डायबिटीज की दवा मेटफॉर्मिन कैसे दिमाग पर डालती है सकारात्मक प्रभाव, जानें क्या कहता है अध्ययन

डायबिटीज की दवा मेटफॉर्मिन को लेकर एक अध्ययन सामने आया है जिसमें बताया गया है कि कैसे मेटफॉर्मिन दिमाग पर डालती है सकारात्मक प्रभाव।
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डायबिटीज की दवा मेटफॉर्मिन कैसे दिमाग पर डालती है सकारात्मक प्रभाव, जानें क्या कहता है अध्ययन

अक्सर कई शोध और कई एक्सपर्ट्स भी ये कहते हैं कि ज्यादातर दवाओं को साइड इफेक्ट होता है, वहीं, कई ऐसी भी दवाएं हो सकती है जो किसी भी तरह का नुकसान न पहुंचाएं। लेकिन टाइप-2 डायबिटीज की एक दवा का पॉजिटिव साइड इफेक्ट देखने को मिला है। एक नए शोध में ये खुलासा हुआ है कि टाइप-2 डायबिटीज की दवा 'मेटफॉर्मिन' का सकारात्मक साइड इफेक्ट देखने को मिला है। शोध के अनुसार ये मरीज की सोच और याददाश्त को मजबूत करने में कारगर है।  

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मेटफोर्मिन के साइड इफेक्ट्स

आपको बता दें कि हाल ही में न्यू साउथ वेल्स, ऑस्ट्रेलिया में गरवन इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल रिसर्च में अनुसंधान विषय के नेता और अध्ययन के लेखक डॉक्टर कैथरीन समरस (Dr. Katherine Samaras) ने बताया कि टाइप-2 डायबिटीज की दवा मेटफॉर्मिन पर अध्ययन किया गया। जिसके निष्कर्ष ने ये दिखाया कि टाइप-2 के मरीजों की मनोभ्रंष पर इसका सकारात्मक असर देखने को मिला है। ये परिणाम दिखाते हैं कि ऐसे मरीजों के दिमागी खतरों को कम किया गया है। 

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क्या कहता है अध्ययन का परिणाम?

शोधकर्ताओं के अनुसार, टाइप-2 डायबिटीज की दवा मेटाफॉर्मिन मरीज के हार्मोन्स को प्रभावित करने का काम करता है। जिससे मरीज की कोशिकाओं में ईंधन मिलता है। आपको बता दें कि टाइप-2 डायबिटीज वाले रोगी इंसुलिन का प्रभावी तरीके से इस्तेमाल नहीं कर पाते। शोधकर्ता अध्ययन के परिणाम को देखते हुए कहते हैं कि टाइप-2 डायबिटीज और तंत्रिका ऊतकों के अध: पतन में एक बड़ी भूमिका निभा सकते हैं। इसके साथ ही शरीर में इंसुलिन कितनी अच्छी तरह काम करता है, इसे बढ़ाकर मेटफॉर्मिन इस नुकसान को काफी हद तक दूर करने में मदद करेगा। 

1 हजार से ज्यादा लोग थे अध्ययन में शामिल

डायबिटीज की दवा मेटाफॉर्मिन पर शोधकर्ताओं ने 6 साल का अध्ययन किया गया जिसमें 70 साल से 90 साल के 1 हजार से ज्यादा लोगों को शामिल किया गया था। इस अध्ययन में शामिल सभी लोग घर पर रहने वाले ही थे और उन सभी लोगों में मनोभ्रंश को लेकर कोई भी लक्षण नहीं थे। इसके साथ ही वो हर दो साल में न्यूरोसाइकोलॉजिकल परीक्षणों से गुजरते थे। जानकारी के मुताबिक, इस अध्ययन में 123 लोग डायबिटीज से पीड़ित थे जिनमें से 67 मेटफॉर्मिन दवा का इस्तेमाल कर रहे थे।

इस अध्ययन के दौरान देखा गया कि मधुमेह से पीड़ित लोग मेटफॉर्मिन नहीं लेते थे, उन लोगों में डिमेंशिया का खतरा पांच गुना तक ज्यादा था। वहीं, शोधकर्ताओं का कहना है कि मेटाफॉर्मिन पर ये कोई पहला अध्ययन नहीं था जिसे मरीज के मस्तिष्क से जोड़ा गया हो, बल्कि दूसरे कई अध्ययनों में भी ऐसा ही पाया गया। 

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'मेटफॉर्मिन कैसे है मददगार'

अल्जाइमर एसोसिएशन में चिकित्सा और वैज्ञानिक संबंधों के उपाध्यक्ष हीदर स्नाइडर ने बताते हैं कि जबकि मेटफॉर्मिन दवा से होने वाले मरीजों के दिमाग पर फायदों को देखने के लिए ये कोई पहला अध्ययन नहीं है। लेकिन ये हम सभी के लिए समझना थोड़ा मुश्किल हो गया है कि मेटाफॉर्मिन कैसे मरीजों के दिमाग पर काम करती है। इसके साथ ही ये कैसे सोचने की समस्याओं को धीमा करने में कैसे मदद करता है। जिसके लिए और शोध और इस पर और भी जानकारी जुटाने की जरूरत है। 

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