PCOS Friendly Food Swaps: पीसीओएस (PCOS) महिलाओं में होने वाली एक गंभीर स्थिति है, जिसके कारण उन्हें कई तरह की स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ता है। महिलाओं में यह समस्या लंबे समय तक शरीर में हार्मोनल असंतुलन के कारण देखने को मिलती है। खराब खानपान से लेकर जीवनशैली कुछ दैनिक आदतों तक, कई ऐसे कारक हैं जो शरीर हार्मोन्स का संतुलन बिगाड़ने में योगदान देते हैं। पीसीओएस लंबे समय चल रही है ऐसी ही खराब जीवनशैली का परिणाम है। इस स्थिति में महिलाओं की ओवरी में सिस्ट बन जाते हैं। इनकी वजह महिलाओं को गर्भधारण में परेशानी होती है। साथ ही, पीसीओएस के कारण महिलाओं को अनियमित पीरियड्स, पीरियड्स में गंभीर ऐंठन और दर्द, हैवी ब्लीडिंग या असामान्य ब्लड फ्लो जैसी स्थितियां देखने को मिल सकती हैं।
अच्छी बात यह है कि पीसीओएस से पीड़ित महिलाएं डॉक्टर द्वारा दिए गए उपचार के साथ अगर अपनी जीवनशैली में सुधार कर लें, तो इस स्थिति को जल्द और प्राकृतिक रूप से ठीक करने में मदद मिल सकती है। इसलिए अपने खानपान और जीवनशैली में सधार करें, साथ में नियमित एक्सरसाइज भी करें, तो इससे आपको जल्दी पीसीओएस को ठीक करने में बहुत मदद मिल सकती है। इसके अलावा, अगर आप अपने कुछ रेगुलर फूड्स की जगह पर कुछ हेल्दी फूड्स का विकल्प लेना शरू कर दें, तो इससे भी आपको पीसीओएस वाली महिलाओं को बहुत लाभ मिल सकता है। आयुर्वेदिक चिकित्सक डॉ. दीक्षा बावसार ने एक इंस्टाग्राम पोस्ट में रेगुलर खाए जाने वाले 8 फूड्स और उनके स्थान पर किन हेल्दी फूड्क सेवन कर सकते हैं, इसके बारे में विस्तार से बताया है। जानने के लिए आगे पढ़ें...
PCOS वाली महिलाएं इन 8 फूड्स की जगह पर खाएं ये हेल्दी फूड्स- PCOS Friendly Food Swaps Hindi
1. रेगुलर चाय-कॉफी को हर्बल चाय से बदलें
कॉफी और चाय में कैफीन होता है, जो शरीर में सूजन बढ़ाता है। इनका सेवन करने से पीसीओएस वाली महिलाओं के लक्षण गंभीर हो सकते हैं। इनकी बजाय हर्बल चाय का सेवन करने से हार्मोनल संतुलन बनाए रखने और सूजन को कम करने में मदद मिलती है।
2. ठंडे पानी की जगह गर्म पानी पिएं
गर्म पानी नलिकाओं में गहराई से प्रवेश करता है और आपके शरीर को अच्छी तरह से डिटॉक्स करने में मदद करता है। यह मेटाबॉलिज्म में भी सुधार करता है, जबकि ठंडा पानी पीना आग पर एक बाल्टी पानी डालने जैसा है। यह मेटाबॉलिज्म को धीमा करता है और पेट संबंधी समस्याओं का कारण बनता है।
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3. फलों का जूस पीने के बजाए साबुत फल खाएं
फल खाने से इंसुलिन धीमी गति से रिलीज होता है और ब्लड शुगर अचानक नहीं बढ़ता है। लेकिन जूस पीने से इंसुलिन रेजिस्टेंस बढ़ सकता है, खासकर अगर जूस में चीनी हो।
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4. कोला, सोडा और अन्य कार्बोनेटिड ड्रिंक्स की जगह छाछ का सेवन करें
छाछ पीने से मेटाबॉलिज्म में सुधार होता है। यह आंत को स्वस्थ रखने में भी मदद करती है। इससे हार्मोन्स के संतुलन में मदद मिलती है। वहीं कार्बोनेटेड ड्रिंक्स हार्मोनल असंतुलन और वजन बढ़ने का कारण बनते हैं।
5. मैदा की ब्रेड या रोटी की बजाए मिलेट्स का सेवन करें
ज्वार, रागी, चौलाई और बाजरा आदि के आटे से बनी रोटी पचाने में आसान होती हैं, जबकि मैदा और प्रोसेस्ड आटे को पचाना मुश्किल होता है, इसमें पोषण कम होता है और शरीर में अधिक सूजन का कारण भी बनता है।
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6. चीनी की जगह गुड़ खाएं
सफेद चीनी में पोषण बिल्कुल भी नहीं होता है, लेकिन इसमें कैलोरी की मात्रा बहुत होती है। इससे आपके उपचार में देरी होती है। इसलिए अगर आपको कभी मीठा खाने का मन हो, गुड़ या शहद का सेवन करें। इनमें कई जरूरी पोषक तत्व मौजूद होते हैं। इससे आपकी मीठे की क्रेविंग शांत होती है और वजन भी कंट्रोल रहता है।
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