ऑस्टियोअर्थराइटिस एक गंभीर समस्या है, जिसमें घुटनों में काफी तेज दर्द और जकड़न बनी रहती है। यह बीमारी आमतौर पर उम्रदराज लोगों में होती है, लेकिन आज के समय में युवाओं को भी यह बीमारी तेजी से शिकार बना रही है। इसके पीछे मोटापे को आम कारण माना जाता है। हाल ही में गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट डॉ. पाल ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर एक वीडियो शेयर की है, जिसमें उन्होंने ऑस्टियोअर्थराइटिस से पीड़ित लोगों के लिए इंटरमिटेंट फास्टिंग के बारे में बताया है। चलिए जानते हैं यह फास्टिंग इस समस्या में कितनी कारगर होती है?
मोटापा ऑस्टियोअर्थराइटिस का मुख्य कारण
मोटापे को ऑस्टियोअर्थराइटिस का मुख्य कारण माना जाता है। दरअसल, वजन बढ़ने से घुटनों पर भी अधिक बल पड़ता है, इस कारण घुटनों में दर्द होने की समस्या बनी रहती है। वजन ज्यादा बढ़ने से घुटनों पर स्ट्रेस पड़ने के साथ ही कई बार हड्डियो में मौजूद कार्टिलेज टूटने की भी आशंका बढ़़ जाती है, जिस कारण ऑस्टियोअर्थराइटिस की समस्या और बढ़ती है।
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इंटरमिटेंट फास्टिंग कितनी फायदेमंद?
घुटनों के ऑस्टियोअर्थराइटिस में इंटरमिटेंट फास्टिंग एक फायदेमंद विकल्प के तौर पर साबित होती है। दरअसल, वजन घटाने के लिए इंटरमिटेंट फास्टिंग काफी कारगर साबित होती है। इस फास्टिंग के तहत आपको लंबे अंतराल के बाद ही कुछ खाना होता है। इससे शरीर में जमा वसा की मात्रा आसानी से पिघलती है और घुटनों पर पड़ने वाला प्रेशर भी हल्का होता है। इस फास्टिंग को करने के बाद घुटना काफी हल्का हो जाता है, जिससे आपको चलने-फिरने में किसी प्रकार की समस्या का सामना नहीं करना पड़ता है।
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ऑस्टियोअर्थराइटिस से बचने के तरीके
- ऑस्टियोअर्थराइटिस की समस्या से बचने के लिए आपको नियमित तौर पर एक्सरसाइज करनाी चाहिए।
- इसके लिए आप स्क्वैट्स, क्वैड स्क्वैट्स और लेग की एक्सरसाइज कर सकते हैं।
- इसके लिए अपने खान-पान को हेल्दी बनाए रखें। ऐसे में फलों और सब्जियों का सेवन ज्यादा करें।
- ऑस्टियोअर्थराइटिस से बचने के लिए आपको अपने वजन पर नियंत्रण लगाना चाहिए।
- ऐसे में शारीरिक रूप से सक्रिय रहें साथ ही फीजियोथेरेपी का सहारा लें।