हर 10 में से 1 भारतीय होगा कैंसर का शिकार, भारत में सबसे ज्यादा बढ़े हैं इन 6 कैंसरों के मामले: WHO

अमीर हो या गरीब, हर 10 में से 1 भारतीय को अपने जीवनकाल में करना पड़ेगा कैंसर का सामना। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की रिपोर्ट चौंका सकती है आपको।
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हर 10 में से 1 भारतीय होगा कैंसर का शिकार, भारत में सबसे ज्यादा बढ़े हैं इन 6 कैंसरों के मामले: WHO


कैंसर आने वाले समय में पूरी दुनिया के लिए एक बड़ी चुनौती बनने वाला है। भारत जैसे विकासशील और सीमित हेल्थ केयर सुविधाओं वाले देश में कैंसर भविष्य में कितना भयावह रूप लेने वाला है, इसका अंदाजा विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा जारी रिपोर्ट बताती है। WHO द्वारा जारी वर्ल्ड कैंसर रिपोर्ट के अनुसार आने वाले समय में हर 10 में से 1 भारतीय को कैंसर होगा और हर 15 में से 1 भारतीय की मौत कैंसर के कारण होगी। रिपोर्ट के अनुसार कैंसर के महामारी बनने का एक बड़ा कारण 'सामाजिक-आर्थिक असमानता' होगी।

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कैंसर से मौत के आंकड़े चौंका सकते हैं

रिपोर्ट के अनुसार भारत में साल 2018 में कैंसर के लगभग 11,60,000 (11 लाख 60 हजार) नए मामले सामने आए थे, वहीं लगभग 7.84 (7 लाख 84 हजार) लोगों की मौत कैंसर के कारण हुई थी। भारतीयों में सबसे ज्यादा खतरा इन तरह के कैंसरों का है-

  • स्तन कैंसर (ब्रेस्ट कैंसर)- 1,62,500 मामले
  • मुंह का कैंसर (ओरल कैंसर)- 1,20,00 मामले
  • गर्भाशय का कैंसर (सर्वाइकल कैंसर)- 97,000 मामले
  • फेफड़ों का कैंसर (लंग कैंसर)- 68,000 मामले
  • पेट का कैंसर (स्टमक कैंसर)- 57000 मामले
  • मलाशय का कैंसर (कोलोरेक्टल कैंसर)- 57,000 मामले

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अमीर-गरीब सभी को है खतरा

अगर आपको लगता है कैंसर से मौत का कारण इलाज का अभाव और गरीबी है, तो आपका सोचना शायद गलत है। रिपोर्ट के अनुसार, भारत में जिन लोग निम्न सामाजिक आर्थिक जीवन जीते हैं, उनमें मुंह के कैंसर और सर्वाइकल कैंसर का खतरा ज्यादा है, जबकि जो लोग उच्च सामाजिक आर्थिक जीवन जी रहे हैं, उनमें स्तन कैंसर और कोलोरेक्टल कैंसर का खतरा ज्यादा है। इसके अलावा मध्यम वर्गीय परिवारों में सभी तरह के कैंसरों का खतरा आम हो रहा है।

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क्यों बढ़ रहे हैं भारत में कैंसर के मामले?

रिपोर्ट बताती है कि भारत में रह रहे ज्यादातर गरीब और निम्न मध्यम वर्गीय परिवारों के लोग अशिक्षा और जागरूकता की कमी के कारण तंबाकू, सिगरेट, बीड़ी आदि का सेवन करते हैं, जिससे उन्हें मुंह का कैंसर होने का खतरा रहता है। इसके अलावा इसी तबके की महिलाओं में सर्वाइकल कैंसर का खतरा रहता है, क्योंकि सीमित संसाधनों के कारण न तो वे अपनी सेहत का ध्यान रख पाती हैं और न ही उन्हें अच्छी स्वास्थ्य सुविधाएं मिलती हैं, जिससे कि वो कैंसर का पता शुरुआत में ही लगा सकें। आपको जानकर हैरानी होगी कि दुनियाभर में जितने भी सर्वाइकल कैंसर के मामले सामने आते हैं, उनमें 1/5 मामले सिर्फ भारत के होते हैं।

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शहरों में कैंसर का कारण

इसी तरह शहरों में रह रहे लोगों और उच्च आर्थिक जीवन जीने वाले लोगों में ब्रेस्ट कैंसर और कोलोरेक्टल कैंसर तेजी से बढ़ रहा है। एक्सपर्ट्स का मानना है कि शहरों में रह रहे लोग शारीरिक मेहनत कम करते हैं, तनाव ज्यादा लेते हैं, प्रॉसेस्ड फूड्स और जंक फूड्स का सेवन करते हैं, जिसके कारण ज्यादातर लोग मोटापे का शिकार होते हैं। इसके अलावा महिलाएं शिशुओं को कम स्तनपान कराती हैं, जिसके कारण शहरी लोगों में ब्रेस्ट कैंसर, कोलोरेक्टल कैंसर, यूटेराइन कैंसर और ओवरियन कैंसर का खतरा बढ़ता है।

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