Eye Flu Risk During Monsoon: राजधानी दिल्ली समेत देश के कई शहरों में बारिश की वजह से बाढ़ की स्थिति बनी हुई है। यमुना नदी में जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर है और शहर में हर जगह पानी भरा हुआ है। भारी बारिश और नदियों में बढ़ रहे पानी की वजह से देश के कई राज्यों में बाढ़ की स्थिति बनी हुई है। बारिश और बाढ़ की वजह से एक तरह जनजीवन अस्त-व्यस्त है, तो वहीं इसकी वजह से कई जानलेवा बीमारियों का खतरा भी बढ़ रहा है। बारिश और बाढ़ की वजह से आंखों से जुड़ी बीमारियां भी तेजी से बढ़ती हैं। दिल्ली, यूपी समेत कई उत्तर भारतीय राज्यों में आई फ्लू (Eye Flu) के मरीज बढ़ रहे हैं। अस्पतालों में रोजाना सैकड़ों की संख्या में मरीज भर्ती हो रहे हैं। आई फ्लू दरअसल आंखों में होने वाला एक संक्रमण है। इस समस्या में मरीजों को आंखों में दर्द, लालपन समेत कई परेशानियां होती हैं। आइये इस लेख में विस्तार से जानते हैं बारिश के मौसम में आई फ्लू से बचाव के टिप्स।
बारिश में बढ़ा आई फ्लू का खतरा- Eye Flu Risk During Monsoon
बारिश और सर्दी की वजह से आंखों का इन्फेक्शन तेजी से फैलता है। बारिश के मौसम में मरीजों को आई इन्फेक्शन का सामना करना पड़ता है। आई फ्लू को कंजक्टिवाइटिस (Conjunctivitis) भी कहा जाता है। आई फ्लू के कारण मरीजों को आंखों में दर्द, सूजन, पानी बहने और लालपन जैसी समस्या होती है। मानसून सीजन में आई फ्लू का खतरा बच्चों में सबसे ज्यादा रहता है। सीतापुर आंख अस्पताल के वरिष्ठ नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. धर्मेंद्र सिंह कहते हैं कि बरसात में फंगल इन्फेक्शन समेत हवा में प्रदूषण, वातावरण में नमी जैसी समस्याएं बढ़ जाती हैं। इसकी वजह से मरीजों को आंख से जुड़ी परेशानियां होती हैं। इस मौसम में आंखों का सही ध्यान रखने से मरीज की परेशानियां कम हो सकती हैं। ऐसे लोग जो आंखों में कॉन्टेक्ट लेंस पहनते हैं, उन्हें विशेष सावधानियों का ध्यान रखना चाहिए।
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आई फ्लू के लक्षण- Eye Flu Symptoms in Hindi
आई फ्लू को कंजंक्टिवाइटिस या पिंक आई के नाम से भी जाना जाता है। यह बरसात के मौसम में सबसे ज्यादा होता है। इस समस्या में आपकी आंख के सफेद हिस्से में संक्रमण फैल जाता है, जिसकी वजह से कई परेशानियां होती हैं। ऐसे लोग जो सर्दी-जुकाम और वायरल संक्रमण से ग्रसित हैं, उनमें आई फ्लू का खतरा ज्यादा रहता है। बारिश के मौसम में बच्चों को आई फ्लू से संक्रमित होने का खतरा ज्यादा रहता है। बच्चों में जीवाणु संक्रमण फैलने की वजह से यह समस्या हो सकती है। आई फ्लू होने पर आंखों में ये लक्षण दिखाई देते हैं-
- आंखों में कीचड़ ज्यादा आना
- सुबह उठने पर आंखों का चिपकना
- आंखों में सूजन
- आंख दर्द की समस्या
- आंख से पानी आना और खुजली
- आंखों का लाल होना
आई फ्लू से बचाव के टिप्स- Eye Flu Prevention Tips in Hindi
आंखों में संक्रमण या आई फ्लू का खतरा बारिश के मौसम में ज्यादा रहता है। इस मौसम में हवा में फंगस इन्फेक्शन फैलाने वाले जीवाणु बढ़ जाते हैं। आई इन्फेक्शन आमतौर पर एक आंख से शुरू होता है और दूसरी आंख में फैल जाता है। इसके लक्षण दिखने पर आपको तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। बारिश के मौसम में आई इन्फेक्शन से बचाव के लिए आपको बारिश में भीगने से बचना चाहिए। इसके अलावा प्रदूषित हवा में बाहर जाते समय आंखों पर चश्मा लगाएं। आई फ्लू के लक्षण दिखने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। आई फ्लू होने पर डॉक्टर मरीजों को कुछ आई ड्रॉप्स के इस्तेमाल की सलाह देते हैं। इस परेशानी से बचने के लिए आंखों को छूने या रगड़ने से बचें। इसके अलावा अपने हाथों को नियमित रूप से हैंड सैनिटाइजर से साफ कें। अगर आप कॉन्टैक्ट लेंस पहनते हैं, तो इसकी साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखें। बारिश में स्विमिंग पूल में नहाने से बचें और नहाते समय आंखों पर चश्मा जरूर लगाएं। आंखों को रोजाना दो से तीन बार साफ करने के बाद रूमाल से सुखाएं और संक्रमित लोगों की चीजों का इस्तेमाल करने से बचें।
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बारिश के दौरान इन बातों का ध्यान रखने से आप आई फ्लू या पिंक आई की समस्या से बच सकते हैं। आई फ्लू के लक्षण दिखने पर बिना डॉक्टर की सलाह के किसी भी तरह की दवा या आई ड्रॉप्स का इस्तेमाल करने से बचना चाहिए। आंखों से जुड़ी समस्याओं में गलत तरीके से दवाओं का इस्तेमाल करने से आपकी आंखों को गंभीर नुकसान पहुंच सकता है।
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