AIIMS में कोवैक्सीन का ह्यूमन ट्रायल हुआ शुरू, 30 साल के वॉलिंटियर को दी गई पहली खुराक

दिल्ली के एम्स में कोविड-19 की वैक्सीन 'कोवैक्सीन' का ह्यूमन ट्रायल शुरू किया गया, जिसमें एक 30 साल के वॉलिंटियर को पहली खुराक दी गई।
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AIIMS में कोवैक्सीन का ह्यूमन ट्रायल हुआ शुरू, 30 साल के वॉलिंटियर को दी गई पहली खुराक

कोरोना वायरस के खिलाफ कोवैक्सीन (Covaxin) के मानव परीक्षण के लिए 24 जुलाई को एम्स, दिल्ली में 30 साल 19 उम्मीदवार कोवाक्सिन की पहली खुराक दी गई। पहली खुराक 0.5 मिली इंट्रामस्क्युलर इंजेक्शन दोपहर करीब 1.30 बजे दी गई। वह दो घंटे के लिए निगरानी में थे और अगले सात दिनों तक उन पर खास नजर रखी जाएगी। उनकी स्क्रीनिंग रिपोर्ट आने के बाद कुछ और प्रतिभागियों को वैक्सीन दी जाएगी। पहली खुराक के बाद, उनकी स्वास्थ्य स्थिति पर एक रिपोर्ट आचार समिति को सौंपी जाएगी, जो पूरी प्रक्रिया की समीक्षा करेगी। इन ट्रायल के दौरान एम्स में 100 स्वस्थ लोगों का टीकाकरण किया जाएगा।  

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ट्रायल के लिए ICMR द्वारा चयनित है AIIMS

आपको बता दें कि चरण पहला और दूसरे के संचालन के लिए भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) की ओर से चयनित 12 साइटों में से एक एम्स है। पहले चरण में वैक्सीन का परीक्षण 375 प्रतिभागियों पर किया जाएगा और जिनमें से करीब 100 लोग एम्स के होंगे। डॉ संजय राय जो एम्स में सामुदायिक चिकित्सा केंद्र में प्रोफेसर हैं और अध्ययन के प्रमुख हैं, उनका कहना है कि दूसरे चरण के 12 साइटों में लगभर 750 लोग शामिल होंगे जिन पर ट्रायल किया जाएगा। वहीं, एम्स के निदेशक डॉक्टर रणदीप गुलेरिया का कहना है कि दूसरे चरण में 12 से 65 साल के बीच 750 लोगों की भर्ती की जाएगी। एम्स में परीक्षण के लिए पहले से ही लगभग 1,800 स्वयंसेवकों ने अपना पंजीकरण कराया है।

बायोटेक द्वारा विकसित की गई है वैक्सीन

आईसीएमआर और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (एनआईवी) की मदद से हैदराबाद स्थित भारत बायोटेक ने कोविड -19 (Covid-19) की वैक्सीन 'कोवैक्सीन' (Covaxin) को विकसित किया है और हाल ही में इस वैक्सीन के लिए ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया से ह्यूमन ट्रायल के लिए मंजूरी मिली है। वैक्सीन के तीन योग हैं, और दो सप्ताह के अलावा दो खुराक में तैयार किया जाएगा। जिसमें पहले 50 को वैक्सीन की सबसे कम ताकत मिलेगी। अगर ये वैक्सीन उनमें सुरक्षित पाई जाती है, तो यह अन्य 50 रोगियों को दिया जाएगा।

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सिप्ला लॉन्च करेगी 'फैवीपिराविर' 

दूसरी ओर सिप्ला लिमिटेड ने कोरोनोवायरस रोगियों के उपचार के लिए जल्द ही 'फैवीपिराविर' (Favipiravir) नाम की दवा लॉन्च करने जा रही है। आपको बता दें कि इस दवा को काउंसिल ऑफ साइंटिफिक ऐंड इंडस्ट्रियल रिसर्च (सीएसआईआर) ने कम लागत वाली विधि से तैयार किया है। जिसे ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया ने आपातकाल स्थिति में इस्तेमाल करने की मंजूरी दे दी है। जानकारी के मुताबिक, इस दवा को अगस्त के पहले हफ्ते में लॉन्च किया जाएगा। फैवीपिराविर (Favipiravir) के क्लिनिकल ट्रायल में काफी शानदार रेस्पॉन्स रहा है और ये कम और मध्यम संक्रमण वाले रोगियों को ज्यादा असर दे रही है।

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तेजी से हो रहा है 'फैवीपिराविर' का प्रोडक्शन 

सिप्ला की ओर से फैवीपिराविर (Favipiravir) का प्रोडक्शन काफी तेजी से हो रहा है और डीसीजीआई से आपात स्थिति में इस दवा के इस्तेमाल की परमिशन की परमिशन दे दी है। सिप्ला की इस दवा को लेकर सीएसआईआर-आईआईसीआर के निदेशक एस चंद्रशेखर ने कहा कि यह टेक्नॉलजी काफी सक्षम है और बहुत सस्ती थी। जिसके कारण आज सिप्ला कम समय में दवाओं को ज्यादा मात्रा में तैयार कर पा रही है। 

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