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Fact Check: क्या वाकई बार-बार उबालने से दूध का पोषण कम हो जाता है? जानें एक्सपर्ट की राय

Does Boiling Milk Reduce Nutrients: दूध को बार-बार उबालने से क्या वाकई इसमें मौजूद पोषण नष्ट हो जाता है? आइए एक्सपर्ट से जानते हैं।
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Fact Check: क्या वाकई बार-बार उबालने से दूध का पोषण कम हो जाता है? जानें एक्सपर्ट की राय

Does Boiling Milk Reduce Nutrients: बच्चे हों या बूढ़े, सभी को रोज एक गिलास दूध पीने की सलाह जरूर दी जाती है। दूध को अपने आप में एक संपूर्ण मील कहा जाता है। इसका अर्थ है कि एक गिलास दूध पीना, एक बार भोजन करने के बराबर होता है। ऐसा इसलिए क्योंकि दूध में प्रोटीन, कार्ब्स और फैट, तीनों ही जरूरी मैक्रोन्यूट्रिएंट्स होते हैं, जो स्वस्थ शरीर के लिए बहुत जरूरी होते हैं। साथ ही विटामिन ए, बी, डी, के और कैल्शियम, मैग्नीशियम जैसे जरूरी पोषक तत्वों का भी यह एक बेहतरीन स्रोत होते हैं। यह शरीर को भीतर से मजबूत बनाता है। दिमाग तेज करता है, आंखों की रोशनी में सुधार करता है और हड्डियों व मांसपेशियों को मजबूत बनाता है। बच्चे के शारीरिक विकास की बेहतरी के लिए भी उन्हें दूध पिलाना बहुत जरूरी होता है। लेकिन दूध के सेवन को लेकर एक बात को लेकर काफी असमंजस में रहते हैं कि दूध को उबालकर पीना चाहिए या बिना उबाले। क्योंकि अक्सर लोगों को द्वारा यह सुनने को मिलता है कि दूध को उबालने से उसका पोषण नष्ट हो जाता है। कईयों का यह भी कहना है कि थैली में मौजूद दूध पहले से ही उबला हुआ होता है। लेकिन क्या वाकई ऐसा है?

सेहत और खानपान से जुड़ी ऐसे ही गलत धारणाओं और मिथकों की सच्चाई आप तक पहुंचाने के लिए ’धोखा या हकीकत’ नाम से एक सीरीज चला रहे हैं। इसके तहत हम डॉक्टर या एक्सपर्ट के माध्यम से गलत धारणाओं की सच्चाई आप तक पहुंचाने की कोशिश कर रहे हैं। दूध उबालने से क्या वाकई पोषण नष्ट होता है या नहीं,  इस विषय पर बेहतर जानकी के लिए हमने फिटनेस कोच, न्यूट्रिशनिस्ट और सप्लीमेंट स्पेशलिस्ट विनीत कुमार से बात की। चलिए इसके बारे में विस्तार से जानते हैं।

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क्या वाकई बार-बार उबालने से दूध का पोषण कम हो जाता है- Does Boiling Milk Reduce Nutrients In Hindi

दूध को उबालने से इसमें मौजूद पोषण नष्ट होता है या नहीं, इसे जानने से पहले आपको यह बता दें कि थैली या पैकेट वाला दूध पहले से उबला हुआ नहीं होता है। दरअसल, दूध में मौजूद हानिकारक बैक्टीरिया को मारने के लिए दूध को 160°F तक गर्म किया जाता है। इस प्रक्रिया को पास्चुरीकरण कहते हैं। इसका उद्देश्य दूध में मौजूद बैक्टीरिया को नष्ट करना होता है। दूध को उबालना और पास्चुरीकरण दोनों ही अलग-अलग चीजें हैं।

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न्यूट्रिशनिस्ट विनीत के अनुसार "कच्चा दूध हो या बाजार से लाया गया पैकेट वाला दूध, इसे एक बार उबालना बहुत आवश्यक होता है। लेकिन यह सलाह दी जाती है कि दूध को बार-बार उबालना नहीं चाहिए। भले ही दूध को उबालने से इसमें मौजूद पोषण कम नहीं होता है, लेकिन बार-बार दूध को उबालना पोषण के नष्ट होने का कारण जरूर बन सकता है। अधिकतम आप दूध को 2 बार उबाल सकते हैं, इससे अधिक नहीं। इसके अलावा, आपको यह ध्यान रखने की जरूरत है कि दूध को बहुत अधिक तापमान पर नहीं उबालना चाहिए। दूध के पोषण को बनाए रखने के लिए आपको हमेशा दूध को कम तापमान पर और हल्का पानी मिलाकर उबालना चाहिए।"

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एक्सपर्ट क्या सलाह देते हैं?

न्यूट्रिशनिस्ट विनीत सुझाव देते हैं कि दूध को एक बार उबालकर रख लें। अगर आप बाद में दूध पीना चाहते हैं, तो इससे हल्का गुनगुना करके पी सकते हैं। लेकिन बार-बार पूरी तरह दूध को उबालने की जरूरत नहीं होती है। लेकिन भूलकर भी कच्चे दूध का सेवन भी न करें, क्योंकि यह सेहत के लिए नुकसानदायक हो सकता है। इसमें मौजूद बैक्टीरिया आपको बीमार बना सकते हैं।

All Image Source: Freepik

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