प्रेग्नेंसी में कार्बोहाइड्रेट्स लेने के फायदे-नुकसान, एक दिन में कितना लेना चाहिए कार्बोहाइड्रेट

प्रेग्नेसी में कार्बोहाइड्रेट का सेवन मां और शिशु के विकास के लिए जरूरी है। कॉम्प्लेक्स कार्ब्स का सेवन महिला को गर्भकालीन मधुमेह से बचाता है।
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प्रेग्नेंसी में कार्बोहाइड्रेट्स लेने के फायदे-नुकसान, एक दिन में कितना लेना चाहिए कार्बोहाइड्रेट

प्रेग्नेंसी में राइट फूड को चुनना मां और शिशु दोनों के लिए जरूरी है। अगर मां अपनी डाइट ठीक नहीं रखेगी तो होने वाला बच्चा कमजोर होगा। साथ ही उसका इम्युन सिस्टम कमजोर होगा। इस वजह से बच्चा अक्सर बीमार पड़ेगा। इसलिए जरूरी है कि मां खुद को भी बीमारियों से बचाए और स्वस्थ शिशु के लिए सही डाइट का सेवन करे। डाइट का एक जरूरी हिस्सा हैं कार्बोहाइड्रेट्स। ये कार्बोहाइड्रेट शरीर में ऊर्जा का प्रमुख स्रोत होते हैं। यह ऊर्जा गर्भवती मां और शिशु दोनों के लिए जरूरी है। गर्भावस्था में सही मात्रा में कार्बोहाइड्रेट लेना जरूरी है। इस विषय पर हमने बात की नमामी लाइफ की न्यूट्रीशनिस्ट डॉ. शैली तोमर से। 

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कार्बोहाइड्रेट क्या है?

कार्बोहाइड्रेट्स शरीर में ऊर्जा का प्रमुख स्रोत हैं। इन्हीं की वजह से हम अपने दिनभर काम कर पाते हैं। कार्बोहाइड्रेट्स, कार्बनिक पदार्थ होते हैं जिसमें कार्बन, हाइड्रोजन व आक्सीजन होते है। कार्बोहाइड्रेट्स, हाइड्रोजन व आक्सीजन की मात्रा समान होती है। कार्बोहाइ्रेट शरीर में ऊर्जा प्रदान का प्रमुख स्रोत हैं। 

कार्बोहाइड्रेट के प्रकार

प्रमुख रूप से 2 प्रकार के कार्ब होते हैं-

सिंपल कार्ब्स (Simple carbs)

न्यूट्रीशनिस्ट शैली तोमर का कहना है कि सिंपल कार्ब्स स्वास्थ्य के लिए लाभदायक नहीं होते हैं। क्योंकि इनके सेवन से ब्लड शुगर तेजी से बढ़ता है। इसकी वजह से गर्भवती महिला को gestational diabetes हो सकती है। सिंपल कार्बोहाईड्रेट्स में मैदा, टेबल शुगर, मैदा से बनी चीजें जैसे बिस्कुट, ब्रेड, सफेद पास्ता, नूडल्स, केक, चॉकलेट आदि शामिल हैं। सिंपल कार्ब्स रिफाइनिंग प्रोसेस के माध्यम से बनाए जाते हैं। रिफाइनिंग की प्रक्रिया के समय इन कार्ब्स में फाइबर और जरूरी विटामिन व मिनरल्स निकल जाते हैं। 

काम्प्लेक्स कार्ब्स

कॉम्प्लेक्स कार्ब्स शरीर में धीरे-धीरे पचते हैं। इसका मतलब है कि ये ऊर्जा की नियमित सप्लाई करते हैं। शरीर में ऊर्जा का निरंतर प्रवाह करते हैं। कॉम्प्लेक्स कार्ब्स में फाइबर, विटामिन और मिनरल्स का पोषण बचा रहता है। कॉम्प्लेक्स कार्ब्स में गेहूं, रागी, बाजरा, ज्वार, कॉर्न, ओट्स, ब्राइन राइस, किनुआ और शकरकंद शामिल है।

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प्रेग्नेंसी में कार्बोहाइड्रेट युक्त खाद्य पदार्थों के सेवन के फायदे

प्रेग्नेंसी के दौरान कार्बोहाइड्रेट युक्त खाद्य पदार्थों के सेवन के निम्न फायदे हैं-

ऊर्जा का प्रमुख स्रोत

न्यूट्रीशनिस्ट शैली तोमर का कहना है कि कार्बोहाइड्रेट ऊर्जा का प्रमुख स्रोत हैं। कार्बोहाईड्रेट्स शरीर में जाने के बाद ग्लूकोज में बदल जाते हैं। यह ग्लूकोज प्लेसेंट तक जाते हैं और मां व शिशु दोनों को ऊर्जा प्रदान करते हैं। गर्भ में पल रहे शिशु के विकास के लिए ग्लूकोज प्राथमिक ऊर्जा का स्रोत है। माना जाता है कि रोजाना 50 से 60 कैलोरीज कार्बोहाईड्रेट्स से आती हैं। सिर्फ कार्बोहाइड्रेट्स की मात्रा ही मायने नहीं रखती, पर यह भी ध्यान रखने योग्य है कि किस तरह का कार्बोहाईड्रेट लिया जा रहा है। 

