
अगर आप कुत्तों को पालने का शौक रखते हैं और आपके घर में छोटे बच्चें हैं तो ये शौक आपके लिए कम लेकिन आपके बच्चे के लिए अधिक फायदेमंद है। हाल ही में हुए एक शोध में यह बात सामने आयी है कि जिन घरों में कुत्ते पाले जाते हैं वहां बच्चों में अस्थमा होने का खतरा 15 प्रतिशत तक कम होता है।

स्वीडन के अप्सला विश्वविद्यालय ने इसपर अध्ययन किया। इसके वैज्ञानिकों के एक दल ने कम उम्र में कुत्तों के संपर्क में रहने और उसके बाद दमा के विकास के संबंध के अध्ययन के लिए नेशनल रजिस्टर का उपयोग करते हुए 10 लाख से भी अधिक बच्चों की जानकारी का विश्लेषण किया। इससे पहले शोधों में इसे लेकर कोई निर्णय नहीं निकला था।
इस नये शोध में यह बात निकलकर सामने आयी है कि जो बच्चे कुत्तों के संपर्क में बड़े होते हैं उनमें उन बच्चों की तुलना में दमा का खतरा 15 फीसदी तक कम होता है जो कुत्तों के संपर्क के बिना बढ़ते हैं।
इसके सहायक प्रोफेसर टुवे फॉल ने कहा ‘पूर्व के अध्ययनों से यह पता चला था कि फार्म पर बड़े होने वाले बच्चों में दमा का खतरा आधा हो जाता है। हम लोग देखना चाहते थे कि घर में कुत्तों के साथ बढ़ने वाले बच्चों में भी यह फॉर्मूला कारगर है या नहीं। इस शोध में यह निष्कर्ष निकला कि कुत्तों के संपर्क में बड़े होने वाले बच्चों में दमा का खतरा 15 फीसदी तक कम रहता है।'
इस अध्ययन का प्रकाशन ‘जेएएमए पेडिएट्रिक्स’ में हुआ।
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