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सोरायटिक अर्थराइटिस में फायदेमंद है इन 5 फलों का सेवन, कई समस्याएं होती हैं कम

गठिया होने पर जोड़ों में दर्द की समस्या होती है। ऐसे में दर्द को कम करने के लिए आपको डाइट में बदलाव की सलाह दी जाती है।   
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सोरायटिक अर्थराइटिस में फायदेमंद है इन 5 फलों का सेवन, कई समस्याएं होती हैं कम

सोरियाटिक अर्थराइटिस गठिया का ही एक प्रकार होता है। यह लंबे समय से सूजन और जोड़ों के दर्द का कारण बनता है। इस रोग में व्यक्ति को अपने रोजमर्रा के कार्यों को करने में भी परेशानी का सामना करना पड़ता है। सोरायटिक अर्थराइटिस त्वचा को प्रभावित करता है। गठिया के अन्य प्रकारों की तरह इसका इलाज केवल ट्रिगर करने वाले कारणों को कम करके किया जाता है। इसमें डॉक्टर दर्द को कम करने पर फोकस करते हैं, ताकि मरीज अपने कार्य आसानी से कर पाए। जोड़ों के दर्द को मैनेज करने के लिए डाइट में कुछ विशेष बदलाव करने की सलाह दी जाती है। डायटिशियन शिवाली गुप्ता के अनुसार गठिया होने पर कुछ फलों को डाइट में शामिल करने पर जोर दिया जाता है। आगे जानते हैं कि सोरायटिक अर्थराइटिस में किन फलों का सेवन करना चाहिए। 

सोरायटिक अर्थराइटिस में कौन से फल खाएं? - Fruits To Eat In Psoriatic Arthritis In Hindi

जामुन या बेरी 

ब्लूबेरी, स्ट्रॉबेरी और जामुन न केवल स्वादिष्ट होते हैं बल्कि यह एंटीऑक्सिडेंट, विशेष रूप से एंथोसायनिन से भी भरपूर होते हैं। इन कम्पाउंड में एंटी इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो जोड़ों में सूजन को कम करने में मदद कर सकते हैं। इसके अतिरिक्त, जामुन या बेरी में विटामिन सी अधिक मात्रा में होता है, जो कोलेजन उत्पादन का समर्थन करता है। यह जोड़ों के स्वास्थ्य को बेहतर करता है और सोरियाटिक गठिया से जुड़े डैमेज के जोखिम को कम करता है।

अनानास

अनानास में ब्रोमेलैन होता है, यह एक एंजाइम है, जो अपने सूजनरोधी और एनाल्जेसिक गुणों के लिए जाना जाता है। सोरियाटिक गठिया वाले व्यक्तियों के लिए, अनानास को अपने आहार में शामिल करने से जोड़ों के दर्द और कठोरता को कम करने में मदद मिल सकती है। ब्रोमेलैन प्रो-इंफ्लेमेटरी साइटोकिन्स के उत्पादन को कम करके काम करता है, जिससे यह सोरियाटिक गठिया की सूजन को नेचुरल रूप से कम करने में सहायक होता है। 

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संतरे और अंगूर

संतरे, अंगूर, नींबू और अन्य खट्टे फल विटामिन सी का मुख्य सोर्स होते हैं। ये फल प्रतिरक्षा-बढ़ाने वाले गुणों के साथ ही एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होते हैं। विटामिन सी कोलेजन संश्लेषण के लिए महत्वपूर्ण है, जो जोड़ों, टेंडन और लिगामेंट की मजबूती को बनाए रखने के लिए आवश्यक है। अपने आहार में खट्टे फलों को शामिल करने से सोरियाटिक गठिया से प्रभावित टिश्यू रिपेयर हो सकते हैं। 

पपीता

पपीते में पाया जाने वाला एंजाइम पपेन, सूजनरोधी गुण रखता है और पाचन में सहायता करता है। यह दोहरी क्रिया सोरियाटिक गठिया वाले व्यक्तियों के लिए विशेष रूप से फायदेमंद हो सकती है, क्योंकि यह न केवल सूजन को नियंत्रित करने में मदद करता है। बल्कि स्वस्थ पाचन तंत्र में भी सहायक होता है, जो पोषक तत्वों के अवशोषण के लिए महत्वपूर्ण है।

एवोकाडो

एवोकाडो मोनोअनसैचुरेटेड फैट अधिक मात्रा में होता है, जो हृदय स्वास्थ्य को बेहतर करता है। हृदय के फायदेमंद फैट के अलावा, एवोकाडो विटामिन ई, पोटेशियम और एंटीऑक्सिडेंट से भरपूर होता है। इन पोषक तत्वों का के कारण एवोकाडो को सोरियाटिक गठिया में डाइट का हिस्सा बनाएं। इसमें पाए जाने वाले विटामिन ई में सूजन-रोधी गुण होते हैं, जो जोड़ों के दर्द और सूजन को कम करने में सहायता कर सकते हैं।

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सोरायटिक गठिया होने पर आप जोड़ों में होने वाले दर्द को कम करने के लिए कीवी का सेवन भी कर सकते हैं। इसमें विटामिन k पाया जाता है, जो कैल्शियम को अवशोषण में मदद करता है। इससे बोन हेल्थ बेहतर होती है। जोड़ों में होने वाले दर्द को आप अनदेखा न करें। इस तरह का दर्द महसूस होने पर तुरंत डॉक्टर की सलाह लें। 

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