
जन्म से लेकर 6 महीने तक बच्चे को मां का दूध देने की सलाह दी जाती है। उसके बाद उनकी डाइट में डॉक्टर की सलाह पर जरूरी पोषक तत्व को जोड़ा जाता है। ऐसे ही पोषक तत्वों से भरपूर है ग्रीन बीन्स। बता दें कि ग्रीन बीन्स के अंदर ऊर्जा, प्रोटीन, कैल्शियम, आयरन, मैग्नीशियम, फास्फोरस, पोटेशियम, सोडियम, जिंक, सेलेनियम, विटामिन बी सिक्स आदि पोषक तत्व पाए जाते हैं जो बच्चों की सेहत के लिए बेहद उपयोगी साबित हो सकते हैं। ऐसे में बच्चों की डाइट में ग्रीन बीन्स को जोड़ना बेहद उपयोगी साबित हो सकता है। ऐसे में जानना जरूरी है कि ग्रीन बीन्स के सेवन से शिशु को क्या-क्या फायदे हो सकते हैं। आज का हमारा लेख भी इसी विषय पर है। आज हम अपने इस लेख के माध्यम से बताएंगे ग्रीन बीन्स को बच्चों की डाइट में जोड़ने से सेहत को क्या-क्या फायदे हो सकते हैं। साथ ही नुकसान और जरूरी सावधानियों के बारे में भी जानेंगे। माता-पिता को पता होना चाहिए कि बच्चों को डाइट में ग्रीन बीन्स को कैसे जोड़ें, इसके बारे में भी इस लेख में बताया जा रहा है। इसके लिए हमने न्यूट्रिशनिस्ट और वैलनेस एक्सपर्ट वरुण कत्याल ( Nutritionist and wellness expert varun katyal) से भी बात की है। पढ़ते हैं आगे...
क्या कहती है रिसर्च
1 - बता दें कि शिशु के आहार में ग्रीन बींस को जोड़ना बेहद सुरक्षित है। बता दें कि बच्चों को ग्रीन बींस देते वक्त थोड़ी सावधानी बरतने की जरूरत है। जब ग्रीन बीन्स पूरी तरीके से गल जाएं तभी बच्चे को मैश करके ग्रीन बीन्स खिलाए। वरना वे उनके गले में भी अटक सकता है। जब बच्चे की उम्र 6 महीने पूरी हो जाए तो उसके बाद बच्चों की डाइट में ग्रीन बींस को जोड़ा जा सकता है। इससे संबंधित जानकारी पढ़ने के लिए क्लिक करें...
3 - ध्यान दें कि कुछ बच्चों को ग्रीन बीन्स के सेवन से एलर्जी का सामना भी करना पड़ सकता है। वहीं रिसर्च में भी यह साबित हुआ है कि बच्चे यदि ग्रीन बीन्स का सेवन करते हैं तो इससे उन्हें एलर्जी महसूस हो सकती है। ऐसे में ग्रीन बीन्स को एलर्जी फूड की लिस्ट में भी रखा जा सकता है। इससे संबंधित रिसर्च पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।
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शिशु को ग्रीन बीन्स खिलाने के फायदे
बता दें कि शिशु की डाइट में ग्रीन बीन्स को खिलाने से उनकी सेहत को कई फायदे हो सकते हैं। ये फायदे निम्न प्रकार हैं-
1 - एनीमिया से मिल सकती है राहत
बता दें कि शिशुओं में एनीमिया का जोखिम यानी खून की कमी कहलाती है। ऐसे में इस कमी को दूर करने के लिए ग्रीन बीन्स आपके बेहद काम आ सकती हैं। ग्रीन बीन्स के अंदर आयरन मौजूद होता है जो एनीमिया से बचाव में बेहद उपयोगी है। ऐसे में माताएं शिशु की डाअट में ग्रीन बीन्स को जोड़ सकती हैं।
2 - बच्चों में डायबिटीज से राहत
बच्चों में डायबिटीज के जोखिम को कम करने में भी ग्रीन बीन्स आपके बेहद काम आ सकता है। बता दें कि बींस के अंदर anti-diabetic गुण मौजूद होते हैं जो न केवल रक्त में शुगर को कम कर सकते हैं बल्कि मधुमेह के जोखिम को कम करने में भी उपयोगी साबित हो सकते हैं।
