जानें गर्भवती होने की क्षमता को कैसे प्रभावित करता है महिलाओं का बढ़ा हुआ वजन

मोटापा सिर्फ महिलाओं की प्रजनन क्षमता नहीं बल्कि पुरुषों की प्रजनन क्षमता पर भी बुरा असर डालता है। दुनियाभर में 6 से 8 करोड़ जोड़े हर साल इनफर्टिलिटी के शिकार होते हैं।
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जानें गर्भवती होने की क्षमता को कैसे प्रभावित करता है महिलाओं का बढ़ा हुआ वजन


बढ़ा हुआ वजन आपको गंभीर समस्या नहीं लगती है, मगर क्या आप जानती हैं कि मोटापे के कारण आपके गर्भवती होने की क्षमता प्रभावित होती है। मोटापा सिर्फ महिलाओं की प्रजनन क्षमता नहीं बल्कि पुरुषों की प्रजनन क्षमता पर भी बुरा असर डालता है। दुनियाभर में 6 से 8 करोड़ जोड़े हर साल इनफर्टिलिटी के शिकार होते हैं। इनमें से ज्यादातर मामलों में इन्फर्टिलिटी या बांझपन का कारण मोटापा और इससे जुड़ी बीमारियां हैं। आइए आपको बताते हैं कि मोटापा किस तरह आपके प्रेगनेंट होने की क्षमता को प्रभावित करता है।

मोटापे के कारण कैसे प्रभावित होती है प्रेगनेंसी

दरअसल मोटापा एक स्तर से ज्यादा बढ़ जाए, तो बीमारी है। इसके कारण महिलाओं में गर्भपात का खतरा बढ़ जाता है। इसके अलावा मोटापे के कारण डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर, प्री-एक्‍लम्‍पसिया आदि के होने की भी संभावना बढ़ जाती है इसलिए गर्भधारण करने में परेशानी आती है। मोटापे से ग्रस्त महिलाओं में मृत बच्‍चा पैदा होने गर्भावस्‍था से जुड़ी अन्‍य समस्‍याओं की आशंका भी होती है। कई शोध के मुताबिक मोटापे से ग्रस्‍त महिलाओं में मृत बच्‍चे को जन्‍म देने की दर सामान्‍य महिलाओं से दोगुनी होती है। एक समस्या यह भी है कि मोटापे से ग्रस्त महिलाओं को नार्मल डिलीवरी में कई बार समस्या आती है इसलिए सिजेरियन की जरूरत पड़ती है।

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हार्मोनल असंतुलन का कारण मोटापा

महिलाओं में मोटापा हार्मोनल असंतुलन का कारण बनता है। हार्मोनल असंतुलन के कारण पीरियड अनियमित होता है, जिसका सीधा असर ओव्‍यूलेशन पीरियड पर पड़ता है और गर्भधारण में परेशानी आती है। मोटापे से ग्रस्‍त महिलाएं अगर अपना वजन कम कर लें, तो बिना किसी इलाज के उनके ऑव्‍युलेशन की प्रक्रिया सामान्‍य हो सकती है। आपका सही वजन न सिर्फ आपकी प्रजनन क्षमता बढ़ाता है, बल्कि मां और बच्चे दोनों के स्वास्थ्य के लिए भी जरूरी है।

मोटापा इन्फर्टिलिटी के इलाज में भी बाधक बनता है

मोटापा सिर्फ इन्फर्टिलिटी का कारण नहीं बनता है, बल्कि इसके इलाज में भी बाधा बनता है। मोटापे के कारण ऑव्‍युलेशन को नियमित अथवा प्रारंभ करने के लिए दी जाने वाली दवाओं के प्रति संवेदनशीलता कम हो जाती है। इसके अलावा मोटापे के कारण अण्‍डाणुओं के टूटने में अधिक तकनीकी परेशानियां आती हैं साथ ही रक्‍तस्राव और चोट लगने का खतरा भी अधिक होता है।

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एक से ज्यादा भ्रूण होने का खतरा

कई बार इन्फर्टिलिटी को खत्म करने के लिए जो दवाएं दी जाती हैं, मोटापे के कारण उन दवाओं के प्रति अति सक्रियता का खतरा बढ़ जाता है। इसके कारण कई बार महिलाओं में एक से अधिक भ्रूण के होने की संभावना बढ़ जाती है। एक से अधिक भ्रूण कई बार खतरनाक हो सकते हैं। मोटापे के कारण भ्रूण के यूटरस में स्‍थानांतरित होने में कठिनाई आती है। इसके अलावा खास बात यह है कि मोटापा आईवीएफ तकनीक से गर्भधारण में भी परेशानी पैदा करता है।

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