कैंसर जैसी गंभीर बीमारी से बचना है, तो मीट को ग्रिल करते समय इन जरूरी बातों का रखें ध्यान

ग्रिल्ड मीट खाने से कैंसर का खतरा बढ़ता है क्योंकि इसमें टॉक्सिन्स पैदा आ जाते हैं। ग्रिलिंग के समय इन 4 बातों का ध्यान रखें, तो कैंसर का खतरा कम होगा
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कैंसर जैसी गंभीर बीमारी से बचना है, तो मीट को ग्रिल करते समय इन जरूरी बातों का रखें ध्यान

क्या आप भी मीट लवर हैं? दुनियाभर में नॉन-वेजिटेरियन की संख्या बहुत ज्यादा है। इनमें से बहुत सारे लोग ग्रिल्ड या बारबीक्यू मीट खूब पसंद करते हैं। शुरुआत में जब मनुष्य ने आग खोजा था, तब वो जानवरों को मारकर ग्रिल करके ही खाता था। मगर बाद में हुई तमाम वैज्ञानिक रिसर्च ने ग्रिल्ड मीट को शरीर के लिए हानिकारक बताया है। जी हां, रिसर्च के अनुसार ग्रिल्ड मीट खाने से कैंसर का खतरा बढ़ता है। इस संदर्भ में कई रिसर्च हैं, जो बताती हैं कि ग्रिल्ड मीट खाने से शरीर में कैंसर के पैदा होने की संभावना बढ़ जाती है।

grilled chicken

मीट को ग्रिल करने से कैंसर का खतरा क्यों?

दरअसल मीट को बहुत ज्यादा तापमान पर ग्रिल करने से इसमें कई तरह के टॉक्सिन्स पैदा हो जाते हैं, जैसे- हेट्रोसाइक्लिक एमाइन्स (HAs) आदि। ये एक ऐसा टॉक्सिन है, जो शरीर में कैंसर के लिए जिम्मेदार होता है। मीट को ग्रिल करते समय इसमें (Polycyclic Aromatic Hydrocarbons) PAHs और (Heterocyclic amines) HCAs पैदा हो जाते हैं, जो कि नैशनल कैंसर इंस्टीट्यूट (National Cancer Institute) के अनुसार व्यक्ति के डीएनए (DNA) में बदलाव कर देते हैं। डीएनए में यही बदलाव कैंसर का कारण बनता है। रिसर्च के अनुसार इसका खतरा उन लोगों को ज्यादा होता है, जो रेड मीट को ग्रिल करके खाते हैं।

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कैंसर का खतरा कम करने के लिए ऐसे करें मीट को ग्रिल

अगर आपको ग्रिल्ड मीट पसंद है, तो कैंसर के डर से आपको इसे खाना बंद नहीं करना है। बल्कि कैंसर के खतरे को कम करने के लिए कुछ खास तरीकों को अपनाने की जरूरत है। हम आपको बता रहे हैं, ऐसे तरीके, जो मीट/चिकन के ग्रिल या बारबीक्यू करते समय इसके कैंसर के खतरे को कम कर देंगी। इससे आपका चिकन हेल्दी भी रहेगा और आप इसका स्वाद भी ले पाएंगे।

chicken grilling

मीट को मैरिनेट कीजिए

मीट को ग्रिल करने से 20 मिनट पहले अगर आप मैरिनेट कर देते हैं, तो इससे HCAs लगभग 90% ही बनते हैं। The Journal of Food Science में छपे एक अध्ययन के अनुसार अगर आप मीट को ग्रिल करने से पहले रोज़मैरी से इसे मैरिनेट करते हैं, तो इससे कैंसर के खतरे को कम किया जा सकता है।

कम तापमान पर पकाएं

एक्सपर्ट्स के अनुसार अगर आप मीट को कम तापमान पर पकाएंगे, तो भले ही मीट को पकने में थोड़ा ज्यादा समय लगेगा, मगर इससे मीट में टॉक्सिन्स कम बनते हैं। असल खतरा मीट को बहुत अधिक तापमान पर पकाने का है, न कि ग्रिलिंग की प्रॉसेस का।

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गैस ग्रिल का इस्तेमाल करें

अगर आप ग्रिलिंग के लिए कोयले वाले ग्रिलर का प्रयोग करते हैं, तो इससे बेहतर है कि आप गैस से चलने वाले ग्रिलर का प्रयोग करें, ताकि कम तापमान पर ही मीट अच्छी तरह ग्रिल हो जाए। इससे आप आंच को धीमा-तेज भी कर सकते हैं।

ग्रिल रैक को ऊंचा रखें

ग्रिल की जिस रैक पर आप चिकन रख रहे हैं, उसे जरा ऊंचा रखिए, ताकि चिकन पर आंच तो लगे लेकिन ये सीधे आग की लपटों के संपर्क में न आए। इसलिए भी गैस वाला ग्रिलर आपके लिए अच्छा है क्योंकि इससे आप आग की लौ को कंट्रोल कर सकते हैं।

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