आज के समय में कैंसर की बीमारी बेहद तेजी से बढ़ रही है। जब शरीर की कोशिकाएं नियंत्रण से बाहर हो जाती हैं, तब कैंसर विकसित होता है। कैंसर शरीर के किसी भी भाग में हो सकता है। यह किसी भी उम्र के महिला और पुरुष को प्रभावित कर सकता है। अगर हम महिलाओं के बारे में बात करें, तो महिलाओं में कैंसर कई तरह का हो सकता है। महिलाओं के प्रजनन अंगों में होने वाले कुछ खास तरह के कैंसर को गाइनेकोलॉजिकल कैंसर कहते हैं। ज्यादातर महिलाओं की कैंसर से मौत होने का प्रमुख कारण गाइनेकोलॉजिकल कैंसर को माना जाता है। गाइनेकोलॉजिकल कैंसर के मामले में केवल सर्वाइकल कैंसर में स्क्रीनिंग टेस्ट किए जाते हैं। जिससे इस कैंसर का जल्द पता लगाया जा सकता हैं। आइए जानते हैं इस कैंसर के लक्षण और उपचार के बारे में।
कई तरह के होते हैं गाइनेकोलॉजिकल कैंसर
सीड्स आफ इनोसेंस की गायनोकोलॉजिस्ट एंड आईवीएफ एक्सपर्ट डॉक्टर गौरी अग्रवाल के मुताबिक महिलाओं में गाइनेकोलॉजिकल कैंसर का खतरा उम्र के साथ-साथ बढ़ने लगता है। ये कैंसर कई प्रकार के हो सकते हैं। ओवेरियन कैंसर आमतौर पर 50 वर्ष की उम्र से ज्यादा की महिलाओं को प्रभावित करता है। सर्वाइकल कैंसर ज्यादातर 30 से 45 वर्ष की आयु के बीच के सेक्सुअली एक्टिव पेशेंट को प्रभावित करता है। वुल्वर कैंसर बेहद कम होता है, जिसमें 65 वर्ष से अधिक आयु की महिलाएं होती हैं।
इसे भी पढ़ें- ओवरी में गड़बड़ी होने पर दिखते हैं ये 5 संकेत, जानें कैसे करें बचाव
गाइनेकोलॉजिकल कैंसर के प्रकार
- ओवेरियन कैंसर
- सर्वाइकल कैंसर
- बच्चेदानी का कैंसर
- वजाइनल कैंसर
- वुल्वर कैंसर और
- फैलोपियन ट्यूब कैंसर (कम मामले आते हैं)
गाइनेकोलॉजिकल कैंसर के लक्षण
गाइनेकोलॉजिकल कैंसर के सामान्य लक्षणों में महिला को प्रजनन अंगों, खासकर पेल्विक एरिया में दर्द, सूजन या पेट दर्द और सेक्स के दौरान या बाद में दर्द हो सकता है।
- महिला की योनि से रक्त बहना या यूरिन में रक्त भी आ सकता है।
- यही नहीं प्रजनन हिस्सों में या उसके आसपास कोई गांठ या यूरिन का अत्यधिक मात्रा में निकलना भी कैंसर का लक्षण हो सकता है।
- अगर महिला इनमें से किसी भी लक्षणों का अनुभव करती है, तो उसे अपने चिकित्सक से सलाह लेनी चाहिए।
इन संकेतों और लक्षणों का मतलब यह नहीं है कि महिला को गाइनेकोलॉजिकल कैंसर है ही। ये लक्षण किसी इन्फेक्शन का भी संकेत हो सकते हैं। इसलिए अगर ये लक्षण बने रहते हैं, तो अपने डॉक्टर को बिना देर किए जरूर दिखाएं।
इसे भी पढ़ें- सर्वाइकल कैंसर से बचने के लिए महिलाओं को जरूर कराने चाहिए ये स्क्रीनिंग टेस्ट
गाइनेकोलॉजिकल कैंसर का इलाज
अगर महिला को इनमें से कोई से भी लक्षण अनुभव होते हैं, तो अच्छा है कि तुरंत डॉक्टर से सलाह लें। डॉक्टर इन लक्षणों के आधार पर इलाज या टेस्ट निश्चित करेंगे। जितनी जल्दी किसी भी तरह के कैंसर का पता चलेगा, उतनी ही जल्दी उसकी रिकवरी संभव है।
- सर्वाइकल कैंसर होना आम है और नियमित सर्वाइकल स्क्रीनिंग से सर्वाइकल कैंसर को रोकने में मदद मिलती है।
- पैप टेस्ट भी पूर्व कैंसर का पता लगाकर सर्वाइकल कैंसर का उपचार कर सकता है।
गाइनेकोलॉजिकल कैंसर होने पर महिलाओं में कई लक्षण दिखाई देते हैं। इन लक्षणों को सही समय पर पहचान कर इलाज कराने से यह समस्या दूर की जा सकती है। इस के सामान्य लक्षण योनि से अधिक खून बहना, प्रजनन हिस्सों के आसपास गांठ, यूरिन में खून आना, बार-बार पेशाब आना और पैल्विक दर्द हो सकते हैं।
How we keep this article up to date:
We work with experts and keep a close eye on the latest in health and wellness. Whenever there is a new research or helpful information, we update our articles with accurate and useful advice.
Current Version