गर्भकालीन मधुमेह से बचाए

कार्बोहाइड्रेटस का एक प्रकार कॉम्प्लेक्स कार्ब्स में ग्लीसेमिक इंटेक्स कम होता है। कम ग्लीसेमिक इडेक्स का मतलब है कि गर्भकालीन मधुमेह का खतरा कम होता है। कॉम्प्लेक्स कार्ब्स फाइटोन्यूट्रीएंट्स होते हैं और एंटीऑक्सीडेंट्स होतें हैं जो इम्युनिटी को बूस्ट करने में मदद करते हैं। गर्भवती महिला को फाइबर का अधिक मात्रा में सेवन करना चाहिए जिससे उसे मधुमेह की समसया न हो। साथ ही उसका इम्युनिटी सिस्टम मजबूत रहे। 

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मॉर्निंग सिकनेस में सुधार

गर्भावस्था में महिलाओं को मॉर्निंग सिकनेस यानि उल्टी या मितली की समस्या रहती है। इस परेशानी से बचाने में भी कार्बोहाइड्रेट्स लाभकारी है। ये कार्बोहाइड्रेट युक्त भोजन करने से मॉर्निंग सिकनेस के लक्षणों से बचा जा सकता है। 

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बेहतर पाचन के लिए

बेहतर पाचन के लिए गर्भावस्था में कार्बोहाइड्रेट्स का सेवन जरूरी है। कार्बोहाइड्रेस में फाइबर भी पाया जाता है। यह फाइबर खाने को पचाने में लाभकारी है। गर्भावस्था में होने वाली कब्ज की समस्या से निपटने में भी कार्बोहाइड्रेट लाभकारी हैं। प्रेग्नेंसी के लक्षणों में कब्ज भी एक लक्षण है, इसलिए इसके निपटान के लिए फाइबर का सही मात्रा में सेवन करना जरूरी है। 

वजन नियंत्रण

गर्भावस्था में मोटापे की समस्या का सामना भी महिलाओं को करना पड़ता है। अगर आप भी उन्हीं महिलाओं में से एक हैं तो कार्बोहाइड्रेट युक्त भोजन का सेवन करना आपके लिए लाभदायक हो सकता है। कॉम्प्लेक्स कार्बोहाइड्रेट्स का सेवन वजन को नियंत्रित करने में लाभकारी है। साथ ही स्वस्थ वजन के लिए भी आवश्यक है। 

प्रेग्नेंसी में कितना कार्बोहाइड्रेट लेना चाहिए?

इस सवाल के जवाब में डॉ. शैली तोमर ने बताया कि गर्भावस्था में सही मात्रा में कार्बोहाइड्रेट लेना जरूरी है।  उन्होंने बताया कि एक गर्भवती महिला को पहली तिमाही यानी गर्भावस्था के पहले 3 महीने में सामान्य मात्रा में भोजन खाना चाहिए। दूसरी तिमाही में कैलोरी का काउंट 340 कैलोरी से ऊपर जाना चाहिए और तिसरी तिमाही में 500 कैलोरीज होनी चाहिए। 

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उदाहरण के लिए अगर महिला में कुल कैलोरी इंटेक 1700 Kcal तो पहते तीन महीने वह इसी मात्रा में कैलोरीज का सेवन करेगी। दूसरी तिमाही में यह 2040 Kcal होना चाहिए और अंतिम तिमाही में कुल 2200 कैलोरीज होनी चाहिए। एक गर्भवती महिला को एक दिन में 170-200 grams कार्बोहाइड्रेट की आवश्यकता होती है। गर्भावधि में मधुमेह वाली महिलाओं को 120 grams कार्बोहाइ्रेट प्रतिदिन लेना चाहिए। 

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किस खाद्य पदार्थ में कितना कार्बोहाइड्रेट पाया जाता है ?

एक गेहूं की रोटी में करीब 15 ग्राम कार्बोहाइड्रेट होता है। 100 ग्राम पके चावल में 30 ग्राम कार्बोहाइड्रेट होता है। 100 ग्राम पके हुए दलिया में 20 ग्राम कार्बोहाइड्रेट होता है। आधा कटोरी उबले हुए शकरकंद में 30 ग्राम कार्बोहाईड्रेट होता है। 1 मिडियम साइज सेब में 25 ग्राम कार्बोहाइड्रेट होता है। 1 केला में 26 ग्राम कार्बोहाइड्रेट होता है। 

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प्रेग्नेंसी के दौरान कार्बोहाइड्रेट के नुकसान और सावधानियां 

गर्भावस्था में बहुत ज्यादा मात्रा में कार्बोहाइड्रेट ((more than 200-250 grams per day) ) लेने से वजन बढ़ना, गैस, कब्ज, मधुमेह, हाई ब्लड प्रेशर आदि की परेशानियां बढ़ जाती हैं। हेल्दा प्रेगनेंसी डाइट प्लान के लिए हमेशा डॉक्टर की सलाह लें। ज्यादा मात्रा में कार्बोहाइड्रेट लेने से अजीर्ण व अतिसार की समस्या भी हो सकती है। 

गर्भावस्था में संतुलित डाइट है जरूरी

गर्भावस्था में महिला को संतुलित डाइट का पालन करना चाहिए। मौसमी फल, सब्जियां आदि खाने चाहिए। साथ सूखे मेवे भी नियंत्रित मात्रा में खाने चाहिए। शरीर को हमेशा एक्टिव रखने के लिए जरूरी व्यायाम करें। गर्भावस्था में लो कार्ब डाइट को फॉलो न करें। इससे वजन कम होगा और शिशु के विकास में बाधा होगी।

प्रेग्नेसी में कार्बोहाइड्रेट का सेवन मां और शिशु के विकास के लिए जरूरी है। कॉम्प्लेक्स कार्ब्स का सेवन महिला को गर्भकालीन मधुमेह से बचाता है। इसलिए गर्भावस्था में कार्बोहाइड्रेट का सेवन जरूरी है।

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