
जन्म लेने के बाद एक शिशु के लिए मां का दूध संपूर्ण आहार होता है। फिर 7 महीने के होने से लेकर 5 साल की आयु तक वह सबकुछ खाने लगता है। पर हाल ही में किए गए एक शोध की मानें तो 5 वर्ष तक की आयु वाले बच्चों को आहार के रूप में सिर्फ दूध और पानी देना चाहिए। दरअसल शोधकर्ताओं का कहना है कि 5 वर्ष तक से बच्चों के लिए अभी तक कोई भी ऐसा डाइट चार्ट नहीं आया है, जो उसके लिए पूरी तरह से फिट एंड फाइन हो। ईटिंग हैबिट्स पर शोध करने वाली एक अमेरिकी संस्था 'हेल्दी इटिंग रिसर्च' (Healthy Eating Research) ने एक शोध किया है, जिसके अनुसार अगर आप अपने बच्चे को पारंपरिक भोजन से दूर रखने की सोच रहे हैं कि फास्ट फूड से वह ज्यादा हेल्दी और स्ट्रॉन्ग हो जाएगें, तो आप गलत हैं। शोध की ताजा गाइडलाइन्स के अनुसार 5 साल तक के बच्चों के लिए आहार के रूप में दूध और पानी ही पर्याप्त है।
इस रिसर्च में 5 साल से कम आयु के बच्चों की ईटिंग हैबिट्स को स्टडी किया गया। इस स्टडी में पता चला कि इन बच्चों दिए जाने वाले आहार में फास्ट फूड, नॉन-डेरी मिल्क प्रोडक्ट्स और कैफीन की मात्रा सबसे ज्यादा है। रिसर्च यह भी बताता है कि इन बच्चों की डाइट में जूस, दूध और पानी जैसे लिक्विड पदार्थ बेहद कम मात्रा में मिलते हैं।
गाइडलाइन्स के अनुसार बच्चों को न दें यें चीजें
कोल्ड ड्रिंक्स
कोल्ड ड्रिंक्स में काफी मात्रा में आर्टिफिशियल शुगर और प्रिजर्वेटिव्स होते हैं, जो बच्चों के खून में शुगर का लेवल बढ़ा सकते हैं। जिससे कि आगे चलकर वह डायबिटीज और मोटापे जैसे कई अन्य बीमारियों के शिकार हो जाते हैं। इस तरह के चीजें दांतों को भी नुकसान पहुंचाती हैं।
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कैफीन युक्त चीजें
चॉकलेट्स और अन्य कैफीन युक्त चीजें बच्चों की भूख मार देती हैं। इससे इनका पेट हमेशा ही भरा-भरा सा महसूस होता है, जबकि धीरे धीरे वह इस वजह से कमजोर हो जाते हैं। कैफीन के बारे में यह भी कहा जाता है कि यह बच्चों की मेंटल और फिजिकल ग्रोथ को भी कम कर देता है।
फास्ट फूड व फ्राइड
फास्ड फूड हर बच्चे का मनपसंद खाना होता है। पिज्जा, बर्गर और फ्राइड चीजें उनके लीवर को नुकसान पहुंचाती है। इस तरह के फास्ट फूड उनकी इम्यूनिटी को कम करके उन्हें बीमार करते हैं। सबसे ज्यादा मौसमी बीमारी भी इसी से बच्चों में फैलती है।
आर्टिफिशियल मिल्क प्रोडक्ट्स
आर्टिफिशियल मिल्क प्रोडक्ट्स आज बच्चों के लिए सबसे बड़ा खतरा हैं। बच्चे सिर्फ इनके आदि नहीं होते बल्कि इसके कारण ही वह मौसमी फलों और घर में बनी बाकी पारंपरिक भोजनों से दूर हो रहे हैं। इसलिए शुरुआती बढ़ते हुए बच्चों को मिल्कमेड पाउडर और मिल्क पाउडर बिलकुल न दें।
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बच्चों को खिलाए ये आहार
- मौसमी फल
- घर का पारंपरिक खाना जैसे कि मोटे अनाज (ज्वार और बाजरा) से बनी रोटियां या दलिया
- गाय का दूध
- शक्कर की जगह खांड या गुड़
- दाल और कुछ स्प्राउटेड चीजें
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