मौसम में बदलाव के साथ बहुत सी बीमारियां भी देखने को मिल सकती हैं। मौसम के बदलाव के दौरान बहुत से लोगों को गले में दर्द, खांसी, नाक बहना, शरीर में दर्द जैसे लक्षण परेशान कर सकते हैं। लेकिन हर बार इन लक्षणों का मतलब यह नहीं होता है कि व्यक्ति को फ्लू या कोई इंफेक्शन हो गया है। ये लक्षण काफी सारी अन्य स्वास्थ्य स्थितियों में भी देखने को मिल सकते हैं। ऐसे में फ्लू जैसे लक्षणों को सामान्य समझकर नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। आइए जानते हैं कि कौन-कौन सी स्थितियों में व्यक्ति को फ्लू के लक्षण देखने को मिल सकते हैं और इनमें अंतर कैसे पहचाना जा सकता है।
ब्रोंकाइटिस
यह एक ऐसी बीमारी है जिसमें आप की ब्रोंकियल ट्यूब, जो कि आपके फेफड़ों तक हवा लेकर जाती है, में सूजन आ जाती है। इसमें व्यक्ति को बलगम वाली खांसी, गला दर्द और आलस महसूस हो सकता है। इस के दो प्रकार होते हैं जैसे एक्यूट ब्रोंकाइटिस और क्रोनिक ब्रोंकाइटिस। इसके लक्षण भी काफी आम हो सकते हैं।
कॉमन कोल्ड
यह एक ऐसी नॉर्मल और आम स्थिति होती है, जो काफी सारे लोगों को प्रभावित करती है। इसमें भी लोगों को ऐसे ही गले में दर्द, शरीर में दर्द, छींक आना और खांसी होना आदि जैसे लक्षण देखने को मिल सकते है। फ्लू के मुकाबले यह लक्षण काफी मामूली से होते हैं।
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मेनिनजाइटिस
यह एक ऐसी स्थिति है जिसमें ब्रेन और स्पाइनल कॉर्ड की रक्षा करने वाली मेंब्रेन में सूजन (इंफ्लेमेशन) आने लगती है। इसके शुरुआती लक्षणों में भी फ्लू वाले लक्षण ही शामिल होते हैं। इसके कुछ आम लक्षणों में सिर दर्द, बुखार और थकान शामिल होती है।
एचआईवी
एचआईवी एक ऐसा वायरस होता है जो शरीर के इम्यून सिस्टम पर अटैक करता है। इसमें भी शुरू में फ्लू जैसे मामूली लक्षण ही देखने को मिल सकते हैं। अगर यह सारे लक्षण दो से चार हफ्तों तक रहते हैं तो समझ जाएं कि यह फ्लू नहीं बल्कि उससे गंभीर स्थिति हो सकती है। इसलिए इसे नजरअंदाज न करें। इसके कुछ आम लक्षणों में बुखार, ठंड लगना, रैश, रात को पसीना आना, मसल्स में दर्द होना आदि शामिल हैं।
रेस्पिरेटरी सेंसिशल वायरस
इस स्थिति में आपको ऐसे ही लक्षण देखने को मिलते हैं जैसे आप फ्लू की स्थिति में देखते हैं। यह एक (कॉमन रेस्पिरेटरी) आम श्वसन तंत्र में फैलने वाला वायरस होता है। जिसमें काफी मामूली से लक्षण देखने को मिलते हैं। इसमें आम लोग एक से दो हफ्ते में ठीक हो जाते हैं। लेकिन जब बात वृद्ध और बच्चों की आती है तो ठीक होने में ज्यादा समय लग सकता है। इसमें भूख की कमी भी लक्षणों में शामिल होती है।
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निमोनिया
निमोनिया एक ऐसी स्थिति है जो फ्लू से भी ज्यादा गंभीर है। इसलिए इसको आपको गंभीरता से लेना चाहिए। इसके शुरुआती लक्षणों से यह लग सकता है कि यह फ्लू है और आपको इतनी चिंता करने की जरूरत नहीं। लेकिन अगर यह जल्दी से ठीक नहीं होता है तो आपको डॉक्टर के पास जरूर जाना चाहिए। यह एक तरह के फेफड़ों का इंफेक्शन होता है जिसमें खांसी, बुखार, ठंड लगना, सांस लेने में दिक्कत होना और थकान जैसे लक्षण देखने को मिल सकते हैं।
यह सारी समस्याएं चाहे फ्लू है या फिर कोई और स्थिति, आपको बिलकुल भी अनदेखी नहीं करनी चाहिए। अगर यह दो हफ्ते से ज्यादा रहती है,तो इसको डॉक्टर को जरूर दिखाएं।