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प्रोबायोटिक्‍स का सेवन कैसे आपकी सेक्‍सुअल हेल्‍थ को बेहतर बना सकता है? जानें डॉक्टर से

प्रोबायोटिक्‍स कैसे आपकी सेक्सुअल हेल्थ को प्रभावित करते हैं और कैसे प्रोबायोटिक्स खाकर आप इसे सुधार सकते हैं, बता रहे हैं डॉक्टर।
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प्रोबायोटिक्‍स का सेवन कैसे आपकी सेक्‍सुअल हेल्‍थ को बेहतर बना सकता है? जानें डॉक्टर से


जब हम गट हेल्‍थ (पेट के स्वास्थ्य) के बारे में बात करते हैं, तो हम गट के अंदर रहने वाले अरबों बैक्‍टीरिया के बारे में बात कर रहे होते हैं। इसे माइक्रोबायोम के रूप में जाना जाता है। इन बैक्टीरिया या माइक्रोबायोम की कमी को डिसबायोसिस कहते हैं। ये माइक्रोबायोम न सिर्फ आपके पाचन को बल्कि मूड, मेटाबॉलिज्म, सेक्सुअल परफॉर्मेंस आदि को भी प्रभावित करते हैं। पेट में इन गुड बैक्टीरिया को पनपने में मदद करने के लिए डॉक्टर्स हमें प्रोबायोटिक फूड्स खाने की सलाह देते हैं। इसलिए कई बार व्यक्ति का पेट पूरी तरह स्वस्थ न हो, तो उसकी सेक्सुअल क्षमता पर भी असर पड़ता है। ऐसे में हम कह सकते हैं कि प्रोबायोटिक्स अप्रत्यक्ष रूप से आपकी सेक्सुअल क्षमता को भी बढ़ा सकते हैं।

Probiotics & sexual health

अपोलो हॉस्पिटल के प्लास्टिक सर्जन एंड फैलो ऑफ यूरोपियन कमेटी ऑन सेक्सुअल मेडिसिन के डॉ. अनूप धीर के मुताबिक सेक्‍सुअल हेल्‍थ का डायरेक्‍ट कनेक्‍शन बेहतर गट फंक्‍शन से है। गट फंक्‍शन में गड़बड़ी होने पर सेक्‍सुअल लाइफ भी प्रभावित होती है।  इसलिए डिसबायोसिस में प्रोबायोटिक्‍स आपकी मदद कर सकते हैं। प्रोबायोटिक्‍स में पाए जाने वाले यीस्‍ट और बैक्‍टीरिया इस समस्या के उपचार में मददगार हो सकते हैं। दरअसल बैक्‍टीरियल असंतुलन के कारण शरीर में इंफ्लेमेशन बढ़ता है। ऐसे में प्रोबायोटिक्‍स आईबीएस, आईबीडी और अन्‍य इंफ्लेमेटरी कंडीशन से निपटने में मदद करता है। इतना ही नहीं प्रोबायोटिक्‍स गैस, ब्‍लोटिंग, कब्ज और डायरिया जैसी डाइजेस्टिव समस्‍याओं के उपचार में भी मददगार होते हैं।

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प्रोबायोटिक्‍स क्‍या हैं?

गट माइक्रोबायोटा ऐसे करोड़ों और अरबों माइक्रोऑर्गेनिज्‍म हैं, जो आपके गैस्‍ट्रोइंटेस्‍टाइनल ट्रैक्‍ट में रहते हैं और आपके गट माइक्रोबायोम को बेहतर बनाते हैं। बड़ी आंत में सबसे ज्‍यादा माइक्रोऑर्गेनिज्‍म रहते हैं। डाइट और लाइफस्‍टाइल ऐसे दो फैक्‍टर हैं, जो माइक्रोऑर्गेनिज्‍म पर बहुत ज्‍यादा असर डालते हैं। हेल्‍दी माइक्रोबायोम के लिए प्रोबायोटिक्‍स लेना जरूरी होता है। आसान भाषा में कहें तो ये एक तरह का पोषक तत्‍व होता है, जो गट बैक्‍टीरिया को मजबूत बनाने में मदद करता है।

सेक्‍सुअल हेल्‍थ को कैसे प्रभावित करते हैं प्रोबायोटिक्स?

सेक्‍स हार्मोन एस्‍ट्रोजेन के रेगुलेशन के लिए गट हेल्‍थ का अच्‍छा होना बहुत जरूरी होता है। ह्यूमन बॉडी में हैप्‍पीनेस हार्मोंस के रूप में ज्ञात सेरोटोनिन का एक बहुत बड़ा हिस्‍सा गट में ही प्रोड्यूस होता है। सेरोटोनिन का उत्‍पादन पर्याप्‍त मात्रा में हो, इसके लिए गट हेल्‍थ का बेहतर होना बहुत जरूरी है। रिसर्च बताती हैं कि बॉडी में सेरोटोनिन का कम बनना सेक्‍स रुचि में कमी आने से जुड़ा है। जब बॉडी में सेरोटोनिन का लेवल कम होता है, तब सेक्‍सुअल फीलिंग्‍स के लिए फि‍जिकल रिस्‍पॉन्‍स भी कम होने लगता है।

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प्रोबायोटिक्‍स के हेल्‍थ बेनिफि‍ट्स

प्रोबायोटिक्‍स रिच डाइट लेने से डाइजेस्टिव सिस्‍टम बेहतर होता है। प्रोबायोटिक्‍स गट और मेटाबॉलिक हेल्‍थ को बेहतर रखने में महत्‍वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। गट हेल्‍थ को अच्‍छा बनाने के अलावा प्रोबायोटिक्‍स हमारे इम्‍यून फंक्‍शन, ब्‍लड शुगर रेगुलेशन, भूख और ऊर्जा को भी बेहतर बनाते हैं।

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