जानें प्रेग्नेंसी में पीठ के बल सोना क्यों है खतरनाक और क्या है सोने की सही पोजीशन

गर्भावस्था किसी भी महिला के जीवन का सबसे खास समय होता है। इस वक्त को महिला और उसके घर वाले जितना इन्ज्वॉय करते हैं, उतना ही सावधान भी रहते हैं। प्रेग्नेंसी में महिलाओं को काफी सर्तक और जूझबूझ से काम करने की हिदायत की जाती है। क्योंकि इस दौरान महिला द्वारा की गई सभी गतिविधियों का सीधा असर शिशु पर पड़ता है। डॉक्टर्स जहां महिलाओं को अपने खानपान और लाइफस्टाइल पर विशेष ध्यान देने को कहते हैं वहीं घर के बड़े-बुजुर्ग महिलाओं को लेटने, उठने, बैठने और सोने संबंधित अपनी राय और अपने अनुभव बताते हैं। 
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जानें प्रेग्नेंसी में पीठ के बल सोना क्यों है खतरनाक और क्या है सोने की सही पोजीशन


गर्भावस्था किसी भी महिला के जीवन का सबसे खास समय होता है। इस वक्त को महिला और उसके घर वाले जितना इन्ज्वॉय करते हैं, उतना ही सावधान भी रहते हैं। प्रेग्नेंसी में महिलाओं को काफी सर्तक और जूझबूझ से काम करने की हिदायत की जाती है। क्योंकि इस दौरान महिला द्वारा की गई सभी गतिविधियों का सीधा असर शिशु पर पड़ता है। डॉक्टर्स जहां महिलाओं को अपने खानपान और लाइफस्टाइल पर विशेष ध्यान देने को कहते हैं वहीं घर के बड़े-बुजुर्ग महिलाओं को लेटने, उठने, बैठने और सोने संबंधित अपनी राय और अपने अनुभव बताते हैं। एक सलाह जो बहुत जरूरी बताई जाती है वह है कि गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को पीठ के बल नहीं लेटना चाहिए। इससे बच्चे को और मां को दोनों को खतरा हो सकता है। आइए आपको बताते हैं कि ऐसा क्यों कहा जाता है क्या हैं गर्भावस्था के दौरान लेटने के सही तरीके।

क्या गर्भावस्था में पीठ के बल लेटना खतरनाक है?

गर्भावस्था की शुरुआत में आप चाहे जैसे लेटें, इसमें कोई खास परेशानी नहीं है क्योंकि शुरुआत में आपका शिशु प्यूबिक बोन के पीछे होता है। हालांकि 16 सप्ताह की गर्भावस्था के बाद पीठ के बल सोना खतरनाक हो सकता है। इस दौरान शिशु थोड़ा भार ग्रहण कर लेता है। पीठ के बल लेटने से आपका शिशु उस नस पर दबाव डाल सकता है, जो आपके शरीर के निचले हिस्से से हृदय तक रक्त पहुंचाती है। हालांकि ऐसा तभी होता है जब आप देर तक पीठ के बल लेटती हैं। लेकिन गर्भावस्था के अंतिम दिनों में पीठ के बल लेटने से आपको बेहोशी आ सकती है या नींद आने जैसा महसूस हो सकता है।

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क्या गर्भावस्था में दायीं करवट लेकर सोना ठीक है?

गर्भवस्था मे दायीं हाथ की तरफ सोना, पीठ और उल्टा सोने से काफ़ी बेहतर होता है, लेकिन यह उतना सुरक्षित नही है जितना कि बायीं तरफ सोना है। इसका कारण यह है कि, दाहिनी करवट सोने से आपके लिवर पर दबाव पड़ता है, जिससे लिवर से संबंधित क्रियाएं बाधित हो सकती हैं, खासकर आपका पाचन बिगड़ सकता है और शिशु के लिए पौष्टिक तत्वों की कमी हो सकती है। फिर भी अगर आपका बाई तरफ सोने से थक गई हैं या एक तरफ दबाव महसूस कर रही हैं, तो थोड़ी देर के लिए दायें करवट सो सकती हैं।

गर्भावस्था में किस तरह सोना होता है ठीक?

विशेषज्ञों की मानें तो गर्भावस्था में सामान्यतः करवट लेकर सोना और बायीं तरफ करवट लेकर सोना सबसे अच्छा होता है। शिशु के बेहतर विकास और आपके शरीर के आराम के लिए बाएं करवट सोना ज्यादा बेहतर है। इस अवस्था में सोने से आपके गर्भनाल द्वारा आपके शिशु को सभी पोषक तत्व मिलते रहते हैं और रक्त का प्रवाह भी बना रहता है। इस अवस्था में सोने का एक फायदा यह भी है कि इससे आपके शरीर में मौजूद टॉक्सिन्स निकल जाते हैं, जिससे शरीर में होने वाली सूजन या संक्रमण से बचाव रहता है।

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गर्भावस्था में कितनी नींद है जरूरी

प्रेग्‍नेंसी के दौरान आराम बहुत जरूरी है, आराम में अच्‍छी नींद भी आती है। गर्भावस्‍था के दौरान जितना ध्‍यान स्‍वस्‍थ खानपान पर देना चाहिए उतना ही ध्‍यान भरपूर और आरामदायक नींद पर भी दीजिए। इस समय 7-9 घंटें की नींद जरूरी है। लेकिन शरीर का वजन बढ़ने के कारण और कई अन्‍य तरह के हार्मोन के कारण नींद नहीं आती। अच्‍छी नींद न आने के कारण दिनभर भारीपन सा लगता है और महिला चिड़चिड़ी भी हो सकती है।

खूब पानी पिएं

गर्भावस्‍था के दिनों में भी पर्याप्‍त मात्रा में पानी पीना बहुत जरूरी है। पानी आपके शरीर से टॉक्सिन बाहर निकालने में मदद करता है और आपको ताजगी भी प्रदान करता है। यह शरीर को हाइड्रेट रखता है जिससे नींद अच्‍छी आती है।

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