मां के दूध की तुलना किसी अन्य आहार से नहीं की जा सकती है। जन्म के बाद 6 महीने तक शिशु के लिए मां का दूध ही संपूर्ण आहार है। ये दूध न सिर्फ शिशु को पोषण देता है बल्कि बीमारियों और इंफेक्शन से भी बचाता है। शिशु के समुचित विकास के लिए मां का दूध बहुत जरूरी है और शुरुआती 6 महीनों में शिशु को बाहर का कोई आहार या अन्य कोई दूध नहीं देना चाहिए। कई बार मुश्किल ये होती है कि मां के शरीर में उस मात्रा में दूध नहीं बनता है, जितना शिशु को जरूरत होती है। ऐसे में मांओं की परेशानी बढ़ जाती है। लेकिन कुछ फू़ड्स ऐसे हैं, जिनके सेवन से शरीर में दूध की मात्रा बढ़ाई जा सकती है।
पौष्टिक आहार से बनता है दूध
स्तनपान कराने वाली महिलाएं एक दिन में कम से कम 1,800 कैलोरी का उपभोग करें और 6 ग्लास तरल लें। ज्यादा से ज्यादा पौष्टिक भोजन खाएं। दूध उत्पादन के लिए शरीर को अच्छे खानपान की बहुत जरूरत होती है। विटामिन, फाइबर, प्रोटीन और कैल्शियम आदि युक्त भोजन लें। मिल्क प्रोडक्ट, जैसे घी, बटर, चीज़ या कुछ स्वस्थ तेलों के सेवन भी करें।
दलिया खाएं
दलिया स्तनापान कराने वाली मांओं के लिए सबसे अच्छा आहार है। इसके सेवन से न सिर्फ महिलाओं के स्तनों में दूध बढ़ता है बल्कि दूध की गुणवत्ता भी बढ़ती है। जई का दलिया सबसे ज्यादा फायदेमंद होता है। इसमें आयरन की मात्रा भी भरपूर होती है, जिसकी कमी से आमतौर पर नई मांएं जूझती हैं। दलिया बनाते समय इसमें कच्चा शहद, इलायची, कटे हुए मेवे और जामुन मिलाएं। इससे दूध की उत्पादकता बढ़ जाएगी।
सूखे मेवे का करें सेवन
बादाम, काजू, अखरोट व पिस्ता जैसे ड्राई फ्रूट्स स्तनों में दूध का उत्पादन बढ़ाते हैं। ये मेवे विटामिन, मिनरल और प्रोटीन आदि से भरपूर होते हैं। इन्हें कच्चा खाने पर अधिक लाभ होता है। आप इन्हें दूध के साथ भी ले सकती हैं। रोज इसका सेवन करें।
तुलसी और करेले का सेवन
तुलसी और करेले दोनों में ही विटामिन पाया जाता है, जिसे खाने से स्तनें में दूध की मात्रा बढ़ती है। तुलसी को सूप या शहद के साथ खाया जा सकता है, या फिर आप इसे चाय में डाल कर भी ले सकती हैं। करेला महिलाओं में लैक्टेशन सही करता है। करेला बनाते वक्त हल्के मसालों का ही प्रयोग करें ताकि यह आसानी से हजम हो सकें।
मेथी
मेथी कई स्वास्थ्य वर्धक गुणों से भरपूर होती है। इसका सेवन शरीर के लिए बेहद लाभदायक होता है, खासतौर पर शिशु के जन्म के बाद। मेथी के बीज खाने से स्तनों में दूध का उत्पादन बढ़ता है। हालांकि इससे कभी-कभी गैस की भी समस्या हो सकती है, इसलिए सावधान भी रहें।
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लहसुन
लहसुन खाने से भी दूध के उत्पादन की क्षमता बढ़ती है। कच्चा लहसुन खाना सबसे ज्यादा लाभ पहुंचाता है, लेकिन इसकी महक और स्वाद के चलते कई बार इसे कच्चा खाने में परेशानी होती है। तो आप उसे मीट, करी, सब्जी या दाल में डाल कर खा सकती हैं। यदि आप लहसुन नियमित खाना शुरु करेंगी तो जरुर फायदा होगा।
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सौंफ
दूध के कम होने पर सौंफ का सेवन करें। सौंफ खाने से पेट साफ, हृदय को शक्ति, घाव, उल्टी, दस्त, खांसी, जुकाम, बुखार, अफारा, वायु विकार, अनिंद्रा और अतिनिंद्रा, पेट के सभी रोग (अपच, कब्ज आदि) दस्त तथा स्तनों में दूध की कमी आदि समस्याएं दूर होती है।
दूध बढ़ाने के लिए इन बातों का भी रखें ध्यान
शिशु को स्तनपान कराते समय स्तन को बराबर बदलती रहें। इससे शरीर में दूध उत्पादन बढ़ेगा। साथ ही ऐसा करने से आपका बच्चा भी आराम से स्तनपान कर सकेगा। दरअसल इससे दोनों स्तन खाली होते रहेंगे और ज्यादा दूध का उत्पादन होता है। एक बार स्तनपान कराते समय कम से कम दो से तीन बार स्तन बदलें।
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