'फर्स्ट इंप्रेशन इज द लास्ट इंप्रेशन' बरसों से चली आ रही धारणा कितनी सही? किसी को समझने के लिए खुद को दें वक्त

 क्या पहली मुलाकात में हम किसी को समझ सकते हैं? बरसों से चली आ रही धारणा फर्स्ट इंप्रेशन इस द लास्ट इंप्रेशन सही है? जानते हैं इसका सच...
  • SHARE
  • FOLLOW
'फर्स्ट इंप्रेशन इज द लास्ट इंप्रेशन' बरसों से चली आ रही धारणा कितनी सही? किसी को समझने के लिए खुद को दें वक्त

अरे उस लड़की के कपड़े तो देखो लगता है उसे फैशन की समझ नहीं है... अरे मैंने उसकी बहन से फोन पर बात की थी लगता है वह कुछ कम बोलती है...। इस तरह के वाक्यांश आप अपने आसपास सुनते ही रहते हैं। लेकिन क्या पहली नजर में ही किसी को जज कर लेना सही आदत है? हम बचपन से सुनते आए हैं कि फर्स्ट इंप्रेशन इस द लास्ट इंप्रेशन, अंग्रेजी की यह कहावत काफी हद तक सही भी हो सकती है लेकिन पहली मुलाकात में हम किसी को नहीं समझ सकते। सामने वाले को समझने के लिए खुद को वक्त देना भी जरूरी है। आज हम इस लेख के माध्यम से आपको बताएंगे कि पहली बार में किसी के लिए राय बना लेना कितना सही है और कितना गलत। पढ़ते हैं आगे।

 

 

positive first impression

कुछ लोगों को समझना मुश्किल

आपने यह कहावत तो सुनी ही होगी की पांचों उंगलियां बराबर नहीं होती। यह कहावत हमारे आसपास मौजूद माहौल पर भी लागू होती है। कुछ लोगों को समझना बड़ा आसान होता है पहली मुलाकात में ही हम उनके हावभाव से पता लगा लेते हैं कि वह किस प्रकार की सोच रखते हैं। लेकिन कुछ लोग बेहद शर्मीले और शांत स्वभाव के होते हैं जिन को समझने में थोड़ा समय लगता है। एक्सपर्ट्स मानते हैं कि जब हम पहली बार किसी से मुलाकात करते हैं तो हम केवल वह साइड देख पाते हैं जो सामने वाला आपको दिखा रहा है। इसके अलावा हम अपने पुराने अनुभव के हिसाब से भी अपनी राय बना लेते हैं। कभी-कभी ये राय गलत भी साबित हो सकती है। इसीलिए पहली मुलाकात में किसी के प्रति नकारात्मक छवि बना लेना या किसी के कहने पर सामने वाले व्यक्ति को गलत मान लेना सही नहीं है। इसके लिए धैर्यपूर्वक सोचकर, सामने वाले व्यक्ति के साथ थोड़ा समय बिताकर और खुद उसकी जगह रखकर समझने की कोशिश करनी चाहिए।

खुद को समय देना भी जरूरी

किसी को समझने के लिए पहले खुद को समय देना पड़ता है। अक्सर आपने देखा होगा कि आपके करीबी दोस्त आपसे कहते हैं कि उसके पास मत जाना वह बहुत मूडी है। आप इस बात पर यकीन भी कर लेते हैं और हफ्तों तक इस बात को मन में बैठा कर आप उस व्यक्ति के पास नहीं जाते और जब बाद में उससे बातचीत शुरू होती है तो आपको पता चलता है कि आपने गलत छवि बना रखी थी। और अपनी गलती का पछतावा होता है। ऐसे में किसी की बातों में आना सही नहीं है खुद की राय बनाने के लिए पहले खुद को समय देना पड़ता है।

इसे भी पढ़ें- दिनचर्या में इन 7 बदलावों से आप अपनी सोच को बना सकते हैं पॉजिटिव, समय खुद को अपडेट करने का

कुछ जरूरी बातें

  • कभी-कभी हम तनाव में होकर किसी व्यक्ति से मिलते हैं तो उसके प्रति मन में नकारात्मक छवि बन जाती है। तनाव में होने के कारण हम उस व्यक्ति से मिलने में ज्यादा दिलचस्पी नहीं दिखाते हैं। ऐसे में उस व्यक्ति से दोबारा मिलने की कोशिश करें।
  • अगर आप किसी शर्मीले या शांत स्वभाव के इंसान से मिलते हैं तो खुद से ही बातचीत शुरू करें। सामने वाले को सहज महसूस कराने के लिए और आपसे खुलकर बातचीत करने के लिए यह एक अच्छी पहल है।
  • फर्स्ट मीटिंग में किसी पर भी भरोसा कर लेना सही नहीं है। क्योंकि लोग अच्छा इंप्रेशन जमाने के लिए आपके सामने अपनी केवल अच्छी परत ही खोलते हैं। ऐसे में सामने वाले को परखने के लिए उन्हें समझने की कोशिश करें तुरंत उनकी बातों से प्रभावित ना हो।
  • अगर कोई व्यक्ति केवल आपकी तारीफ करें या आपको बोलने का मौका ना दें तब भी अपनी राय जल्दी ना बनाएं। ऐसे आत्ममुग्ध लोगों पर भरोसा करने से बचना चाहिए और खुद को सतर्क भी रखना चाहिए।

इसे भी पढ़ें-क्या सर्दियों में आपका काम समय से पूरा नहीं होता? यहां जानें छोटे दिनों में ख़ुद को एडजस्ट करने के टिप्स

Read More Articles on Mind Body In Hindi

Read Next

क्या आपकी भी है बिन मांगे सलाह देने की आदत? अगर हां तो समय रहते सुधार लें ये आदत

Disclaimer