How Long To Soak Pulses Beans And Chickpeas: जब भी दाल, राजमा और चना आदि के सेवन की बात आती है। तो हमेशा यह सलाह दी जाती है कि इन्हें खाने या पकाने से पहले पानी में कुछ समय के लिए जरूर भिगोना चाहिए। ठीक ऐसा ही नट्स और ड्राई फ्रूट्स के साथ भी है। इन्हें भी खाने से पहले हमेशा पानी में भिगोने की सलाह दी जाती है। लेकिन लोगों के साथ अक्सर यह समस्या देखने को मिलती है कि वे इस बात को लेकर काफी असमंजस में रहते हैं कि किस फूड को कितने समय के लिए भिगोना चाहिए। कोई कहता है कि खाने से 1 घंटा पहले भिगो दें तो कोई 6-8 घंटे या रातभर भिगोने की सलाह देता है। लेकिन फूड्स को भिगोने का आदर्श समय क्या होता है, इसके बारे में लोगों को पर्याप्त जानकारी नहीं होती है। लेकिन इस लेख में हम आपकी दुविधा को दूर करेंगे और आपको सभी फूड्स को भिगोने का सही समय बताएंगे। इस विषय पर बेहतर जानकारी के लिए हमने न्यूट्रिशनिस्ट जूही कपूर से बात की। उन्होंने एक इंस्टाग्राम पोस्ट के माध्यम से फूड्स को भिगोने का सही तरीका और समय बताया है। तो चलिए जानते हैं...
दाल, चना और बीन्स को कितनी देर भिगोना चाहिए- How Long To Soak Pulses Beans And Chickpeas In Hindi
1: स्प्लिट दालें (Split Pulses)
यह आसानी से पक जाती हैं। इसलिए इन्हें भिगोने के लिए आदर्श समय 4-6 घंटे के बीच होता है। इन दालों में पीली मूंग दाल, चना दाल, उड़द दाल, तूर दाल आदि शामिल हैं। मूल रूप से ये स्प्लिट दालें हैं। इन्हे साबुत दाल को आधे में विभाजित करके बनाया जाता है।
2. साबुत दालें (Whole Pulses)
जैसे कि नाम से ही साफ है, ये दालें संरचना में पूरी या साबुत होती हैं। इस श्रेणी में लोबिया, हरी मूंग दाल, कुलथी या मोठ जैसी छोटी दालें शामिल हैं। इन्हें अंकुरित भी किया जा सकता है। इन्हें भिगोने का उपयुक्त समय 6-8 घंटे के बीच होता है।
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3: बीन्स और चने (Beans And Chickpeas)
ये सोयाबीन, किडनी बीन्स, बंगाल चना, ब्लैक बीन्स जैसी बड़ी फलियां हैं। अपने आकार और सख्त संरचना के कारण इस किस्म को 8-10 घंटे तक भिगोने की सलाह दी जाती है।
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दाल, राजमा और चना को भिगोने क्यों महत्वपूर्ण है?
- भिगोने से खाना पकाने का समय कम हो जाता है और इस प्रकार, पोषक तत्वों के नुकसान से बचा जा सकता है।
- इससे दाल और फलियां पचाने में आसान और पेट के लिए हल्की हो जाती हैं।
- इस प्रक्रिया से दाल और फलियों में मौजूद एंटी-न्यूट्रिएंट्स निष्क्रिय हो जाते हैं।
- भीगी दाल और फलियां खाने के बाद ब्लोटिंग और पाचन संबंधी समस्याएं नहीं होती हैं।
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