
ज्यादातर लोग अपने दिमाग की सेहत को बेहतर बनाए रखने के लिए ब्रेन सप्लीमेंट्स का सेवन करते हैं लेकिन क्या यह वास्तव में कारगर साबित होता है? ये सप्लीमेंट्स आपकी याददाश्त को बेहतर बनाते हैं साथ ही आपके दिमाग के फोकस करने की क्षमता को भी तेज करते हैं जैसे कई दावे आपको सप्लीमेंट्स के लेबल पर देखने को मिलते हैं। 50 वर्ष से अधिक उम्र के 25% वयस्क अपने दिमाग को स्वस्थ रखने की कोशिश कर रहे हैं। सवाल यह उठता है कि क्या ये सप्लीमेंट्स वास्तव में काम करते हैं? यह अक्सर स्पष्ट नहीं होता है। क्योंकि एफडीए (FDA) के निर्माताओं को यह साबित करने की आवश्यकता नहीं है कि ये सप्लीमेंट्स कितने प्रभावी है जब तक कि वे विशिष्ट बीमारियों के बारे में कोई दावा नहीं करते हैं। जानें ये सप्लीमेंट्स आपके लिए कितने फायदेमंद है-
विटामिन-बी
विटामिन बी जैसे बी6, बी12 और बी9 (फोलिक एसिड) सभी मस्तिष्क की सेहत को बनाए रखने में बहुत अहम भूमिका निभाते हैं। लेकिन जब आप गर्भवती नहीं हैं क्योंकि जन्म दोष को रोकने के लिए फॉलिक एसिड बहुत जरूरी होता है। लेकिन इसके अतिरक्त सप्लीमेंट्स मददगार साबित होने की संभावना नहीं होती है। यदि आप अल्जाइमर के अधिक जोखिम से जूझ रहें हैं तो अपने डॉक्टर से सलाह लें। कुछ शोधों से पता चलता है कि जिन लोगों को अलजाइमर का अधिक खतरा है उनके लिए बी सप्लीमेंट काफी फायदेमंद साबित हो सकते हैं। लेकिन ज्यादातर लोगों को हरी पत्तेदार सब्जियों जैसे खाद्य स्रोतों पर अधिक ध्यान देना चाहिए।
इसे भी पढ़ें: कॉफी के शौकीन पीएं ये दालचीनी वाली कॉफी, इन 5 स्वास्थ्य समस्याओं से मिलेगा छुटकारा
कैफीन
कैफीन को गोली या पाउडर के रूप में लेना कोई अच्छा विचार नहीं है। क्योंकि कई बार अधिक मात्रा में इसका सेवन करने से यह जोखिम का कारण बन सकता है। लेकिन फिर भी आप कॉफी का आनंद ले तब तक ले सकते हैं जब तक कि इससे आपकी नींद न उड़ जाए और यह आपको चिड़चिड़ा न बना दें। हालांकि थोड़ी मात्रा में इसका सेवन आपके मस्तिष्क के लिए फायदेमंद हो सकता है। यह एक उत्तेजक (Stimulant) है जो एडीनोसिन (Adenosine) नामक केमिकल के लिए ब्रेन रिसेप्टर्स (brain receptors)को ब्लॉक करके ऊर्जा को बढ़ावा देता है। यह मस्तिष्क के लिए फायदेमंद होता है।
एल-थीनीन
यह एक प्राकृतिक एमिनो एसिड है जिसमें मानसिक प्रदर्शन में सुधार करने की क्षमता होती है विशेषरूप से जब इसे कैफीन के साथ मिलाया जाता है। इसको लेकर अभी तक कोई बड़ा अध्ययन नहीं किया गया है। ज्यादातर अध्ययन बहुत छोटे हैं। इसका एक अध्ययन 2019 मे हुआ था जिसमें 30 लोग शामिल थे। एक्सपर्ट्स का कहना है कि जब तक इस पर अधिक शोध न हो जाये तब तक ग्रीनटी का सेवन करना ही बेहतर है। ग्रीनटी में प्राकृतिक रूप से एल-थिनीन, कैफीन और एंटीऑक्सिडेंट्स भी मौजूद होते हैं जो आपकी मानसिक और शारीरिक सेहत के लिए काफी फायदमेंद होते हैं।
इसे भी पढ़ें: दिल, याददाश्त और शरीर को स्वस्थ रखने वाले 'पोषक तत्वों की खान' है अंगूर, जानें 5 बीमारियों में फायदे
ओमेगा-3एस
पारंपरिक भूमध्यसागरीय भोजन में ओमेगा 3 से भरपूर मछली शामिल होती है। इसके सेवन से डिमेंशिया (Dementia) का जोखिम बहुत कम होता है। लेकिन क्या ओमेगा -3 सप्लीमेंट कारगर है? अभी तक किसी भी बड़े अध्ययन जिसमें राष्ट्रीय स्वास्थ्य संस्थानों द्वारा प्रायोजित अध्धयन भी शामिल है उसमे यह साबित नहीं हुआ है। APEE4 जीन उत्परिवर्तन (Mutation) वाले लोग जो अल्जाइमर से जुड़े होते हैं, अगर वे 2017 में किए गए एक समीक्षा कार्यक्रम के अनुसार सप्लीमेंट का सेवन करें तो उन्हें इससे काफी फायदा मिल सकता है।
विटामिन-ई
इस एंटीऑक्सीडेंट में कॉम्बेट्स फ्री रेडिकल्स शामिल होते है। जो आपके मस्तिष्क की कोशिकाओं को नुकसान पहुँच सकता है। लेकिन इसका पता लगाने कि लिेए पर्याप्त अध्ययन किए गए हैं कि विटामिन E सप्लीमेंट डिमेन्शिया से बचाव कर सकते हैं या नहीं। हालांकि एक अध्ययन में यह पाया गया है कि यह अल्जाइमर के फैलने से रोक सकता है। विशेषज्ञों का कहना है कि ज्यादातर स्वस्थ लोग को नट्स, सीड्स और वेजिटेबल ऑयल्स जैसे खाद्य पदार्थों का सेवन करते हैं।
Read more articles on Healthy Diet in Hindi