कैटेगरी: ऑक्सीजन वॉरियर्स
परिचय: शाहनवाज शेख
योगदान: अपनी SUV बेचकर लोगों को फ्री में मेडिकल ऑक्सीजन उपलब्ध कराई।
नॉमिनेशन का कारण: कोरोना की दूसरी लहर में लोगों को ऑक्सीजन की कमी से मरता देख शहनवाज़ ने अपनी SUV बेच कर पैसे इकट्ठा किए और 8000 से ज्यादा लोगों को फ्री में ऑक्सीजन देकर उनका जीवन बचाया।
कोरोना महामारी में मुम्बई के रहने वाले शाहनवाज शेख का सामना एक कड़वे सच से हुआ। कोविड के समय में, जब शाहनवाज ने अपने दोस्त की कजिन सिस्टर को ऑक्सीजन की कमी में मरते हुए देखा तो जीवन को देखने का उनका तरीका एकदम बदल गया। Onlymyhealth को दिए गए इंटरव्यू में शेख ने बताया कि -"वह प्रेगनेंट थी, अपनी और अपने बच्चे की ज़िन्दगी बचाने के लिए वह रोती रही। अंत में बेड न मिलने पर उसने हॉस्पिटल के दरवाजे के बाहर ही दम तोड़ दिया।" 2021 में आई दूसरी लहर में न जाने कितने लोगों ने अपनी आँखों के सामने अपनों परिवार के सदस्यों को जान गंवाते देखा। किसी को वेंटीलेटर बेड नहीं मिला, तो किसी की जान मेडिकल ऑक्सीजन की कमी में चली गई। इन हालतों में देश की मेडिकल व्यवस्था चरमरा गई। चारों तरफ सिर्फ तबाही नज़र आ रही थी। ऐसे में कुछ लोग थे जो अपनी परवाह किए बिना दूसरों को सहारा दे रहे थे, जिनकी वजह से कुछ लोगों ने मौत को हराकर ज़िन्दगी की जंग जीती। शाहनवाज शेख भी एक ऐसे ही इंसान हैं जो बहुत से लोगों की नई ज़िन्दगी की वजह बने। जब देश में मेडिकल ऑक्सीजन की कमी का संकट गहराया था तब उन्होंने अपनी SUV कार बेचकर लोगों को फ्री में ऑक्सीजन बांटी।
शाहनवाज शेख को इस अतुलनीय योगदान के लिए Healthcare Heroes Awards 2021, की सूचि में शामिल किया गया है। उनको 'ऑक्सीजन वॉरियर' कैटेगरी के लिए नॉमिनेट किया गया है। आइये जानते हैं उनकी कहानी-
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जरूरतमंदों को खाना देने से लेकर ऑक्सीजन देने तक, मदद के लिए तत्पर रहे शहनवाज
2020, कोविड की पहली लहर में जब देश में सम्पूर्ण लॉकडाउन लगा तो सिलसिला शुरू हुआ लोगों के पलायन का। हज़ारों-लाखों की संख्या में मजदूर और उनके परिवार अपने घर लौटने के लिए निकल पड़े थे। शाहनवाज बताते हैं कि इस समय पर उनके घर के पास वाले गार्डन में हज़ारों मजदूर अपने परिवार के साथ इकट्ठा हो गए। इनमें बच्चे भी शामिल थे, सभी को खाने की जरूरत थी। इसलिए हमने डिसाइड किया कि हम उनके लिए खाने और पानी का इंतज़ाम करेंगे। हमने 15-20 दिन तक ये सब किया।"
शाहनवाज और उनकी टीम ने लोगों को फ्री में ऑक्सीजन देने का जिम्मा उठाया। उन्होंने बताया कि “जिनको हॉस्पिटल में एडमिशन नहीं मिला या जिनके पास हॉस्पिटल में ऑक्सीजन बेड का इंतजाम नहीं था। हमने ऐसे लोगों को मुफ्त में ऑक्सीजन सिलेंडर दिए। हमारी टीम को दिन में 50 से 100 फ़ोन कॉल आते थे। ये कॉल केवल मुम्बई से नहीं बल्कि आस पास के शहर कल्याण और थाणे से भी होते थे।"
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आखिर क्यों बेच दी शहनवाज ने अपनी SUV कार?
शेख बताते हैं कि- "कोविड की दूसरी लहर में ऑक्सीजन सिलेंडर के लिए आने वाली कॉल की संख्या 500 तक पहुँच गई। बहुत सारे हॉस्पिटल में ऑक्सीजन बिल्कुल खत्म हो गई थी। जो सिलेंडर पहले मात्र 150 रुपए में मिलता था वह अब 800 रुपए तक मिल रहा था।" कुछ लोगों ने एक सिलेंडर के लिए हज़ारों रुपए तक वसूले। जब उनकी टीम को पैसों की कमी होने लगी तो शाहनवाज ने अपनी SUV बेचकर ऑक्सीजन खरीदने का निश्चय किया।
लोगों की मदद के लिए उन्होंने अपनी टीम को 40-40 के दो ग्रुप में बांटा। जिसमें से एक ग्रुप सिलेंडर रिफिल का काम करता था। जबकि दूसरा ग्रुप जरूरतमंद लोगों के घर तक सिलेंडर पहुँचाता था।
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पहले ऑक्सीजन किसको दी जाए?
इस सवाल के जवाब में शेख कहते हैं कि- "जिसको सबसे अधिक जरूरत है पहले उसकी मदद की जाएगी। हमारी टीम ने डिसाइड कर लिया था कि 90 से कम ऑक्सीजन लेवल वाले मरीजों को प्रायोरिटी दी जाएगी। इसके बाद हमने 40 की उम्र के उन लोगों को प्राथमिकता दी,जो काफी सीरियस थे। इस तरह हमारी टीम ने 8000 से अधिक लोगों ऑक्सीजन प्रदान की।
उन्होंने बताया कि- "अगर कोरोना की तीसरी लहर आई और फिर से इस तरह की जरूरत पैदा हुई तो इसके लिए उनकी टीम ने पहले से ही ऑक्सीजन कॉन्सेंट्रेटर्स (ऑक्सीजन जेनरेट करने वाली मशीन) जमा कर लिए हैं।
अंत में सन्देश देते हुए शेख कहते हैं कि- "भारत में दिन-प्रतिदिन कोविड के केस बढ़ रहे हैं। कोविड का नया वेरिएंट ओमीक्रॉन तेज़ी से फैल रहा है। खुद को सुरक्षित रखिए और सुरक्षा नियमों का पालन कीजिए। भारत को मुश्किल भरे हालातों से बचाने के लिए हमको एक दूसरे की मदद करनी होगी।"
Onlymyhealth के जरिए हम शाहनवाज शेख को सैल्यूट करते हैं। लोगों को फ्री ऑक्सीजन देकर उन्होंने सच्ची सेवा का उदाहरण प्रस्तुत किया है।