ल्यूपस के लक्षण हर व्यक्ति के लिए अलग हो सकते हैं। कई मामलों में हेल्थ केयर टीम ल्यूपस के परिलक्षित होने वाले लक्षण ही इलाज करती है। कभी यह बीमारी अचानक हमला करती है, तो कभी धीरे-धीरे शरीर के अंगों पर अपना असर दिखाती है।
ल्यूपस एक ऐसा रोग होता है, जब शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता अधिक उत्तेजित होकर स्वस्थ उत्तकों और कोशिकाओं पर हमला कर देती है। ल्यूपस के लक्षणों को पहचानना और भी कठिन चुनौती है, क्योंकि यह हर व्यक्ति के हिसाब से बदलते रह रहते हैं।
कैसे होता है ल्यूपस का इलाज
आज के दौर में डॉक्टर ल्यूपस का इलाज करते समय कई दवाओं का इस्तेमाल करते हैं। इसमें से कुछ दवाओं का असर माइल्ड होता है, तो कुछ बेहद स्ट्रॉन्ग होती हैं। दवाओं का चयन मरीज की जरूरत और रोग की गंभीरता के आधार पर किया जाता है।
डॉक्टर द्वारा सुझायी गयी दवाओं की मात्रा ल्यूपस के इलाज के दौरान ही बदल सकती हैं। हालांकि, कई बार ल्यूपस के लक्षणों को नियंत्रित करने के लिए सही दवा का चयन करने में हेल्थ केयर टीम को महीने लग जाते हैं। और कभी-कभार तो दवाओं का सही सम्मिश्रण तैयार करने में बरसों का समय लग जाता है।
कौन करता है ल्यूपस का इलाज
रह्यूमेटोलॉजिस्ट, डॉक्टर जो जोड़ों, मांसपेशियों का विशेषज्ञ होता है, आमतौर पर वही ल्यूपस का इलाज करता है। अगर ल्यूपस किसी विशिष्ट अंग को नुकसान पहुंचाता है, तो अन्य विशेषज्ञों से सहायता ली जा सकती है। उदाहरण के लिए त्वचा संबंधी ल्यूपस के लिए किसी डरमोटोलॉजिस्ट की मदद ली जा सकती है और हृदय रोग के लिए कार्डियोलॉजिस्ट को संपर्क साधा जा सकता है। नेफरोलॉजिस्ट से किडनी रोग और न्यरोलॉजिस्ट से मस्तिष्क और तंत्रिका प्रणाली संबंधी दोषों के लिए संपर्क किया जा सकता है। गर्भवती महिला को अगर ल्यूपस हो जाए तो उसे काफी सावधानी बरतनी चाहिए।
डॉक्टर बनाता है योजना
एक बार डॉक्टर ल्यूपस का निदान तलाश ले उसके बाद वह आपके इलाज के लिए एक योजना बनानी शुरू कर देता है। इस योजना को तैयार करते समय कई महत्वपूर्ण पहुलओं को नजर में रखा जाता है। इसमें रोगी की उम्र, उसमें बीमारी के लक्षण, उसका स्वास्थ और जीवनशैली जैसी महत्वपूर्ण बातों का ध्यान रखा जाता है। इसके बाद ही डॉक्टर इस निष्कर्ष पर पहुंचता है कि रोगी का इलाज कैसे किया जाए और उसे किस प्रकार की दवा, कितनी मात्रा में दी जाए।
दवाओं के जरिये हासिल किए जाने वाले महत्वपूर्ण लक्ष्य
- ल्यूपस के कारण पैदा हुयी जलन और सूजन को कम करना
- अति उत्तेजित प्रतिरक्षा प्रणाली को शांत करना
- फ्लेयर्स को रोकना और उनके नजर आते ही उनका इलाज करना
- थकान और जोड़ों में दर्द जैसे लक्षणों को नियंत्रित करना
- शरीर के अंगों को होने वाले नुकसान को कम करना
कई बार ल्यूपस के शिकार लोगों को सामान्य तौर पर नजर आ रहे लक्षणों की दवा लेने के साथ-साथ अन्य दवाओं का सेवन भी करना पड़ता है।
- तरल पदार्थ बनाए रखने के लिए मूत्रल
- उच्च रक्तचाप के लिए एंटीहायपरटेंसिव दवाओं का सेवन
- जब्ती विकारों के लिए एंटीकन्वल्सेंटस का सेवन
- संक्रमण के लिए एंटीबायोटिक दवाओं का सेवन
- हड्डी को मजबूत बनाने वाली दवायें