3 - प्रतिरक्षा प्रणाली को करें मजबूत
प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूती देने में ग्रीन बीन्स बेहद उपयोगी साबित हो सकते हैं। बता दें कि बच्चों की इम्युनिटी पूरी तरीके से विकसित नहीं हो पाती है। ऐसे में उनकी डाइट में यदि ग्रीन बीन्स को जोड़ा जाए तो इससे ना केवल रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत हो सकती है बल्कि बच्चे कई संक्रमण से दूर भी रह सकते हैं। ऐसे में बच्चों की डाइट में ग्रीन बीन्स को जोड़ना एक अच्छा विकल्प साबित हो सकता है।
4 - पाचन क्रिया हो तंदुरुस्त
शिशु के पाचन क्रिया को तंदुरुस्त बनाने में ग्रीन बीन्स आपके बेहद काम आ सकते हैं। बता दें कि ग्रीन बीन्स के अंदर फाइबर मौजूद होता है जो न केवल पाचन क्रिया को बढ़ाने वाले हार्मोंस को उत्तेजित कर सकता है बल्कि पाचन क्रिया को बेहतर बनाने में भी उपयोगी साबित हो सकता है।
शिशु की डाइट में ग्रीन बीन्स को कैसे शामिल करें?
माताएं बच्चों की डाइट में निम्न तरीकों से ग्रीन बीन्स को जोड़ सकती हैं। ये तरीके इस प्रकार हैं-
1 - माताएं ग्रीन बीन्स को दही के साथ मैश करके दे सकती हैं।
2 - ग्रीन बींस को अच्छे से मसल कर उसकी सब्जी बनाकर भी बच्चों को दी जा सकती है।
3 - माताएं वेजिटेबल सूप में ग्रीन बीन्स को डालकर बच्चों को दे सकती हैं।
4 - इससे अलग ग्रीन बींस की प्यूरी बच्चों के लिए बेहद फायदेमंद हो सकती है। ऐसे में बता दें कि सबसे पहले ग्रीन बीन्स को अच्छे से धो कर उन्हें उबाल लें और फिर बने मिश्रण को मिक्सी में चला लें। उसके बाद बच्चों को बनी फ्यूरी का सेवन करने दें।
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कुछ जरूरी सावधानी और नुकसान
शिशु को डाइट में ग्रीन बीन्स को जोड़ने से पहले कुछ सावधानियां बरतनी जरूरी हैं। ये सावधानियां और नुकसना निम्न प्रकार हैं-
1 - बता दें कि बच्चे की डाइट में साबुत या कच्चे ग्रीन बीन्स को ना जोड़ें। वरना इससे उनके गले में ग्रीन बीन्स अटक सकते हैं।
2 - डिब्बे बंद ग्रीन बीन्स का इस्तेमाल करने से बचें।
3 - पकी हुई ग्रीन बीन्स का ही इस्तेमाल करें।
4 - ध्यान दें कि ग्रीन बीन्स के अंदर किसी भी प्रकार का छेद ना हो। अगर कोई छेद दिखे तो समझ जाएं कि वो खराब है यै उसमें कीड़ा हो सकता है।
नोट - ऊपर बताए गए बिंदुओं से पता चलता है कि बच्चों की डाइट में ग्रीन बींस को जोड़ने से उन्हें कई फायदे हो सकते हैं। लेकिन इस दौरान थोड़ी सी सावधानी बरतने की जरूरत है वरना बच्चों की सेहत को नुकसान भी हो सकता है। इससे अलग छोटे बच्चों की डाइट में ग्रीन बींस को जोड़ने से पहले एक बार एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें। ध्यान दें कि माताएं बच्चे की डाइट में ग्रीन बीन्स उनके 6 महीने हो जाने के बाद जोड़ें।
इस लेख में फोटोज़ Freepik से ली गई हैं।