आपके सिगरेट में मौजूद 10 जहरीले तत्व, जो टॉयलेट क्लीनर और चूहे मारने की दवा जितने खतरनाक हैं

सिगरेट पीना कितना खतरनाक हो सकता है इसका अंदाजा आप इस बात से लगा सकते हैं कि तंबाकू में इतने खतरनाक तत्व होते हैं जिनका इस्तेमाल टॉयलेट क्लीनर, चूहे मारने की दवाओं और सड़क बनाने वाले कोलतार में किया जाता है। जानें सिगरेट में मौजूद 10 सबसे जहरीले तत्व।
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आपके सिगरेट में मौजूद 10 जहरीले तत्व, जो टॉयलेट क्लीनर और चूहे मारने की दवा जितने खतरनाक हैं


सिगरेट पीने की आदत को खतरनाक समझा जाता है क्योंकि सिगरेट आपकी सोच से भी कहीं ज्यादा नुकसानदायक होती है। आपको जानकर हैरानी होगी कि आपकी 3 इंच की सिगरेट में भरे हुए तंबाकू में 7,000 से भी ज्यादा केमिकल्स होते हैं। इनमें से ज्यादातर केमिकल्स जहरीले होते हैं और शरीर के लिए खतरनाक होते हैं। इसके अलावा तंबाकू में 60 से ज्यादा ऐसे तत्व होते हैं, जो कैंसर का कारण बनते हैं। सिगरेट में मौजूद कई केमिकल्स तो ऐसे हैं, जिनका इस्तेमाल चूहे मारने की दवा और टॉयलेट साफ करने वाला लिक्विड बनाने में किया जाता है। आइए आपको बताते हैं सिगरेट या तंबाकू में मौजूद 10 सबसे खतरनाक केमिकल्स।

निकोटिन

निकोटिन एक जहरीला पदार्थ है, जो तंबाकू में खासतौर पर पाया जाता है। आपको जानकर हैरानी होगी कि निकोटिन एक तरह का पेस्टिसाइड (उर्वरक) है, जो पौधों के कीड़े मारने के काम आता है। निकोटिन रंगहीन होता है। निकोटिन शरीर में पहुंचते ही मस्तिष्क पर असर दिखाता है और तलब को बढ़ाता है, जिसके कारण आप 1 के बाद दूसरी और फिर तीसरी सिगरेट पीने के लिए मजबूर हो जाते हैं।

टार

टार को आपने भी देखा होगा, क्योंकि सड़क बनाने के लिए जिस काले पदार्थ का प्रयोग किया जाता है, वो टार (कोलतार) ही होता है। सिगरेट में भी टार मौजूद होता है। टार एक काला और चिपचिपा पदार्थ होता है, जो फेफड़ों में जाकर जमा हो जाता है और कैंसर का कारण बनता है।

कार्बन मोनो ऑक्साइड

कार्बन मोनो ऑक्साइड भी सिगरेट में मौजूद एक खतरनाक तत्व है। कार से निकलने वाले काले धुंए में भी कार्बन मोनो ऑक्साइड होता है। अब आप समझ सकते हैं कि सांसों के द्वारा जब ये कार्बन मोनो ऑक्साइड आपके फेफड़ों तक पहुंचता होगा, तो कितना नुकसान पहुंचाता होगा।

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आर्सेनिक

तंबाकू की खेती के दौरान आर्सेनिक का प्रयोग किया जाता है, इसलिए तंबाकू में भी थोड़ी मात्रा में आर्सेनिक होता है। खास बात ये है कि इसी आर्सेनिक का प्रयोग चूहे मारने वाली दवाओं में किया जाता है, क्योंकि ये एक जहरीला तत्व है। आर्सेनिक की थोड़ी मात्रा भी जानलेवा हो सकती है।

अमोनिया

अमोनिया का प्रयोग टॉयलेट साफ करने वाले लिक्विड (टॉयलेट क्लीनर) और उर्वरक में किया जाता है। अमोनिया एक जहरीली गैस होती है। आपको जानकर हैरानी होगी कि आपकी सिगरेट में भी अमोनिया होता है और लंबे समय तक सिगरेट पीते रहने से ये जानलेवा बीमारियों का कारण बनता है।3

एसिटोन

सिगरेट में एसिटोन भी होता है। एसिटोन एक तरह का लिक्विड होता है, जिसका प्रयोग नेल पॉलिक रिमूवर में भी किया जाता है। इंसानों के लिए इस तरह के तत्वों का सेवन कभी भी सही नहीं ठहराया जा सकता है।

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टालवीन

टालवीन भी सिगरेट में मौजूद एक बेहद हानिकारक तत्व है, जिसका प्रयोग रबर बनाने, डाई बनाने, स्याही और डिटर्जेंट बनाने में किया जाता है। इसके अलावा बम बनाने में भी टालवीन का प्रयोग किया जाता है।

पोलोनियम-210

सिगरेट में पोलोनियम-210 भी होता है। आपको जानकर हैरानी होगी कि इस पोलोनियम-210 का इस्तेमाल परमाणु हथियारों को बनाने में किया जाता है। इसके अलावा नाभिकीय ऊर्जा पैदा करने में भी ये तत्व काम आता है। इतने खतरनाक तत्व का आपके शरीर पर लंबे समय में क्या असल होगा, ये आप सोच भी नहीं सकते हैं।

मेथनॉल

सिगरेट में मौजूद मेथनॉल, आमतौर पर हवाई जहाजों में ईंधन के रूप में प्रयोग किया जाता है।

मिथाइलामिन

तंबाकू में मिथाइलामिन पाया जाता है। ये तत्व आमतौर पर टैनिंग लोशन में इस्तेमाल किया जाता है। फेफड़ों के लिए ये सभी तत्व हानिकारक होते हैं और शरीर में ढेर सारे रोगों का कारण बन सकते हैं।

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