
खमीर उठाकर बनाई गई डिशेज फर्मेंटेड डिशेज कहलाती हैं। उदाहरण के लिए अचार, कांजी, इडली, डोसा, ढोकला, किमची, जलेबी, ब्रेड आदि को खमीर उठाकर बनाया जाता है। इन डिशेज को फर्मेंट करके बनाए जाने के कारण स्वाद कई गुना बढ़ जाता है। लेकिन क्या फर्मेंटेड डिशेज का सेवन प्रेगनेंसी में किया जाना चाहिए? प्रेगनेंसी के दौरान महिलाओं को डाइट का खास ख्याल रखना होता है। वे अपनी डाइट में ऐसी चीजों का सेवन करती हैं जिससे उनकी इम्यूनिटी बढ़े और शरीर को जरूरी पोषक तत्व मिलें। ऐसे में गर्भवती महिलाओं को फर्मेंटेड फूड खाना चाहिए या नहीं, इस बारे में आगे जानेंगे। इस विषय पर बेहतर जानकारी के लिए हमने Holi Family Hospital, Delhi की डायटीशियन Sanah Gill से बात की।
क्या प्रेगनेंसी में फर्मेंट फूड्स खा सकते हैं?
फर्मेंट प्रोसेस से यानी खमीर उठाकर बनाई गई डिशेज का सेवन करने ने बचना चाहिए। फर्मेंटेड फूड्स के बजाय प्रोबायोटिक फूड्स का सेवन करना चाहिए। प्रोबायोटिक्स जीवित सूक्ष्मजीव होते हैं, जो शरीर और दिमाग के लिए फायदेमंद होते हैं। प्रेगनेंसी में पाचन और इम्यूनिटी कमजोर होती है। ऐसे में अगर फर्मेंटेड फूड्स का ज्यादा सेवन करेंगी, तो पाचन तंत्र बिगड़ जाएगा। पेट में दर्द, गैस की समस्या, पेट में ऐंठन, उल्टी, डायरिया आदि समस्याएं हो सकती हैं। इसके अलावा फर्मेंट डिशेज का सेवन प्रेगनेंसी में करेंगी, तो बैक्टीरियल इंफेक्शन होने की आशंका बढ़ सकती है।
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प्रेगनेंसी में फर्मेंट फूड खाने के फायदे
तनाव को कम करने के लिए फर्मेंटेड फूड्स का सेवन फायदेमंद माना जाता है। मूड को बेहतर बनाने के लिए सेरोटोनिन हार्मोन की सही मात्रा का होना जरूरी है। सेरोटोनिन शरीर में तभी फॉर्म होगा जब पाचन तंत्र अच्छा होगा। अच्छे पाचन के लिए फर्मेंटेड फूड का सेवन किया जाता है। प्रेगनेंसी में अक्सर महिलाओं को तनाव महसूस होता है जिसे दूर करने के लिए खमीर वाले भोजन का सेवन फायदेमंद होगा। वहीं दूसरी ओर प्रेगनेंसी में विटामिन बी12 की कमी को पूरा करने के लिए फर्मेंट फूड का सेवन फायदेमंद होगा।
प्रेगनेंसी में फर्मेंट फूड खाने के नुकसान
जिस खाने को रातभर, कुछ दिन या कुछ हफ्तों के लिए छोड़ दिया जाता है वो चीज फर्मेंटेड हो जाती है। इस प्रक्रिया से खाने में प्रोबायोटिक बैक्टीरिया के साथ-साथ बैड बैक्टीरिया भी पनप जाते हैं। फर्मेंटेड फूड्स का सेवन करने से फूड पॉइजनिंग का खतरा हो सकता है। खाने को अच्छी तरह से पकाकर खाने पर लिस्टीरिया नामक बैक्टीरिया मरता है जबकि फर्मेटेड फूड्स में वो मौजूद होता है। जब तक आप खाने को 65 डिग्री सेल्सियस से ज्यादा हीट पर नहीं पकाएंगे, बैड बैक्टीरिया खत्म नहीं होते।
प्रेगनेंसी में बढ़ सकती है सूजन
प्रेगनेंसी में सूजन की समस्या आम होती है। ऐसे में अगर आप फर्मेंट वाले फूड्स का सेवन कर लेंगी, तो सूजन बढ़ सकती है। जब प्रोबायोटिक्स, शरीर या आंत से हानिकारक बैक्टीरिया हटा रहे होते हैं, तब सूजन का अनुभव होता है। ऐसे में आपको इसका ज्यादा सेवन करने से बचना चाहिए।
एंटीबायोटिक दवा के साथ न खाएं फर्मेंट फूड
आपको बता दें कि फर्मेंटेड फूड्स, एंटीबायोटिक दवाओं के साथ प्रतिरोध पैदा करते हैं। अगर प्रेगनेंसी में किसी कारण से एंटीबायोटिक दवाओं का सेवन कर रही हैं, तो भी आपको फर्मेंटेड फूड्स का सेवन करने से बचना चाहिए। ध्यान रखें कि दवा के अलावा पनीर, दही और छाछ जैसे उत्पाद प्रेगनेंसी में खराब तबीयत का कारण बन सकते हैं इसलिए फर्मेंटेड फूड्स से दूरी बरतें।
प्रेगनेंसी के दौरान फर्मेंटेड फूड्स का ज्यादा सेवन करने से बचना चाहिए। फर्मेंटेड फूड्स का सेवन करने से शरीर में सूजन और पेट से जुड़ी समस्याएं बढ़ सकती हैं। लेख पसंद आया हो, तो शेयर करना न भूलें।