
क्या एंटीबॉडी इंजेक्शन कोरोनावायरस के खिलाफ लड़ने में मदद कर सकता है? आइए इस बारे में एक्सपर्ट की राय जानें।
देश-दुनिया में कोरोनावायरस के मामले लगातार बढ़ते ही जा रहे हैं। हालांकि देश और दुनिया के डॉक्टर और वैज्ञानिक इस घातक वायरस से लड़ने के दवा और वैक्सीन तैयार करने की कोशिश में लगे हैं। लेकिन इन सब तमाम प्रयासों के बीच एक्सपर्ट यह सुझाव भी दे रहे हैं कि एंटीबॉडी इंजेक्शन कोरोना की लड़ाई में मददगार हो सकता है। जी हां, यदि हमारे शरीर के अंदर बहुत सारे एंटीबॉडी हैं तो वे हमें सुरक्षित और स्वस्थ रहने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। देखा जाए, तो एंटीबॉडी इंजेक्श्ान वायरस से रक्षा और इलाज की एक सबसे सुरक्ष्िात थेरेपी हो सकती है। मानव प्रतिरक्षा प्रणाली प्रत्येक प्रकार के वायरस के लिए विशिष्ट एंटीबॉडी का उत्पादन कर सकती है, जो वायरस को दृढ़ता से बांधती है और इसे हमारी कोशिकाओं को संक्रमित करने से रोकती है।
क्या सचमुच कोरोनावायरस से लड़ने में मददगार हो सकता है एंटीबॉडी इंजेक्शन?
डिमिटर स्टेंचव दिमित्रोव, प्रोफेसर ऑफ मेडिसिन एण्ड डायरेक्टर, सेंटर फॉर एंटिबॉडी थेरेप्यूटिक्स, यूनिवर्सिटी ऑफ पिट्सबर्ग का कहना है, मैं एक संक्रामक रोग वैज्ञानिक हूं और एंटीबॉडी थेरेपी में दिलचस्पी रखता हूं। ऐसा इसलिए क्योंकि वे गंभीर बीमारी को रोकने और जीवन को बचाने के लिए एक अपेक्षाकृत सुरक्षित तरीका है, खासकर जब एक नया, घातक वायरस निकलता है।
प्रोफेसर डिमिटर स्टेंचव दिमित्रोव के अनुसार, COVID-19 के प्रसार को रोकने और बचाव के लिए अरबों लोगों को एंटीबॉडीज की आवश्यकता होगी। तो सवाल यह है कि हम कैसे पर्याप्त मात्रा में एंटीबॉडी का उत्पादन कर सकते हैं और उन सभी की मदद कर सकते हैं, जिन्हें इसकी ज़रूरत है, जिनमें अनुसंधान प्रयोगशालाएं और दवा कंपनियां भी शामिल हैं। हालांकि इन सबके लिए अभी अधिक रिसर्च की जरूरत है। आइए यहां आप जानएि कि एंटीबॉडी क्या है और कैसे काम करती है।
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एंटीबॉडीज क्या है?
हमारी प्रतिरक्षा प्रणाली या इम्युन सिस्टम एक रोगज़नक़ की प्रतिक्रिया में एंटीबॉडी बनाता है। इसका निर्माण हमारा इम्यून सिस्टम शरीर में वायरस को बेअसर करने के लिए करता है। एंटीबॉडी वाई-आकार के रक्त प्रोटीन हैं, जिन्हें "बी सेल्स" नामक सफेद रक्त कोशिकाओं द्वारा बनाया गया है। वे अपनी सतह पर संलग्न होकर वायरस को बेअसर करती हैं और वायरस को हमारी कोशिकाओं में प्रवेश करने से रोकते हैं।
मनुष्य के पास सभी प्रकार के विभिन्न एंटीबॉडी होते हैं, जो हमारे अंदर तैरते रहते हैं। जब एक विशिष्ट वायरस, जैसे कि SARS-CoV-2 यानि कोरोनावायरस जैसा घातक वायरस हमारे शरीर को संक्रमित करता है, तो हमारी प्रतिरक्षा प्रणाली संक्रमण के भारी होने से पहले इसके खिलाफ पर्याप्त विशिष्ट एंटीबॉडी का उत्पादन करने की कोशिश करेगी। यह प्रक्रिया तेजी से हो सकती है और संक्रमण को रोकने में मदद भी कर सकती है। लेकिन तब, यदि हमारे पास पहले से ही वायरस के खिलाफ जड़ने के लिए एंटीबॉडी हैं।
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COVID-19 के उपचार के लिए एंटीबॉडीज की खोज
डिमिटर स्टेंचव दिमित्रोव के अनुसार, SARS-CoV-2 के खिलाफ हमने एक शक्तिशाली तटस्थ mAbs(मोनोक्लोनल एंटीबॉडी) की खोज की है। हम अब पशु प्रयोगों का आयोजन कर रहे हैं और उम्मीद करते हैं कि जल्द ही हमारे परिणामों को एक सहकर्मी की समीक्षा की पत्रिका में प्रकाशित किया जाएगा। सबसे प्रभावी और सुरक्षित mAb का अनुक्रम एक कंपनी को प्रदान किया जाएगा, जो ह्यूमन क्लीनिकल ट्रायल में अध्ययन के लिए एंटीबॉडी की बड़ी मात्रा का उत्पादन करने के लिए कोशिकाओं में एंटीबॉडी को एन्कोड करने वाले जीन को सम्मिलित करेगा।
प्रोफेसर डिमिटर स्टेंचव दिमित्रोव का कहना है कि SARS-CoV-2 के लिए mAbs को इस वर्ष COVID -19 की रोकथाम और उपचार के लिए अनुमोदित किया जाएगा।
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