युवाओं में ड्रग्स और नशे की लत पर Onlymyhealth की स्पेशल कवरेज, दुनियाभर के एक्सपर्ट्स ने रखी अपनी राय

हेल्थ एक्सपर्ट्स से जानें कि युवा आखिर क्यों नशे और ड्रग्स की लत में पड़ जाते हैं? युवाओं की सेहत पर इसका किस तरह असर पड़ता है।
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युवाओं में ड्रग्स और नशे की लत पर Onlymyhealth की स्पेशल कवरेज, दुनियाभर के एक्सपर्ट्स ने रखी अपनी राय

नशाखोरी और ड्रग्स की लत पूरी दुनिया के लिए एक अभिशाप की तरह है। दुनिया के लगभग सभी देशों में ड्रग्स का सबसे ज्यादा इस्तेमाल युवाओं में देखा जाता है। ड्रग्स और नशे की लत जितना इन युवाओं की शारीरिक सेहत को खराब करती है, उससे ज्यादा मेंटल हेल्थ को नुकसान पहुंचाती है। यही कारण है कि हर साल 26 जून को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ड्रग्स और नशीली दवाओं की तस्करी के खिलाफ एक जागरूकता दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस साल International Day Against Drug Abuse and Illicit Trafficking के मौके पर जागरण न्यू मीडिया (Jagran New Media) की तरफ से इंडिया की सबसे विश्वसनीय हेल्थ वेबसाइट Onlymyhealth ने युनाइटेड नेशन्स ऑफिस ऑफ ड्रग्स एंड क्राइम (UNODC) के साथ मिलकर एक खास ऑनलाइन सेशन रखा था, जिसमें दुनियाभर के हेल्थ एक्सपर्ट्स और ड्रग्स की रोकथाम में लगे जिम्मेदार लोग शामिल हुए हैं। कार्यक्रम को जागरण न्यू मीडिया की हेल्थ और लाइफस्टाइल हेड और एडिटर मेघा ममगेन (Megha Mamgain) ने संचालित किया। सभी एक्सपर्ट्स ने ड्रग्स के इस्तेमाल से होने वाले नुकसान, इसकी रोकथाम के लिए जरूरी कदमों पर अपनी राय रखी और युवाओं के लिए जरूरी सलाह भी दी।

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विकसित होते मस्तिष्क के लिए खतरनाक है ड्रग्स

UNODC साउथ एशिया के रीजनल रिप्रेजेंटेटिव Mr. Sergey Kapinos ने कहा कि ड्रग्स का इस्तेमाल पूरी दुनिया के लिए बेहद चिंता का विषय है। नए डाटा के अनुसार दुनिया में 3 करोड़ 56 लाख से ज्यादा लोग ड्रग यूज डिस्ऑर्डर का शिकार हैं। कम उम्र के युवाओं में भी ये लत देखी जाती है। युवाओं के लिए ड्रग्स बहुत खतरनाक है, उसका कारण यह है कि उनका मस्तिष्क पूरी तरह विकसित भी नहीं होता है, बल्कि विकास चलता रहता है। ऐसे में ड्रग्स के इस्तेमाल से उनका ब्रेन डेवलपमेंट नहीं हो पाता है।

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पड़ोसी देशों और राज्यों से होता है ड्रग्स का सप्लाई

भारत सरकार के नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (Narcotics Control Bureau) के डायरेक्टर जनरल राजेश नंदन श्रीवास्तव ने कहा कि भारत में ड्रग्स की लत की मुख्य सप्लाई 2 पड़ोसी देशों और कई आंतरिक राज्यों से होती है। भारत में हेरोइन अफगानिस्तान के रास्ते से आता है। आपको जानकर हैरानी होगी कि इसकी सप्लाई एयर, रोड, समुंदर सारे रास्तों से होती है। इसके अलावा म्यामार से भी ड्रग्स की सप्लाई भारत में होती है। नार्कोटिक्स विभाग पूरी मुस्तैदी के साथ इन्हें कंट्रोल करने के लिए लगा रहता है। लेकिन लोग जब तक खुद जागरूक नहीं होंगे तब तक इसे पूरी तरह नहीं रोका जा सकता। भारत में चरस, गांजा जैसे नशीले पदार्थों की सप्लाई एक राज्य से दूसरे राज्य में होती रहती है। कभी झारखंड का चरस राजस्थान में पकड़ा जाता है, तो उड़ीसा का गांजा लखनऊ में मिलता है। इसलिए हमें आंतरिक तौर पर भी लगाम लगाने की जरूरत है और देश के बाहर से आने वाले ड्रग्स की सप्लाई को भी रोकना है, लेकिन सबसे पहले इसे इस्तेमाल करने वालों को जागरूक करना चाहिए, क्योंकि डिमांड नहीं होगी तो सप्लाई भी नहीं होगी। और अगर डिमांड होगी, तो सप्लाई के सभी रास्तों पर सरकार पहरा नहीं लगा सकती है। कई मामले तो ऐसे आए हैं, जहां पोस्ट कार्ड और कुरियर से ड्रग्स भेजे गए हैं।

पुरुषों में ज्यादा पाई जाती है ड्रग्स और नशे की लत

भारत सरकार की सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय (Ministry of Social Justice And Empowerment) की ज्वाइंट सेक्रेटरी राधिका चक्रवर्ती ने बताया कि ड्रग्स के इस्तेमाल से शारीरिक और मानसिक दोनों तरह की परेशानियां आती हैं। इसमें कोई हैरानी नहीं कि भारत ही नहीं दुनियाभर में ड्रग्स और नशे का सबसे ज्यादा शिकार पुरुष हैं। वहीं UNAIDS भारत के कंट्री डायरेक्टर Dr. Bilali Camara ने कहा कि ड्रग्स के इस्तेमाल के 3 आयाम हैं, जिनपर एक साथ काम करने की जरूरत है- सप्लाई, डिमांड और सजा। इन तीनों पर ध्यान देकर ही ड्रग्स और नशे के इस्तेमाल को रोका जा सकता है।

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क्यों करते हैं युवा ड्रग्स और नशे की चीजों का सेवन?

AIIMS के National Drug Dependence Treatment सेंटर के प्रोफेसर डॉ. अतुल अंबेकर ने बताया कि ड्रग्स और नशे की चीजों को रोकने के लिए सबसे पहले इसके इस्तेमाल करने वालों को सही रास्ते पर लाना जरूरी है। युवाओं में इस तरह के पदार्थों के इस्तेमाल के कई कारण हैं जैसे- फ्रस्टेशन, मेंटल हेल्थ प्रॉब्लम, डिप्रेशन आदि। लेकिन अच्छी बात ये है कि ऐसे लोगं को सही गाइडेंस के द्वारा ड्रग्स और नशे का इस्तेमाल करने से रोका जा सकता है। ड्रग्स के इस्तेमाल के 2 पहलू हैं। पहला यह कि लोग मानसिक रूप से फ्रस्टेशन का शिकार होते हैं, इसलिए ड्रग्स का इस्तेमाल करते हैं। और दूसरा यह कि लोग बहुत ज्यादा ड्रग्स का इस्तेमाल करते हैं, तो उन्हें कई तरह की मेंटल समस्याओं का सामना करना पड़ता है। इसके अलावा India Drug Users Forum के President, Moses Pachuau ने कहा कि ड्रग्स के इस्तेमाल की रोकथाम में मीडिया की बड़ी भूमिका हो सकती है।

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