Cynophobia in Hindi: क्या आपको कुत्तों से डर लगता है? कुत्ते को देखकर हद से ज्यादा डरना एक मानसिक बीमारी हो सकती है। इस डिसआर्डर को साइनोफोबिया के नाम से जानते हैं। कुछ लोगों को साइनोफोबिया होने पर कुत्ते को अपने सामने देखकर डर लगता है। वहीं कुछ को कुत्ते के बारे में सोचकर या उसे टीवी पर देख लेने से ही भय होता है। ये ठीक वैसा एहसास है जैसे टीवी पर कोई डरावनी मूवी देख ली हो। कुत्ते के संपर्क में आने पर साइनोफोबिया से पीड़ित व्यक्ति को भय और चिंता का अनुभव होने लगता है। साइनोफोबिया होने पर व्यक्ति की दिनचर्या पर बुरा असर पड़ सकता है। यहां तक कि कुछ लोगों को कुत्ते को सामने देखकर पैनिक अटैक भी आ सकता है। इस लेख में हम जानेंगे साइनोफोबिया के लक्षण, कारण और इलाज के बारे में। इस विषय पर बेहतर जानकारी के लिए हमने लखनऊ के केयर इंस्टिट्यूट ऑफ लाइफ साइंसेज की एमडी फिजिशियन डॉ सीमा यादव से बात की।
साइनोफोबिया क्या है?- Cynophobia in Hindi
साइनोफोबिया एक ग्रीक शब्द साइनोस से बना है। साइनोस का मतलब है कुत्ता और फोबिया का मतलब है डर। इन दोनों शब्दों को मिला दें तो बनता है कुत्तों का डर। इससे पीड़ित लोग सड़क पर चलने में असहज महसूस करते हैं। बच्चों में डॉग फोबिया या साइनोफोबिया 5 से 6 साल की उम्र के बाद हो सकता है। वयस्कों में साइनोफोबिया अधेड़ उम्र तक रह सकता है। ऐसा माना जाता है कि पूरी दुनिया में 6 से 7 प्रतिशत लोग साइनोफोबिया का शिकार होते हैं।
साइनोफोबिया के लक्षण- Cynophobia Symptoms
- कुत्ते को देखकर घबराहट या चिंता होना।
- कुत्ते को देखकर चीखना, चिल्लाना या नियंत्रण खो बैठना।
- कुत्ता सामने देखकर रोना या डर जाना।
- कुत्ता सामने आता देखकर सांस लेने में तकलीफ होना, पसीना आना।
- कुत्ता सामने देखकर दिल की धड़कन तेज होना या जी मिचलाना।
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साइनोफोबिया के कारण- Causes Of Cynophobia
- बचपन में कुत्ते का शिकार होना या कुत्ते के काटने का कोई अनुभव।
- साइनोफोबिया के ज्यादातर मामले बचपन में ही बनते हैं।
- कुत्ते से जुड़ा नकारात्मक अनुभव होना।
- साइनोफोबिया जेनेटिक हो सकता है।
- अगर माता-पिता को कुत्ते से डर लगता है, तो हो सकता है कि आपके साथ भी ऐसा हो।
साइनोफोबिया का इलाज क्या है?- Cynophobia Treatment
- साइनोफोबिया से पीड़ित व्यक्ति को ये बात समझाएं कि कुत्ते उसे बेवजह नहीं काटेंगे।
- जानवरों से एक दूरी बनानी जरूरी है लेकिन उनसे बेवजह डरना सही नहीं है।
- इस डिसआर्डर से जूझ रहे व्यक्ति को सीबीटी यानी कॉग्निटिव बिहेवियरल थेरेपी की मदद लेनी चाहिए।
- साइनोफोबिया का डर निकालने के लिए साइकोलॉजिस्ट कई ऐसे सेशन्स लेते हैं जिनमें व्यक्ति को यकीन दिलाया जाता है कि उसे डिसआर्डर है।
- जब व्यक्ति इस बात पर भरोसा कर लेता है, तो उसका डर कम करने के लिए डॉक्टर नकारात्मक विचारों को तर्कसंगत विचारों से बदलते हैं। इसे एक्सपोजर थेरेपी कहते हैं।
साइनोफोबिया जैसे कई फोबिया हैं जिसके कारण लोग परेशान होते हैं। डर को हराएं और डिसआर्डर के लक्षणों पर काबू पाएं।
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