एंग्जाइटी यानी चिंता या घबराहट होना एक मानसिक विकार है। इस मानसिक विकार का बुरा असर सेहत पर पड़ता है। एंग्जाइटी होने पर व्यक्ति को सांस लेने में कठिनाई हो सकती है। ऐसे मरीजों की भूख खत्म हो जाती है या चिंता में वो ज्यादा खाने लगते हैं। एंग्जाइटी के कारण शरीर में कमजोरी, ऊर्जा की कमी महसूस होती है। काम में मन न लगना भी एंग्जाइटी का एक बुरा प्रभाव है। एंग्जाइटी के कारण व्यक्ति अनिद्रा का शिकार हो जाता है और शारीरिक समस्याएं बढ़ने लगती हैं। कभी-कभी हम खुद की एंग्जाइटी का कारण होते हैं। जीवनशैली और स्वास्थ्य से जुड़ी गलतियों के कारण एंग्जाइटी बढ़ती है। इस लेख में ऐसी 5 गलतियों के बारे में बात करेंगे।
1. ज्यादा दवाएं खाने से बढ़ सकती है एंग्जाइटी
अगर आप दवाओं का ज्यादा सेवन करते हैं, तो एंग्जाइटी बढ़ सकती है। बर्थ कंट्रोल पिल्स, वेट लॉस पिल्स, खांसी आदि की दवाओं का सेवन चिंता बढ़ा सकती है। इन दवाओं के सेवन से कई बार मरीज को एंग्जाइटी या डिप्रेशन की समस्या होने लगती है। डॉक्टर की सलाह के बगैर इन दवाओं का सेवन नहीं करना चाहिए। आप किसी भी बीमारी का इलाज करवाने जा रहे हों, डॉक्टर को जरूर बता दें कि आपको एंग्जाइटी डिसऑर्डर है। शारीरिक बीमारियों के कारण भी एंग्जाइटी बढ़ सकती है इसलिए समय-समय पर अपना चेकअप जरूर करवाएं।
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2. हेल्दी आहार न लेने से होती है एंग्जाइटी
अगर आप अस्वस्थ्य हैं और एंग्जाइटी का स्तर लगातार बढ़ रहा है, तो इसका कारण गलत डाइट हो सकती है। जो लोग ज्यादा तेल या मिर्च-मसाले वाला भोजन करते हैं, उनमें एंग्जाइटी के लक्षण जल्दी नजर आ सकते हैं। कई स्टडीज में ऐसा बताया गया है, कि डाइट आपकी मानसिक सेहत पर सीधा असर डालती है। अपनी डाइट में फाइबर रिच फूड्स जैसे ताजी सब्जियां और फलों को शामिल करें। खाना न खाने से भी एंग्जाइटी हो सकती है लिए खाने को स्किप करने की गलती न करें। हेल्दी खाने से बीपी कंट्रोल रहता है और तनाव कम होता है।
3. शराब और कैफीन के सेवन से बढ़ती है एंग्जाइटी
अगर एल्कोहल और कैफीन यानी चाय-कॉफी का ज्यादा सेवन करते हैं, तो एंग्जाइटी का स्तर बढ़ सकता है। कैफीन का सेवन करने से थोड़े समय के लिए, तो अच्छा लगता है। लेकिन ज्यादा कैफीन पीना चिंता का कारण बन सकती है। वहीं सिगरेट और एल्कोहल का सेवन करने से चिंता और तनाव बढ़ता है। सिगरेट के धुएं में निकोटीन होता है जो मानसिक सेहत को खराब कर देता है इसलिए शराब और कैफीन का सेवन करने की आदत को छोड़ दें।
4. नींद न पूरी होने के कारण होती है एंग्जाइटी
अगर आप नींद पूरी नहीं करेंगे, तो स्वभाव में तनाव बढ़ता जाएगा। नींद न पूरी होने के कारण चिड़चिड़ापन होने लगता है। काम में मन भी नहीं लगता। अगर अनिद्रा की समस्या से जूझ रहे हैं, तो डॉक्टर से संपर्क करें। अच्छी नींद के लिए डीप ब्रीदिंग एक्सरसाइज कर सकते हैं। आंखों को बंद करके गहरी सांस लें और छोड़ दें। दिनभर में 20 के 3 सेट्स पूरा करें। अच्छी नींद के लिए एसेंशियल ऑयल की मदद भी ले सकते हैं। तेल की कुछ बूंदों को तकिए पर डालकर सोएं। इससे तनाव कम होगा और गहरी नींद आएगी।
5. कसरत न करने से होती है एंग्जाइटी
एंग्जाइटी यानी चिंता जैसी मानसिक समस्या का कारण कसरत न करने की आदत हो सकती है। जो लोग शारीरिक तौर पर सक्रिय नहीं होते हैं, उनमें एंग्जाइटी के लक्षण ज्यादा नजर आते हैं। कसरत करने से हार्मोनल संतुलन बना रहता है। शरीर में ऊर्जा बढ़ती है और तनाव कम होता है। चिंता या तनाव कम करने के लिए आपको हर दिन कम से कम 40 से 50 मिनट कसरत करना चाहिए। ब्रिस्क वॉक, रनिंग, एरोबिक्स और कॉर्डियो आदि कर सकते हैं।
एंग्जाइटी से बचने के लिए ऊपर बताई गलतियों को न दोहराएं। एंग्जाइटी के लक्षण बढ़ने पर डॉक्टर से संपर्क करें।