यून सिस्टम कमजोर होना आपको परेशान कर सकता है। ऐसे लोग जरा सी भी एलर्जी बर्दाश्त नहीं कर पाते और ऐसी स्थितियों में बीमार पड़ जाते हैं। यूं तो अक्सर ब्लड रिपोर्ट से पता किया जाता है कि व्यक्ति की इम्यूनिटी कैसी है कैसी है, लेकिन इम्यून सिस्टम के कमजोर पड़ने पर हमारा शरीर भी कई तरह के संकेत देने लगता है।
टॉप स्टोरीज़
- -हर चीज का शरीर पर असर होना
- -कैंडिडा टेस्ट का पॉजिटिव होना
- -बार-बार यूटीआई
- - डायरिया
- - मसूड़ों में सूजन
- - मुंह में छाले
- -एलर्जी से परेशान
- -खांसी-जुकाम का लगा रहना
- -बुखार बहुत आना या बिलकुल ही न आना
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मजबूत इम्यून सिस्टम के लक्षण
हमारे आसपास कई तरह के पैथोजंस होते हैं। हमें पता भी नहीं होता और हम खाने के साथ, पीने के साथ यहां तक की सांस लेने के साथ भी हानिकारक तत्वों को अपने अंदर कर लेते हैं कर लेते हैं। ऐसा होने के बाद भी हर कोई बीमार नहीं पड़ता। जिनका इम्यून सिस्टम मजबूत होता है वे इन बाहरी संक्रमणों से बेहतर तरीके से मुकाबला करते हैं। इम्यूनिटी हमारे शरीर की टॉक्सिन्स से लड़ने की क्षमता होती है। ये टॉक्सिन्स बक्टीरिया, वायरस, फंगस, पैरासाइट या कोई दूसरे नुकसानदायक पदार्थ हो सकते हैं। अगर हमारी इम्यूनिटी मजबूत है तो यह हमे न सिर्फ सर्दी और खांसी से बचाती है बल्कि हेपैटाइटिस, लंग इनफेक्शन, किडनी इनफेक्शन सहित और कई बीमारियों से हमारा बचाव होता है।
इम्यून सिस्टम कमजोर होने के अन्य संकेत
विटमिन डी की कमी
विटमिन डी इम्यूनिटी को बढ़ाता है और ज्यादातर लोगों में इसकी कमी होती है। अगर आपकी ब्लड रिपोर्ट में विटमिन डी की कमी है, तो आपको इसका लेवेल सही करने की हर कोशिश करनी चाहिए। इसके अलावा लगातार थकान, आलस या ऐसे घाव जो लंबे वक्त तक न भरें, नींद न आना, डिप्रेशन और डार्क सर्कल दिखे, तो समझ जाएं कि आपकी इम्यूनिटी कमजोर है।
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तापमान 36.3 डिग्री सेल्सियस से नीचे होना
हमलोगों में से कुछ लोग मौसम में जरा सा बदलाव होने पर बीमार हो जाते हैं। शरीर के तापमान पर होने वाले असर के कारण ऐसा होता है। मजबूत इम्यून सिस्टम के लिए नॉर्मल ऑरल बॉडी तापमान 36.3 डिग्री सेल्सियस से नीचे नहीं होना चाहिए। दरअसल सर्दी-जुकाम के वायरस 33 डिग्री पर सर्वाइव करते हैं। तापमान सही रहे तो इनका असर आपके शरीर पर नहीं होगा।
बुखार न आना
जब शरीर को बुखार आना चाहिए, तब भी बुखार न आए तो इसका मतलब है कि आपकी इम्यूनिटी कमजोर है। बुखार से शरीर बीमारियों से लड़ता है और हम में से ज्यादातर लोग बुखार की दवा खा लेते हैं जिससे बुखार हमारे लिए पॉजिटिव तरीके से काम नहीं कर पाता। अगर आपको संक्रमण के बाद भी कई साल से बुखार न आया हो तो यह भी कमजोर इम्यूनिटी का लक्षण है।
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