Healthcare Heroes Awards 2022: 71 साल की जेमिनीबेन जिन्होंने मरीजों की सेवा के लिए दोबारा शुरू की थी नर्सिंग

अस्पतालों में स्टाफ की कमी को देखते हुए 71 साल की जेमिनीबेन जोशी ने एक बार फिर से उस नर्सिंग का काम शुरू किया, जिसे वो सालों पहले छोड़ चुकी थीं।
  • SHARE
  • FOLLOW
Healthcare Heroes Awards 2022: 71 साल की जेमिनीबेन जिन्होंने मरीजों की सेवा के लिए दोबारा शुरू की थी नर्सिंग

कैटेगरी:  लाइफ सेवर्स

परिचय:  जेमिनीबेन जोशी

योगदान: जेमिनीबेन जोशी ने लंबे समय तक नर्सिंग का काम किया था। कोविड के दौरान जब हॉस्पिटल्स में मेडिकल स्टाफ की कमी होने लगी तब 71 की उम्र में भी उन्होंने दोबारा से नर्सिंग का काम शुरू करने का मन बनाया और दिनरात लोगों की सेवा करने में लगी रहीं।

नॉमिनेशन का कारण: 71 की उम्र, जिसे कि कोविड का सबसे ज्यादा खतरा था, में जेमिनीबेन ने अपनी जान की परवाह किए बिना लोगों की सेवा करने के लिए दोबारा नर्सिंग का काम शुरू किया। 

jeminiben joshi

जब भारत में कोविड कम्यूनिटी लेवल पर फैलना शुरू हुआ और हर दिन लाखों मरीज आने लगे, तब सबसे बड़ी परेशानी इस बात की थी कि अस्पतालों में मरीजों की देखभाल के लिए पर्याप्त मेडिकल स्टाफ ही नहीं था। रिपोर्ट्स के मुताबिक कोविड के दौरान ऐसा समय आ गया था जब 670 मरीजों के लिए सिर्फ एक नर्स या स्टाफ मौजूद था। ऐसे कठिन समय में 71 साल की एक बूढ़ी महिला, जिनके हौसले में जोश था, सामने आईं। इनका नाम जेमिनीबेन जोशी है, जो पहले काफी समय तक नर्सिंग का काम करती रही थीं। अस्पतालों में मरते मरीजों और देश की हालात देखकर इन्होंने 71 साल की उम्र होने के बावजूद दोबारा नर्सिंग का काम शुरू करने का फैसला लिया। आप जानते हैं कि कोविड का सबसे ज्यादा खतरा 60 से बड़ी उम्र वाले लोगों को था, इसके बावजूद जेमिनीबेन के अपनी चिंता करने के बजाय लोगों की निःस्वार्थ सेवा करने का काम चुना।

इसे भी पढ़ें- Healthcare Heroes Awards 2022: दिल्ली के एम्बुलेंस कपल जिन्होंने हजारों लोगों को फ्री में दी अपनी सेवाएं

कोविड के दौरान क्या था जेमिनीबेन का काम?

पहली और दूसरी लहर के दौरान जेमिनीबेन ने कोविड वार्ड में दवाइयों, ऑक्सीजन, टेस्ट सैंपल्स और मरीजों की ऑक्सीजन लेवल बढ़ाने के लिए उनके हाथ पकड़ने जैसे काम किए। पीपीई किट पहनकर उन्होंने काफी सारे अस्पतालों में राउंड लगाए। इस समय इन्होंने मरीजों से बात की और उन्हें ठीक हो जाने का एक विश्वास दिलाया। इस उम्र में उन्हें काम करते हुए देख जब उनसे पूछा गया कि बुजुर्गों को संक्रमण होने का अधिक खतरा है क्या आपको डर नहीं लगता तो उन्होंने कहा कि," नहीं, मैं डरती नहीं हूं।"

71 years old nurse

जेमिनीबेन जोशी का सफर

71 साल की जेमिनीबेन जोशी गुजरात के दाहोद स्थित जाइडस मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में कार्यरत हैं। जेमिनीबेन ने अपने करियर की शुरुआत नर्सिंग से की थी। वो साल 2009 में एक स्टेट गवर्नमेंट अस्पताल से मेट्रन के रूप में रिटायर हो गई थीं। लेकिन इनकी यहां पूरी तरह से काम छोड़ देने की इच्छा नहीं थी। 42 साल इस फील्ड में काम करने के बावजूद भी वह बीमार लोगों की सेवा जहां तक संभव हो करना चाहती थीं। यह पूरी तरह से एक तपस्वी का जीवन जीती हैं। सुबह 5 बजे उठना, दिन में एक बार और हफ्ते में केवल तीन दिन ही खाना खाना, बाकी के दिनों में केवल चाय और पानी पीना आदि उनका डेली रूटीन जैसा है। यहां तक कि 71 की उम्र में भी जेमिनीबेन खुद को इतना फिट पाती हैं कि वो अस्पताल में एलिवेटर से जाने की बजाए सीढ़ियों से जाना पसंद करती हैं। इनका काम 304 नर्स स्टाफ का मैनेजमेंट करना, आईसीयू और ओपीडी वार्ड का राउंड लगाना था। पहले वह नर्स के रूप में काम करती थी। 

इसे भी पढ़ें- Healthcare Heroes Awards 2022: बिहार के 'ऑक्सीजन मैन' गौरव राय जिन्होंने फ्री ऑक्सीजन देकर हजारों की जान बचाई

सबकी प्रिय जेमिनीबेन ने सभी के दिलों को जीता

मरीज भी जेमिनीबेन के इस जज्बे को देख कर हैरान थे कि वह इस उम्र में भी पीपीई किट जैसी बिना किसी आराम की अवस्था में रह कर बिना रुके और बिना थके इतना काम कर रही हैं। ठीक होने के बाद भी मरीज जेमिनीबेन की सेवाओं को नहीं भूल पाए। अस्पताल में काम कर रही नर्सें भी जेमिनीबेन को अलग अलग नामों से बुलाती थीं जैसे मैट्रन मैडम, बा, दादी। इन नर्स को जो भी समस्या आती, वह बेझिझक जेमिनीबेन के पास उनकी गाइडेंस प्राप्त करने हेतु चली जातीं। नर्सों के मुताबिक जेमिनीबेन उनकी सारी समस्याओं का हल करती और चिंता भी करती थीं। जेमिनिबेन जोशी ने अपनी पूरी जिंदगी मरीजों की सेवा में निकाल दी। अभी भी वह मरीजों की सेवा के लिए निरंतर काम कर रही हैं। इसलिए अगर इनके इस प्रयास ने आपको थोड़ा बहुत प्रेरित किया है तो आप जेमिनीबेन जोशी को यह अवार्ड जिताने के लिए वोट दे सकते हैं।

Read Next

Healthcare Heroes Awards 2022: मिलिए कोविड के दौरान लोगों की हर संभव मदद का प्रण लेने वाले प्रणव गुप्ता से

Disclaimer