Bond Between Grandparents and Grandchildren: पोता-पोती के साथ दादा-दादी का साथ अटूट होता है। बचपन में दादा-दादी हमारे सबसे अच्छे दोस्त होते हैं। माता-पिता से भी ज्यादा लगाव बच्चे अपने दादा-दादी के साथ रखते हैं। पुराने समय में ज्वॉइंट फैमिली के कारण बच्चे अपने दादा-दादी के साथ ही रहा करते थे। उस समय उनकी अहमियत भी आज के समय से कई गुना ज्यादा थी। दादा-दादी को जीवन का अनुभव होता है। उनके साथ रहने से बच्चों में भी अच्छी आदतें आती हैं।बच्चे की अच्छी परवरिश (Good Parenting) में दादा-दादी का किरदार अहम होता है। आज के समय में संयुक्त परिवारों का चलन कम हो गया है। लोग न्यूक्लियर फैमिली में रहते हैं, जहां दादा-दादी बच्चों से कभी-कभी मिलते हैं। दूर रहें या पास आप बच्चे और दादा-दादी के बीच की दूरी को कम कर सकते हैं। इस लेख में हम आपको बताएंगे कुछ आसान तरीके जिनकी मदद से बच्चों की अच्छी परवरिश के लिए उन्हें दादा-दादी के साथ दिला सकते हैं।
1. बच्चों को दादी-नानी के किस्से सुनाएं
बच्चों की अच्छी परवरिश के लिए उन्हें किसी अनुभवी व्यक्ति की संगत में रहना चाहिए। दादा-दादी या नाना-नानी से बेहतर कंपनी उनके लिए कोई और नहीं हो सकती। लेकिन बच्चे अपने दादा-दादी के बारे में ज्यादा नहीं जानते हैं और इसी कारण से वे उनके साथ जुड़ाव महसूस नहीं करते। बच्चों को दादा-दादी की कहानियां सुनाएं। उनके जीवन से जुड़ी अच्छी यादें बताएं। इससे बच्चे उनके प्रति लगाव महसूस करेंगे।
2. दादा-दादी की तारीफ करें
पैरेंट्स बच्चों को दादा-दादी के करीब लाने के लिए उनके सामने दादा-दादी की तारीफ करें। उनके अच्छे स्वभाव के गुण उजागर करें। बच्चों को ये महसूस होना चाहिए कि उनके दादा-दादी कितने खास हैं। बच्चे दादा-दादी को उनके उम्र के आखिरी दौर में देखते हैं और इसी कारण से वे उन्हें आज के समय के मुताबिक नहीं लगते। लेकिन उनकी अच्छी बातों को बच्चों के सामने लाकर आप दोनों के बीच के बॉन्ड को मजबूत कर सकते हैं।
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3. दादा-दादी को समय दें बच्चे
दादा-दादी के साथ बच्चों का बॉन्ड मजबूत करने के लिए दोनों को साथ वक्त बिताने दें। दादा-दादी बच्चों को होमवर्क करवा सकते हैं या बच्चों के साथ खेलने के लिए जा सकते हैं। इससे दोनों के बीच प्यार बढ़ेगा और रिश्ता मजबूत होगा। बच्चे अपने दादा-दादी के साथ खेल-खेल में करीब आ जाएंगे। आप बच्चों को उनके दादा-दादी के पास कुछ दिन जरूर लेकर जाएं या उन्हें अपने पास बुलाएं।
4. बच्चों को दादा-दादी के दुलार की अहमियत समझाएं
बच्चों को दादा-दादी जैसा दुलार कोई और नहीं दे सकता। इस प्रेम की अहमियत बच्चों को पता होनी चाहिए। बच्चों को ये न लगे कि दादा-दादी उनके करीब नहीं है। ये हो सकता है कि वे आज के जमाने से अलग हों, लेकिन उनके मन में बच्चों के लिए प्यार निस्वार्थ होता है। इस बात का एहसास बच्चों को समय-समय पर करवाते रहें।
5. दादा-दादी के प्रति अच्छा व्यवहार रखें
बच्चे आपको देखकर ही अच्छी और बुरी आदतें सीखते हैं। दादा-दादी के प्रति आप अच्छा व्यवहार रखेंगे, तो बच्चे भी वही सीखेंगे। उनके प्रति आदर और सम्मान का भाव रखकर आप बच्चों के लिए मिसाल बन सकते हैं। दादा-दादी और बच्चों के बीच का बॉन्ड मजबूत करने का ये सबसे आसान तरीका है। उनके प्रति आपका व्यवहार ही ये तय करेगा कि बच्चे दादा-दादी के पास जाते हैं या नहीं।
ऊपर बताई कुछ टिप्स की मदद से बच्चे और दादा-दादी के बीच के रिश्ते को मजबूत बना सकते हैं। ये भी अच्छी परवरिश का अहम हिस्सा है इसलिए इसे नजरअंदाज न करें।